Exclusive:। जन घोषणा-पत्र में किये गए वादे जिनमें 1998 से नियुक्त जिन शिक्षाकर्मियों की पदोन्नति 2018 तक नही हो पाई है, उन्हें क्रमोन्नति वेतनमान दिया जायेगा।
विदित हो कि 01 जुलाई 2018 से संविलियन किये जाने के बाद भी एक लाख से अधिक की संख्या में बहुसंख्यक वर्ग को 2013 के पुनरीक्षित वेतन निर्धारण में हुए वेतन विसंगति का निराकरण होने की उम्मीद है।
इनमें ऐसे शिक्षाकर्मी हैं जिनको विभाग में नियुक्ति होने से लेकर 10-10, 20-20 वर्षों की सेवा अवधि पूर्ण करने व पदोन्नति की योग्यता होने के बाद भी इनको आज पर्यन्त तक पदोन्नति का लाभ नही मिल पाया है, जिससे इनको सबसे अधिक आर्थिक नुकसान हो रहा है। निर्धारित समयावधि पूर्ण करने के बाद भी पदोन्नति नही हो पाने की स्थिति में क्रमोन्नति वेतनमान/उच्चतर वेतनमान मिलना चाहिए लेकिन ऐसाe नही होने के कारण संविलियन के बाद भी वेतन विसंगति से पीड़ित हैं।
ऐसे में अब नई सरकार से उम्मीद है कि अपने जन घोषणा-पत्र में लिखे अनुरूप 1998 से नियुक्त जिन शिक्षाकर्मियों की पदोन्नति 2018 तक नही हो पाई है, उन्हें क्रमोन्नति वेतनमान दिया जायेगा।