शीघ्र मिलेगा महंगाई भत्ता, वित्तमंत्री चौधरी ने टीचर्स एसोसिएशन को दिया भरोसा….20 वर्ष की सेवा में पूर्ण पेंशन एवं 12% से अधिक स्वैछिक कटौती की मांग

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छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने वित्त मंत्री ओपी चौधरी को ज्ञापन देकर चर्चा करते हुए 20 वर्ष की अर्हकारी सेवा होने पर 50 % पेंशन निर्धारण का प्रावधान करने की मांग की है।

ज्ञात हो कि दिनांक 1/1/1996 से प्रभावशील पुनरीक्षित वेतनमानों में प्राप्त वेतन के आधार पर पेंशन, पेंशन नियम 1976 में परिभाषित अनुसार 33 वर्ष की अर्हकारी सेवा होने पर 50 % पेंशन निर्धारण का प्रावधान छत्तीसगढ़ राज्य में प्रचलित है, कम सेवा होने पर अनुपातिक पेंशन निर्धारण का नियम है, इसके लिए प्रथम नियुक्ति तिथि को आधार बनाया जावे।

सौपे गए ज्ञापन में केंद्र सरकार व अन्य राज्यों द्वारा किए गए आदेशों का हवाला देते हुए तथ्यात्मक पक्ष रखा गया है जिसमें भारत सरकार के आदेश सं. 38/37/08-पी.एंड पी डब्ल्यू (ए) कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय (पेंशन एवं पेंशन भोगी कल्याण विभाग नई दिल्ली ) दिनांक 2 सितंबर 2008 के पेंशन नियम के बिंदू 5 (2) में प्रावधान किया गया है कि पूरी पेंशन के लिए 33 वर्षों की पात्र सेवा के संबंधों को समाप्त कर दिया जाएगा एक बार सरकारी सेवक द्वारा 20 वर्षों की निर्धारित सेवा पूरी कर लेने के बाद पेंशन परिलब्धियों या पिछले 10 महीने के दौरान प्राप्त उपलब्धियों के औसत जो भी अधिक हो कि 50% पेंशन दी जाएगी”।

उत्तरप्रदेश सरकार के आदेश संख्या 1754/79-5-09–02/2009 लखनऊ दिनांक 16 सितंबर 2009 के “पेंशन नियम 4( 2) में प्रावधान है कि वर्तमान में पूर्ण पेंशन प्राप्त करने के लिए अधिकतम 33 वर्ष की अर्हकारी सेवा प्रदान करना अनिवार्य है, परंतु उक्त व्यवस्था संशोधित करते हुए तत्काल प्रभाव से या व्यवस्था की जाती है कि पूर्ण पेंशन प्राप्त करने के लिए 20 वर्ष की अर्हकारी सेवा करना अनिवार्य है जो कर्मी 20 वर्ष की हर कार्य सेवा पूर्ण कर के सेवानिवृत्त होते हैं उन्हें अंतिम आहरित वेतन के 50 प्रतिशत अथवा अंतिम 10 माह में आहरित वेतन के औसत जो भी अधिक लाभप्रद हो, के आधार पर पेंशन अनुमन्य ( permissible ) होगी”।

उत्तराखंड सरकार के आदेश संख्या 723 / xxvii( 7)/2010 देहरादून 29 अक्टूबर 2010 के स्पस्टीकरण आदेश के बिंदु क्रमांक 6 में प्रावधन किया गया है कि 1 – 1 – 2006 के बाद सेवानिवृत्त कार्मिकों को “20 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर पूर्ण पेंशन एवं अंतिम माह के वेतन का 50% का लाभ अनुमन्य ( permissible ) किया गया है”।

4% महंगाई भत्ता देय तिथि जुलाई 2023 से देने आदेश जारी किया जावे – प्रदेश के कर्मचारियों / शिक्षकों की ओर से छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन की मांग है कि शीघ्र ही देय तिथि जुलाई (2023 से 4 %) कुल 46% महंगाई भत्ता प्रदान किया जावे।

पुरानी पेंशन योजना (सीजीपीएफ ) में 12% से अधिक स्वेच्छा से कटौती का प्रावधान करने तथा ब्याज की राशि ई कोष में दिखाया जावे।

पुरानी पेंशन योजना में प्रावधान बनाने निम्नलिखित मांग किया गया है –

  1. पुरानी पेंशन योजना में न्यूनतम 12 % राशि कर्मचारियों / शिक्षकों के वेतन से कटौती का प्रावधान है, कर्मचारियों / शिक्षकों के स्वेच्छा से इसमें 12 % से अधिक राशि अपने वेतन से कटवाने का नियम है, परन्तु 1 अप्रैल 2022 से लागू पुरानी पेंशन योजना में 12 % से अधिक राशि अपने वेतन से कटवाने का नियम/आदेश नही बना है, जो भी कर्मचारी / शिक्षक 12 % से अधिक राशि अपने वेतन से स्वेच्छा से कटवाने के इच्छुक है उनके लिए प्रावधान बनाते हुए ई कोष के सॉफ्टवेयर में ऑप्शन देने हेतु निर्देश जारी किया जावे।
  2. सीजीपीएफ में कटौती पश्चात जमा राशि पर ब्याज की गणना कर जानकारी ई कोष में कर्मचारी को दिखने का ऑप्शन दिया जावे।
  3. पुरानी पेंशन योजना (सीजीपीएफ ) के लिए वेतन आहरण अधिकारियों द्वारा पासबुक के संधारण करवाने हेतु सभी जिला ट्रेजरी आफिसर को निर्देश जारी किया जावे।
  4. संविलियन के पश्चात कोष लेखा एवं पेंशन से सेवा पुस्तिका का संधारण नही किया जा रहा है, इस हेतु प्रत्येक जिला में कैम्प लगाकर सेवा पुस्तिका का संधारण करने निर्देश जारी किया जावे। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल को चर्चा के दौरान वित्तमंत्री ओ पी चौधरी जी ने शीघ्र महंगाई भत्ता दिए जाने का भरोसा दिया साथ ही कहा कि 12 % से अधिक स्वैछिक कटौती कर्मचारियों के हित मे है, इससे जमा राशि मे बढ़ोत्तरी भी होगी, इसमे ध्यान देते हुए निर्देश दिए जाएंगे। तथा 20 वर्ष में पूर्ण पेंशन की मांग पर आगे जाकर विचार किया जाएगा।

ज्ञापन सौपने वाले प्रतिनिधि मंडल में टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा, प्रदेश संयोजक सुधीर प्रधान, प्रदेश उपाध्यक्ष बसंत चतुर्वेदी, प्रांतीय सचिव मनोज सनाढ्य, प्रांतीय महासचिव आयुष पिल्ले, प्रांतीय महामंत्री योगेश सिंह ठाकुर, प्रांतीय प्रचार सचिव गंगेश्वर सिंह उइके, प्रांतीय पदाधिकारी सुखनंदन साहू, जीतेन्द्र मिश्रा, रायपुर जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश सोनकला, रूद्र नारायण तिवारी शामिल थे।

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