मध्यप्रदेश में सहायक शिक्षकों को मिला तृतीय क्रमोन्नत वेतनमान लेकिन छत्तीसगढ़ में कब……??? प्राथमिक शिक्षक फेडरेशन ने राज्य सरकार पर कर्मचारियों हितों की अनदेखी करने का लगाया बड़ा आरोप

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रायपुर //-मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी की कमलनाथ सरकार ने राज्य के प्राथमिक शालाओ में कार्यरत डेढ़ लाख से अधिक सहायक शिक्षकों के लिए तृतीय क्रमोन्नति वेतन का आदेश 18/11/2019 की तारीख में जारी कर दिया है लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य के 1,09,000 सहायक शिक्षकों का यह दुर्भाग्य है कि यहां तृतीय क्रमोन्नति वेतनमान तो दूर प्रथम क्रमोन्नति का आदेश भी सहायक शिक्षकों को अब तक नसीब नहीं हुआ है। जिससे छत्तीसगढ़ प्राथमिक शिक्षक फेडरेशन आक्रोशित है।
प्रदेश के 1,09,000 सहायक शिक्षकों को अब तक एक भी क्रमोन्नति वेतन नहीं मिलने पर संघ के प्रदेशाध्यक्ष जाकेश साहू ने राज्य की भूपेश सरकार पर कर्मचारी हितों की अनदेखी करने का बड़ा आरोप लगाते हुए मांग की है कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ में भी यंहा के शिक्षाकर्मियों को मध्यप्रदेश की तर्ज पर तत्काल क्रमोन्नति वेतनमान की स्वीकृति करें अन्यथा प्रदेशभर के सहायक शिक्षक स्कुलो में पढ़ाई छोड़ आंदोलन के लिए सड़क पर उतरने को मजबूर होंगे जिसकी सम्पूर्ण जवाबदारी राज्य सरकार की होगी।
प्रांताध्यक्ष जाकेश साहू, प्रदेश संयोजक इदरीस खान, कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष शिवकुमार साहू, उप प्रांताध्यक्ष ऋषि राजपूत, प्रदेश उपाध्यक्ष भोजकुमार साहू, लेखपाल सिंह चौहान, प्रदेश महासचिव धरमदास बंजारे, प्रांतीय प्रवक्ता, रामकृष्ण साहू एवँ प्रदेश संगठन मंत्री यशवंत कुमार देवांगन ने बताया कि प्रथम नियुक्ति तिथि से वरिष्ठता मानते हुए क्रमोन्नति वेतनमान नहीं देने के कारण आज राज्य के 1,09,000 प्राथमिक शिक्षकों को प्रतिमाह 12 से 17 हजार तक का बड़ा भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।
प्रदेशाध्यक्ष जाकेश साहू ने कहा कि 1995 एवँ 1998 में अविभाजित मध्यप्रदेश में छत्तीसगढ़ एवँ मध्यप्रदेश अर्थात दोनों प्रदेशो के प्राथमिक स्कूलों में बड़े पैमानों पर शिक्षाकर्मी वर्ग 03 की भर्तियां हुई थी, एक नवम्बर 2000 को छत्तीसगढ़ राज्य, मध्यप्रदेश से अलग हुआ था, आज मध्यप्रदेश में क्रमोन्नति के ऊपर क्रमोन्नति अर्थात प्रथम, द्वीतीय और तृतीय क्रमोन्नति वेतनमान मिल चुका है लेकिन हमारे छत्तीसगढ़ प्रदेश के 1,09,000 सहायक शिक्षक साथियो का बड़ा ही दुर्भाग्य है कि हमे आज तक एक भी क्रमोन्नति वेतनमान यंहा की भूपेश बघेल सरकार ने अभी तक नहीं दी है।
प्राथमिक शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष जाकेश साहू ने छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के प्रदेशाध्यक्ष मनीष मिश्रा एवँ सचिव सुखनन्दन यादव पर राज्य सरकार से मिलकर प्रदेश के 1,09,000 सहायक शिक्षकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने एवं उन्हें फरवरी मुख्य बजट के नाम पर गुमराह करने का आरोप लगाया है।
प्रदेशाध्यक्ष जाकेश साहू ने कहा कि आज मध्यप्रदेश में प्रथम एवँ द्वीतीय वेतनमान देने के लिए वँहा की राज्य सरकार ने किसी भी प्रकार के मुख्य बजट का इंतजार नहीं किया। बीच सत्र मे ही आज से लगभग चार माह पूर्व मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने राज्य के सहायक शिक्षकों के लिए प्रथम एवँ द्वीतीय क्रमोन्नति वेतनमान की घोषणा की थी।
आज फिर एक बार मध्यप्रदेश में राज्य के मुख्य बजट का इंतजार किये बगैर कमलनाथ सरकार ने तृतीय क्रमोन्नति वेतनमान की घोषणा कर दी जो वँहा के कर्मचारी संगठनों के आंदोलन एवँ सही समय पर उचित दबाव का परिणाम है परंतु छत्तीसगढ़ में सहायक शिक्षकों के बड़ा संगठन होने के बाद भी आंदोलन न कर छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन द्वारा आंदोलन का खुलेआम विरोध किया जाता है। प्राथमिक शिक्षक फेडरेशन द्वारा आयोजित तीन नवम्बर के राजधानी में आंदोलन का यदि छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन द्वारा खुला विरोध नहीं किया जाता एवँ यंहा के आम सहायक शिक्षक साथियो को गुमराह नहीं किया जाता तो आज निश्चित ही राज्य की भूपेश बघेल सरकार पर क्रमोन्नति वेतनमान के लिए उचित दबाव बनाया जाता व सरकार आज क्रमोन्नति वेतनमान देने के लिए मजबूर व बाध्य होती लेकिन ये प्रदेश के 1,09,000 सहायक शिक्षक साथियो का दुर्भाग्य है कि उन्हें फरवरी मुख्य बजट के नाम पर छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन द्वारा आंदोलन में शामिल होने से रोका गया।
यदि वाकई में छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष मनीष मिश्रा व सचिव सुखनन्दन यादव सरकारी संघ न होकर प्रदेश के 1,09,000 सहायक शिक्षक साथियो का वास्तविक हितैषी संगठन है तो राज्य सरकार को बोलकर मध्यप्रदेश की तरह बीच सत्र में ही प्रथम, द्वीतीय एवँ तृतीय क्रमोन्नति वेतनमान दिलवाएं एवँ राज्य सरकार की चापलुशी बन्द कर राज्य के 1,09,000 सहायक शिक्षक साथियो का भला करें।

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