बोर्ड परीक्षा विशेष: जाने परीक्षार्थी पढ़ाई में मन कैसे लगाएं

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देवेंद्र साहू के कलम से
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*परीक्षार्थी पढ़ाई में मन कैसे लगाएं !*

अधिकांश छात्र लगातार यह शिकायत कर रहे थे कि हम पढ़ने की कोशिश तो बहुत करते हैं पर न तो पढ़ाई में मन लगता है। पढ़ने बैठते हैं तो मन भटकने लगता है, ध्यान स्थिर नहीं रहता। और पढ़ा हुआ हमें कुछ याद नहीं रहता है। या मेहनत के हिसाब से रिजल्ट नहीं आता। यह समस्या किसी एक छात्र की न होकर अधिकांश छात्रों की है। एक अनुमान के मुताबिक 80 प्रतिशत छात्र और लगभग 25 प्रतिशत वयस्क ध्यान केंद्रित नहीं कर पाने की समस्या से ग्रस्त हैं। स्मार्टफ़ोन, सोशल मीडिया ने तो इस समस्या और बढ़ा दिया है।
वर्तमान समय कॉम्पीटिशन तेजी से बढ़ता जा रहा है ऐसे में छात्रों/उम्मीदवारों पर दबाव भी बहुत होता है। मुख्य समस्या यह आती है की पढ़ना तो चाहते है लेकिन पढ़ाई में मन केंद्रित नहीं रहता। अगर पढ़ाई के प्रति आपमें एकाग्रता की कमी आ रही है तो टेंशन ना लें। यह टेंशन सिर्फ आपको ही नहीं बल्कि अच्छे से अच्छे टॉपर को भी रहती है की सामने परीक्षा है समय भी कम है तो ऐसे में पढ़ाई के प्रति एकाग्रता कैसे रखे। लेकिन ख़ास बात सिर्फ यह है कि टॉपर अपने मनोबल को कभी कमजोर नहीं होने देते।

*पढ़ाई में मन कैसे लगाएं !*
पहले तो मैं आप सब का आभार व्यक्त करना चाहूँगा कि आप यहाँ हैं और आप यह लेख पढ़ रहे हैं। इसका तात्पर्य है की आप पढ़ना तो चाहते हैं पर किसी कारण आपका ध्यान पढ़ाई में नहीं लग रहा है। आखिर कौन नहीं चाहता कि वह सफल इन्सान बनें, पर सफल इंसान बनने की कुछ शर्ते हैं बिना उसके पालन के आपका यह सपना पूरा नहीं होगा। प्रथम शर्त तो परीक्षा पास करना है-फिर चाहे वह कॉलेज की हो या प्रतियोगी सरकारी नौकरी की परीक्षा।

मेरे अनुभव और विचार से तो सबसे पहले पढ़ाई में मन न लगने के कारण का पता लगाना चाहिए कि आखिर पढ़ाई में मन क्यों नही लग रहा है ?
मेरे विचार से कुछ सामान्य कारण ये हो सकते है :-

1.किसी के दबाव में पढ़ाई करना।
2.पढ़ाई का वातावरण नहीं होना।
3.पढ़ने का उचित समय का न होना।
4.विषय समझ में न आना।
5.बहुत अधिक थकान होना।
6.उपयुक्त अध्ययन-सामग्री का अभाव।
7.उचित मार्गदर्शन का न होना।
8.अन्य कार्यो से व्यवधान।
9.एकाग्रता की कमी होना।
10.दृढ निश्चय का अभाव।
11.पढ़ाई के साथ आप जॉब कर रहे है।
12.पैरेंट और अध्यापक डाँटते रहते है।
13.आपकी रुची (Hobby) किसी अन्य विषय में है।
14.आपकी शारीरिक-मानसिक स्थिति अच्छी नहीं है।
मेरे ख्याल से उपरोक्त सामान्य कारणों से सामान्यतः प्रतियोगी परीक्षार्थी मन लगाकर पढ़ नही पाते है, इनके अलावा भी कुछ अन्य विशेष कारण हो सकते है, जो अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग हो सकते हैं।
अगर आप अपनी पढ़ाई किसी के दवाब में आकर कर रहे हैं तो यह क्रिया बंद करनी होगी, क्योंकि इससे आपको जिंदगी में ज्यादा-कुछ मिलने वाला नहीं है। नौकरी कर रहे हैं तो ऑफिस और पढ़ाई मैनेज नहीं कर पा रहे हैं। पढ़ाई का वातावरण न होने या अन्य व्यवधान से बचने का प्रयास करें और पढ़ाई के लिए एकाग्रता और निश्चय का होना आवश्यक है साथ-ही साथ आपका स्वास्थ्य भी उत्तम होना चाहिए। मार्गदर्शन का प्रतियोगी परीक्षाओ में अति महत्त्वपूर्ण स्थान है। सही मार्गदर्शन मिलने पर आप समय के साथ धन भी बचा सकते है, और अपनी मंजिल पर सही वक़्त पर पहुँच सकते है। कई बार हम मेहनत और प्रयास तो बहुत करते है मगर सफलता नही मिलती है, दूसरी तरफ कुछ लोग कम मेहनत और कुछ प्रयास में ही सफल हो जाते है। इसका कारण उनका सही दिशा में सार्थक प्रयास होता है।

