रायपुर 14 जुलाई 2018। शिक्षाकर्मियों के 23 वर्ष के लंबे संघर्ष के बाद आज शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षक पंचायत संवर्ग को शासकीय शिक्षक बनाने के लिए संविलियन शिविर का आयोजन किया जा रहा है। 14 एवं 15 जुलाई को प्रदेश के लगभग 103000 शिक्षक पंचायत संवर्ग शासकीय शिक्षक बनने जा रहे हैं।यह अपने आप में छत्तीसगढ़ में पहला मामला है कि लाखों की तादात में एक एक साथ शिक्षक संवर्ग शिविर में भाग लेंगे। प्रदेश में यह पहला सरकारी शिविर भी है जो कि व्यवस्थित तरीके से कर्मचारियों के लिए आयोजित हो रहा है। कल तक कई मुद्दों पर संशय की स्थिति बनी हुई थी जिसमें निम्न से उच्च पद,क्रमोन्नति, अप्रशिक्षित शिक्षकों के मामले,वार्षिक वेतन वृद्धि,स्थानांतरण सहित कई विषय शामिल थे। जिस पर शिक्षा सचिव गौरव द्विवेदी ने कल मार्गदर्शन जारी कर संशय की स्थिति को समाप्त करने का प्रयास किया है। किंतु सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा अभी भी लंबित है वह क्रमोन्नत वेतनमान का लाभ क्रमोन्नति के लाभ के लिए शिक्षा कर्मियों का कहना है कि यदि निम्न पद से त्यागपत्र देने के बाद उच्च पद में कार्यभार ग्रहण करने वाले शिक्षक पंचायत संवर्ग को त्यागपत्र दिए हुए पद के अनुभव का लाभ दिया जा सकता है तो जो एक ही पद में वर्षों से कार्यरत है उनके सेवा अवधि की गणना क्रमोन्नति के लिए क्यों नहीं किया जा सकता क्या एक ही विभाग में सेवा देने का लाभ शिक्षाकर्मी को प्राप्त नहीं होगा जब संविलियन के लिए प्रथम नियुक्ति तिथि को ही आधार माना गया है तो प्रथम नियुक्ति तिथि से 10 वर्ष पूर्ण करने वाले समस्त शिक्षक पंचायत संवर्ग को क्रमोन्नति वेतनमान का लाभ भी देना चाहिए जानकारों की माने तो अब तक सरकार ने संविलियन प्रक्रिया के लिए लगभग सभी बाधाओं को दूर कर दिया है और यदि कोई अभी सबसे बड़ी बाधा है तो वह है क्रमोन्नति इस पर सरकार को शीघ्र निर्णय लेना चाहिए और तमाम विवादों पर विराम लगाने का प्रयास करना चाहिए।
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