रायपुर।स्कूल शिक्षा विभाग ने स्वयं के व्यय से बीएड-डीएड करने वाले 1993 के बाद नियुक्त शिक्षकों के लिए आदेश जारी कर अग्रिम वेतनवृद्धि के लिए अपात्र बता दिया है. इस आदेश से स्वयं के व्यय पर डीएड बीएड करने वाले शिक्षकों को झटका लगा है ।स्कूल शिक्षा विभाग में ने कहा है कि 1993 से पूर्व जो नियुक्तियां होती थी उनमें डीएड/बीएड अनिवार्य नहीं होता था।बाद में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए B.Ed/ D.Ed जैसे कोर्स लागू किए गए और अधिक से अधिक शिक्षक इन कोर्स को करें इसको प्रोत्साहन देने के लिए विभाग ने यह नियम बनाया था कि जो शिक्षक खुद के खर्च से बीएड/डीएड करेंगे उन्हें अग्रिम वेतन वृद्धि की पात्रता रहेगी । 1993 में शासन ने शिक्षक पद पर भर्ती के लिए अहर्ता में ही डीएड बीएड को शामिल कर लिया और उन्हें नौकरी में प्राथमिकता दी गई जिनके पास डीएड/बीएड था और वैसे अभ्यर्थी न मिलने की स्थिति में नॉन डीएड बीएड को लिया गया जिन्हें यह करना ही था, ऐसी स्थिति में 1993 के बाद स्वयं के व्यय से डीएड बीएड करने वाले शिक्षको इसकी पात्रता नहीं होगी क्योंकि यह उनकी उच्च आहर्ता नहीं बल्कि अनिवार्यता है 1998 के बाद शिक्षक पद पर भर्ती बंद हो गई और शिक्षाकर्मी पद पर भर्ती शुरू हो गई जिनका अब स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन हो चुका है और उनके लिए भी B.Ed b.ed को अनिवार्य माना गया है ऐसे में शासन ने स्पष्ट आदेश जारी कर दिया है की 1993 के बाद नियुक्त नियमित शिक्षक या शिक्षाकर्मी को स्वयं के व्यय पर D.Ed/ B.Ed करने की स्थिति में अग्रिम वेतन विधि की पात्रता नहीं होगी ।
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