बिलासपुर। छत्तीसगढ़ी ब्राह्मण विका परिषद बिलासपुर द्वारा विधवा – विधुर – परित्यक्ता व उम्रदराज योग्य युवक – युवती का निःशुल्क विवाह किया जाएगा, इस आशय का निर्णय परिषद द्वारा लिया गया है।
छत्तीसगढ़ी ब्राह्मण विकास परिषद के अध्यक्ष डॉ प्रदीप शुक्ला, प्रधानसचिव संजय शर्मा, कोषाध्यक्ष अनिल तिवारी ने कहा है कि समाज के भीतर बड़ी संख्या में विधवा, विधुर, परित्यक्ता व उम्रदराज युवक/ युवती है, जिनका जीवन विभिन्न कारण से एकाकी रह गया है, ऐसे ही युवक/ युवती के जीवन मे फिर से खुशी आये, ऐसे लोगो को पुनः सहारा मिले इस सोच को लेकर समाज द्वारा पहल किया है।
इस समय हमारे ब्राह्मण समाज मे घटना, दुर्घटना, पारिवारिक व अन्य कारण से बड़ी संख्या में विवाहित युवक व युवतियां एकाकी रह गए है, जिनके सामने पूरा जीवन काल है, अतः सामाजिक व पारिवारिक सहयोग को सुदृढ़ करने की आवश्यकता है।
लगातार मिले सुझाव को लेकर ब्राह्मण समाज ने पहल किया, जिसमे 14 युवती व 76 युवकों ने पंजीयन कराकर चर्चा व परिचय में भाग लिया, आज परिचय में शामिल युवक/युवतियों ने अपने परिवार के साथ चर्चा की, जिसमे 4 जोड़ी की सहमति बनी है, आने वाले दिनों में इन सहमत जोड़ी का समाज के द्वारा निःशुल्क विवाह कराया जाएगा।
*छत्तीसगढ़ में पहली व सराहनीय पहल*
एक दूसरे को नए ढंग से स्वीकार करना बड़ी बात है, पुनः 2 परिवार का तालमेल होगा, और जीवन मे पुनः खुशी लौटेगी यह समाज के प्रगतिशील विचार का द्योतक है।
परिषद में पंजीकृत विधवा – विधुर – परित्यक्ता व उम्रदराज युवक युवती के वैवाहिक संबंध की चर्चा 28 – 29 नवम्बर 2020 को सामाजिक भवन इमलीपारा बिलासपुर में आयोजित किया गया, सहमत हुए 4 युवक व 4 युवती का परिवार पुनः बसे यही समाज की सोच है, पहल पहली बार हुआ है, तो हिचकिचाहट भी है, किन्तु भविष्य में ऐसे पहल की निरन्तर आवश्यकता उपस्थित परिजनों व विप्रजनों ने रेखांकित किया है।
*दोनो पक्ष के बच्चो को भी मिलेगा सहारा* परिचय के दौरान यह विषय बार बार आया कि दोनों परिवार में छोटे छोटे बच्चे है, ऐसे बच्चो को माता – पिता का पुनः सहारा मिलेगा, जिससे बच्चो के जीवन मे भी खुशहाली होगी।
दो दिनों के सामाजिक कार्यक्रम में डॉ प्रदीप शुक्ला, हेमंत शर्मा, सुशील धर दीवान, संजय शर्मा, अनिल तिवारी, नागेन्द्रधर शर्मा, जय श्री शुक्ला, रविन्द्र धर दीवान, रामफल शर्मा, राजेश पांडेय, चंद्रकांत पांडेय, प्रमोद शर्मा, मनोज चौबे, अश्वनी मिश्रा, डॉ प्रफुल्ल शर्मा, बंशीलाल गौरहा, एन के तिवारी, राघवेंद्र दीवान लगातार सक्रिय रहे।