मुख्यमंत्री श्री भुपेश बघेल जी व उनके सीएमओ कार्यालय के ऑफिसियल फेसबुक पेज में टैग करके शिक्षक सुरक्षा अभियान चलाएगा छ ग टीचर्स एसोसिएशन

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रायपुर। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा, संयोजक सुधीर प्रधान, वाजिद खान,उपाध्यक्ष हरेंद्र सिंह, देवनाथ साहू, बसंत चतुर्वेदी, प्रवीण श्रीवास्तव, विनोद गुप्ता, डॉ कोमल वैष्णव, प्रदेश सचिव मनोज सनाढय, प्रदेश कोषाध्यक्ष शैलेन्द्र पारीक ने सभी पदाधिकारियों व सदस्यों से अपील किया है कि वे फेसबुक में वीडियो अपलोड करके शिक्षक सुरक्षा अभियान चलाकर कोरोना वारियर्स / फ्रंटलाइन वर्कर्स का अधिकार व सुविधा देने मुख्यमंत्री जी से मांग करेंगे।

मुख्यमंत्री श्री भुपेश बघेल जी व उनके सीएमओ कार्यालय के ऑफिसियल फेसबुक पेज में टैग करके शिक्षक सुरक्षा अभियान चलाते हुए छ ग टीचर्स एसोसिएशन के सभी पदाधिकारी व सदस्यों द्वारा जो पोस्ट किया जाएगा जिसमे सभी शिक्षक यह लिखकर मांग करेंगे कि, मुख्यमंत्री जी

“कोरोना डयूटीरत हमारे शिक्षको को 50 लाख का बीमा कवर नही मिला, कोरोना वारियर्स व फ्रंटलाइन वर्कर्स का दर्जा नही मिला, दिवंगत शिक्षकों के आश्रित को अनुकम्पा नियुक्ति नही दी गई है, अभी के दौर में कोरोना डयूटीरत हमारे शिक्षक साथी सर्वाधिक रूप से संक्रमित होकर जान गंवा रहे है, और उनके लिए शासन से कोई योजना नही है, जो अत्यंत दुखद है, हम अपने सैकड़ो शिक्षको के सुरक्षा के लिए माननीय मुख्यमंत्री जी से बीमा कवर, कोरोना वारियर्स का दर्जा व अनुकम्पा नियुक्ति की मांग करते है”।

ज्ञात हो कि कोरोना ड्यटी में लगे 300 से अधिक शिक्षकों की मृत्यु के बावजूद बीमा का प्रावधान नही होने व तृतीय श्रेणी में अनुकम्पा नियुक्ति के आदेश नही होने से शिक्षकों व उनके परिवार जनों में बेहद आक्रोश है।

कोविड में शिक्षकों का डयूटी लगाया जा रहा है, परन्तु कोरोना वारियर्स का अभी तक दर्जा नही दिया जाना अत्यंत दुर्भाग्य पूर्ण है।

विषय परिस्थिति में ड्यूटी कर रहे है शिक्षक – जब जब आवश्यकता होती है कि अन्य विभाग के भी काम को शिक्षक ही सहर्ष स्वीकार करके अपने इति कर्तव्यो का कुशल निर्वहन करते रहे है।

शिक्षक कर रहे है जोखिम भरा ड्यूटी – जैसे अस्पताल में ड्यूटी, शमशान घाट में ड्यूटी वैक्सीनेशन में ड्यूटी, सेम्पल लेने में ड्यूटी, रेल्वे स्टेशन व बस स्टैंड में ड्यूटी,चेक पोस्ट में ड्यूटी, कांट्रेक्ट ट्रेसिंग में ड्यूटी, कोविड सेंटर में ड्यूटी, कोरेंटाईन सेंटर में ड्यूटी, टेस्टिंग में ड्यूटी, इसके बावजूद शासन ने शिक्षको को नही माना फ्रंटलाइन वर्कर्स।

पर जब भी शिक्षकों के हितों की बात होती है तो शासन, प्रशासन में बैठे जिम्मेदार लोग मुंह फेर लेते है फिर भी शिक्षक कभी अपनी जिम्मेदारी से पीछे नही हटे वे निरन्तर शासन, प्रशासन के निर्देश का पालन कर ही रहे है,,प्रदेश में कोरोना डयूटी से 300 से अधिक शिक्षको को मृत्यु हो गई पर उन्हें 50 लाख के बीमा कवर में नही लाया गया, अब तक कोरोना वारियर्स का दर्जा नही दिया गया है, इससे शिक्षको में भारी आक्रोश है।

 

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