अब हम मूल मुद्दे पर आते है, कि कैसे हम पढ़ाई में मन कैसे लगाये तो इसके लिए सभी छात्र नीचे दिए गए टिप्स का पालन कर सकते हैं-

1. लक्ष्य का निर्धारण करे: सबसे पहले आप क्या चाहते हैं, यह निर्धारित करें। क्योंकि जब तक आप अपना लक्ष्य निर्धारित नहीं करते तब तक आप अपने आप को लक्ष्य के लिए प्रेरित नहीं कर सकते। बिना प्रेरणा के आप अधिक दिनों तक पूर्ण एकाग्रता से अपना अध्ययन जारी नहीं रख सकते। बिना मंजिल के आप चलते जाएँ तो आप कहाँ पहुंचेंगे? क्या आपने सोच लिया है कि आपको क्या बनना है? अगर नहीं सोचा है तो शीघ्र सोच लें। आपके लक्ष्य को हासिल कर चुके लोगों के साक्षात्कार पढ़ें/देखें,जिससे आप उनके संघर्ष से खुद को प्रेरित कर सकें और अपने अन्दर नकारात्मक भावना न आने दें। आपने लक्ष्य निर्धारित कर लिया तो आपका मन खुद ही पढ़ाई में लगेगा और आपकी मंजिल आसान हो जाएगी और आप व्यर्थ के मेहनत और संघर्ष से भी बच जायेंगे।
2. अच्छे माहौल/वातावरण का करें चुनाव: ये काफी महत्त्वपूर्ण है कि आप जहाँ पढ़ाई कर रहे हैं वहाँ ज़्यादा शोर-शराबा न हो। इससे आप अपने काम पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाएंगे। आरामदायक और आकर्षक माहौल में काम करते समय पूरी तरह से एकाग्रता हासिल की जा सकती है। बहुत से उम्मीदवार/छात्र सिर्फ़ एक स्टडी लैंप जला कर ही पढ़ाई करते हैं जिसकी वजह से कमरे के बाकी हिस्से में तकरीबन अंधेरा रहता है। ऐसा वातावरण आपको सोने के लिए प्रेरित करता है, ऐसे वातावरण में नींद आना तो लाजिमी है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए अपने स्टडी रूम को पूर्णतः प्रकाशमान रखें। ज्यादा शोर व बार-बार डिस्टर्ब होने वाले माहौल में न पढ़ें। इलेक्ट्रोनिक गजेट से पढ़ाई के समय दूरी बना के रखें। पढाई हमेशा कुर्सी-टेबल पर बैठ कर ही करें , बिस्तर पर लेट कर बिलकुल भी न पढ़े। लेटकर पढने से पढ़ा हुआ दिमाग में बिलकुल नही जाता, बल्कि नींद आने लगती है।
3. विचारों को नियंत्रित करें: पढ़ाई करते समय अपने मन में कोई और विचार न आने दें। इससे बेवजह आपकी एकाग्रता भंग होती है, इसके साथ-साथ मन उसमें लग जाता है। जब भी मन में काम से अलग कोई विचार आए तो उस पर ध्यान न दें और आप जो काम कर रहे हैं उनपर पूरी तरह से केंद्रित हो जाएं। इस बात को सुनिश्चित करें कि काम करने से पहले आपने पढ़ाई के लिए ज़रुरी चीज़ों की व्यवस्था कर ली है। इससे अनावश्यक भटकाव नहीं होगा और आप स्थिर होकर काम कर पाएंगे। जब भी आप पढ़ने के लिए बैठे तो उससे पहले आपको पढ़ाई में जो भी चीज़े चाहिए वो ले लेकर बैठे। जैसे की किताब, कॉपी, पेन, पेंसिल इत्यादि बाद में अगर आप कुछ चीज़ भूल जाते है और बीच में पढ़ते वक्त उठ के वो चीज़ लेने चले जाते है तो इससे आपका ध्यान हट जाता है और फिर आपका पढ़ाई में मन नही लगता। अगर आपका ध्यान पढ़ते हुए सपने देखने लगता है तो आप मन को सन्देश भेजे की आप गलत कर रहे हैं और सोचें कि मन जिस चीज के सपने देख रहा है उसके लिए कठिन परिश्रम की जरुरत है जो आप कर रहे हैं और हर सफलता का रास्ता इसी पढ़ाई से जाता है। सोंचे की दूसरे काम तो हम पढ़ाई के बाद भी कर सकते है, तो हम अभी समय क्यों बर्बाद करें। आपका पढ़ाई में मन नहीं लग रहा ? ये सिर्फ सोच है इसे मन से निकाल दो और अभी से शुरू हो जाओ। जब भी मन में काम से अलग कोई विचार आए तो उस पर ध्यान न दें और आप जो काम कर रहे हैं उनपर पूरी तरह से केंद्रित हो जाएं।
4. टाइम प्लान बनाएँ: टाइम टेबल आपको संयमित और पढ़ाई के अभ्यास में रखता है साथ ही आपके अध्ययन को विस्तृत बनाता है। इसलिए आपको भी अपने स्टडी के लिए एक समय-सारणी बनाना है और इसी के अनुरूप अपने अध्ययन को जारी रखना है। ध्यान रहे कि आपने जो सारणी बनाई है उसका कड़ाई से पालन करें। अगर आपका ध्यान पढ़ने में बिलकुल नहीं लगता तो आप शुरुवात में आप ज्यादा देर तक पढ़ाई न करें। आपको शुरुवात में एक दिन में सिर्फ 3 या 4 घंटे पढ़ना है ऐसा करने से आपको पढ़ाई में मन लगने लगेगा, धीरे धीरे आप इस समय अवधि को बढ़ा सकते है। लेकिन याद रहे कि शुरुवात करते समय आपको 8-10 घंटे पढ़ने की गलती नहीं करनी है। क्योंकि जब आप शुरुवात में बिना आदत के जबरदस्ती पढ़ते है तो ऐसे में आपको कुछ समझ नहीं आएगा और आपने जो पढ़ा है वो भी आप भूल जाओगे तो इस गलती से बचे। टाइम टेबल बना के पढ़ने से आपको मुख्यतः दो लाभ मिलेंगे-

