14 % राज्यांश की घोषणा – NOPRUF के दबाव का असर….जनघोषणा पत्र में शामिल पुरानी पेंशन बहाली का वादा पूरा करें सरकार

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रायपुर। राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी पी सिंह रावत जी के नेतृत्व में NOPRUF छत्तीसगढ़ द्वारा रायपुर में धरना प्रदर्शन, सभी प्रदेश संयोजक के नेतृत्व में बिलासपुर में सम्मेलन, जिला स्तरीय बाइक रैली, ज्ञापन, ops की मांग हेतु वृक्षारोपण, सामूहिक उपवास, nps का दहन, ops रंगोली, दीप प्रज्वलन कर ops की मांग , nps काला दिवस, मुख्यमंत्री जी को टैग कर लगातार ट्विटर अभियान आदि के माध्यम से सरकार तक पुरानी पेंशन बहाली की मांग को पहुंचाया जा रहा है, इसी क्रम में 1 फरवरी 2022 को पोस्टर के माध्यम से ट्विटर अभियान चलाया जाएगा।

26 जनवरी को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी द्वारा राज्यांश राशि को 10 प्रतिशत से बढाकर 14 % किए जाने की घोषणा की गई है, जबकि केंद्र सरकार द्वारा केन्द्रीय कर्मचारियों को 14 % केन्द्रांश राशि पूर्व से देय है, nps हेतु केंद्र में 14 % केन्द्रांश राशि तय किया है।

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा छत्तीसगढ़ के प्रदेश संयोजक संजय शर्मा, वीरेंद्र दुबे, लैलूंन भारद्वाज, रोहित तिवारी, तुलसी साहू, निर्मल साहू , डॉ रवि बंजारे, श्री एस पी देवांगन, श्री बी बी जायसवाल, राष्ट्रीय आईटी सेल प्रभारी बसंत चतुर्वेदी, राजेश शर्मा ने कहा कि NOPRUF छत्तीसगढ़ की मांग 14 % राज्यांश नही बल्कि जनघोषणा पत्र में शामिल पुरानी पेंशन बहाली की मांग है, सरकार को जनघोषणा पत्र के अनुसार पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा शीघ्र करना चाहिए।

NOPRUF छत्तीसगढ़ के प्रदेश संयोजक संजय शर्मा ने कहा कि पुरानी पेंशन लेने वाले नेता nps में 14% राज्यांश के लिए आभार जता रहे है, वे मजे से पुरानी पेंशन ले रहे है और 14% राज्यांश के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताकर नई पेंशन योजना का समर्थन कर रहे है, ये वही नेता है जो 14% महंगाई भत्ता के लिए हड़ताल करते है और खुद मुख्यमंत्री से मिलकर 5% देने की बात पर माला पहनाकर कर्मचारियों के महंगाई भत्ता को शासन के पास गिरवी रखते है, जिन्हें पुरानी पेंशन मिल रहा है वे अन्य nps कर्मचारियों के पुरानी पेंशन की मांग न कर नई पेंशन का समर्थन करते है, यह बड़ा हास्यास्पद व nps कर्मचारियों की मांग का मजाक है।

आज देश का सबसे बड़ा मुद्दा पुरानी पेंशन बहाली की मांग बन चुका है पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में एनपीएस कार्मिक एवं परिवार जन मित्र जनों की निर्णायक भूमिका रहेगी, अब एनपीएस कार्मिक अपने बुढ़ापे के सहारे के लिए सजग हो चुका है, आर पार की लड़ाई के लिए तैयार है, एक तरफ विधायक, सांसद मात्र एक दिन के कार्यकाल में भी पुरानी पेंशन का लाभ ले रहे हैं वही दूसरी तरफ सरकारी कर्मचारी जीवन के तीस वर्ष, पैंतीस वर्ष सरकारी सेवा में समर्पित करता है, उसको एनपीएस बाजार आधारित पेंशन देय है, जो कि कार्मिकों के लिए लाभकारी नही है, बल्कि दुखदाई है जिसका हम लगातार विरोध कर रहे हैं।

ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन बहाली की लड़ाई हेतु शिक्षक, लिपिक, पंचायत सचिव, पटवारी, राजस्व अधिकारी, प्राध्यापक व महाविद्यालयीन अधिकारी, स्वस्थ्य कर्मचारी, सीएसईबी, सभी विभाग के कर्मचारी NOPRUF में एकजुट हो चुके है।

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा छत्तीसगढ़ में प्रदेश के बड़े बड़े कर्मचारी संघ के संजय शर्मा – छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन, वीरेंद्र दुबे – शालेय शिक्षक संघ, लैलूंन भारद्वाज – क्रांतिकारी शिक्षक संघ, रोहित तिवारी – छत्तीसगढ़ प्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ, तुलसी साहू – प्रदेश पंचायत सचिव संघ, निर्मल साहू – राजस्व पटवारी संघ छत्तीसगढ़, डॉ रवि बंजारे – छत्तीसगढ़ शासकीय महाविद्यालयीन प्राध्यापक एवं अधिकारी संघ, श्री एस पी देवांगन छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ, श्री बी बी जायसवाल सीएसईबी डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन शमिल है जिससे पुरानी पेंशन बहाली हेतु मोर्चा सबसे मुख्य भूमिका में संघर्षरत है,

NOPRUF के प्रदेश संयोजक संजय शर्मा, राष्ट्रीय आईटी सेल प्रभारी बसंत चतुर्वेदी, प्रदेश सह संयोजक सुधीर प्रधान, वाजिद खान, हरेंद्र सिंह, देवनाथ साहू, बसंत चतुर्वेदी, प्रवीण श्रीवास्तव, विनोद गुप्ता, डॉ कोमल वैष्णव, मनोज सनाढ्य प्रांतीय कोषाध्यक्ष शैलेन्द्र पारीक ने कहा है कि आने वाले समय मे समस्त कर्मचारियों को एकजुट कर सरकार को जनघोषणा पत्र में किये गए पुरानी पेंशन लागू करने के वादा को याद दिलाकर संघर्ष किया जाएगा।

 

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