1. जब आप टाइम टेबल बनाके पढ़ेंगे तो आपको पता होगा की कब क्या पढ़ना है,
2. और आप टाइम को अच्छी तरह मैनेज कर पाएंगे। टाइम टेबल में संतुलन के लिए ज़रुरी है कि गंभीर काम को पर्याप्त समय दें। साथ ही इसमें कुछ पल फुर्सत के भी निकालें। ऐसा करने से आप काम से तो संतुष्ट होंगे ही, साथ ही आपका ध्यान भी कम भटकेगा।

5. नकारात्मक न सोचें: मन में ऐसे विचार न आने दें कि आप खुद को एकाग्र न कर सकें। इससे दिमाग को यह सन्देश जाएगा कि आपमें एकाग्रता की कमी है। ऐसे में मन पर ध्यान केंद्रित करना और भी मुश्किल हो जाएगा। अपने अध्ययन को चुनौती की तरह लें और यह सोंचे कि आपके सामने कुछ नया करने करने का मौका हैं तो उसके लिए आगे बढ़ें। कहते हैं मन के हारे हार, मन के जीते जीत। अगर आपकी सोच ऊँची रहेगी और ख्वाब आपके बड़े रहेंगे तो आप जो भी करेंगे उसमे सफलता मिलेगी और जो भी सोचेंगे वो होगा यही सत्य होगा। आपको बता दें कि आपका बैकग्राउंड कितना ही कमजोर क्यूँ न हो अगर आप का हौसला बुलंद है और सोच आपकी सकारात्मक है तो आप कुछ भी कर सकते है और आपका लक्ष्य कितना भी बड़ा हो आप उसे हासिल कर सकते है।
6. मल्टी-टास्किंग से बचें: एकसाथ एक से अधिक काम करने से कभी भी पढ़ाई में एकाग्रता हासिल नहीं की जा सकती। जब आपके सामने बहुत से काम का बोझ होगा तो आप जो काम कर रहे होंगे, उस पर ध्यान नहीं लगा पाएंगे। इसलिए कोई भी काम करने से पहले अपने मन को अच्छी तरह से शांत कर लें या कुछ देर ध्यान कर लें। इससे पढ़ाई में मन भी लगेगा और कम समय में अधिक अध्ययन भी कर सकेंगे।
7. आहार तथा व्यायाम: ऐसे लोग जिनका मन चंचल होता है, उनके विचार स्थिर भी नहीं रह पाते, अगर वे किसी एक चीज का लक्ष्य बनाते है तो ऐसा ज्यादातर होता है की वे दूसरे लक्ष्य को पाने चले जाते है या उस लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाते। ऐसे लोग पढ़ाई में एकाग्रता हासिल करने में संतुलित आहार और व्यायाम पर ध्यान दें। ज़रुरी पोषक तत्वों के अभाव से आपमें थकान और आलस्य आ सकता है। इसलिए विटामिन ई से भरपूर बादाम और फल को अपने आहार में शामिल करें। साथ ही रूटीन के तहत व्यायाम भी करें। व्यायाम दिमाग और शारीरिक तालमेल को बेहतर बनाकर एकाग्रता को वापिस लाता है। छात्र एकाग्रता के लिए ध्यान, योगा, प्राणायाम आदि करें। ध्यान, योगा और प्राणायाम से छात्र अपने शरीर और दिमाग पर नियंत्रण रखना सीखेंगे तो फर्क साफ़ दिखाई देने लगेगा। इसके अनुशासन से धीरे-धीरे आपकी एकाग्रता बढ़ेगी। अगर आप किसी विषय पर कुछ सैकिंड से ज़्यादा ध्यान नहीं लगा पाते हैं तो भी उस पर ध्यान बनाए रखिये। ऐसे में आप अपने दिमाग को किसी भी चीज़ पर लंबे समय तक के लिए केंद्रित कर सकेंगे। यदि आप ध्यान बढ़ाने वाली व्यायाम की मदद लेंगे तो भी आपका ध्यान एक जगह बहुत देर तक टिक पाएगा, जैसे एक जलती हुई मोमबत्ती को कुछ देर तक एकटक देखते रहना, एक सेब की ओर लगातार बिना आँख हिलाए देखते रहना आदि। ऐसे सभी व्यायाम ध्यान को बढ़ाने में बहुत मदद करते हैं।

8. अपनी परीक्षा को समझें: अगर आपको यह अच्छी तरह से मालूम न हो कि क्या करना है तो ऐसे में काम के प्रति एकाग्र होना और भी मुश्किल हो जाता है। अतः सबसे पहले आपको जिस परीक्षा की तैयारी करनी है उसका विवरण एकत्र कर लें, उसके परीक्षा पैटर्न, पाठ्यक्रम और कठिनाई स्तर से परिचित हो लें। किसी भी परीक्षा की तैयारी करने से पहले एक सामान्य समझ (General Overview) बना लें और देख लें कि वह आपके अध्ययन स्तर के अनुरूप हैं या नहीं।
9. टाल-मटोल की प्रवृत्ति को न कहें: अपने अंदर किसी काम के प्रति टाल-मटोल की आदत कभी न डालें। यह एकाग्रता पर गहरा असर डालता है। जब तक कि आप अपने बोझिल कामों को निपटा न लें, अपनी सीट से न उठें।
10. अपने पीक टाइम को पहचानें: हम सबके पास 24 घंटे में कुछ समय ऐसा होता है जब हम सबसे ज़्यादा चुस्त रहते हैं। हालांकि यह समय सबके लिए एक जैसा नहीं होता। आप भी ऐसे समय का पता लगाएं जब आप बिल्कुल चुस्त हों। आप ऐसे समय का इस्तेमाल पेचीदा काम या कम रूचि वाले काम को निपटाने के लिए करें।
11. सकारात्मक रहें: जब भी आपको काम पर ध्यान केंद्रित करने की ज़रूरत हो तो हमेशा अपने आपसे बार-बार कहें कि आप ध्यान लगा सकते हैं। यह आपको एकाग्रता बढ़ाने में मददगार साबित होगा। कहने का मतलब है आप दृढ निश्चय की मदद ले सकते हैं।
12. पढ़ाई को आसान बनाएं: रटने की प्रवृत्ति से बचे, जो भी पढ़े उस पर विचार मंथन जरूर करें। चित्रों, मानचित्रों, ग्राफ, रेखाचित्रों आदि की मदद से पढ़े। ये अधिक समय तक याद रहते है। शोर्ट ट्रिक और टिप्स का अपने पढ़ाई में अवश्य उपयोग करें। पढाई में कंप्यूटर या इन्टरनेट की मदद ले सकते है। पढ़े हुए पाठ्य पर विचार-विमर्श अपने मित्रों से जरुर करें, ग्रुप डिस्कशन पढ़ाई में लाभदायक होता है। पुराने प्रश्न पत्रों के आधार पर महत्त्वपूर्ण टॉपिक को छांट ले और उन्हें अच्छे से तैयार करें। ऑनलाइन और ऑफलाइन मॉक टेस्ट अटेम्प्ट करें और खुद को जांचते रहें।
13. डेडलाइन तय करें: जब आप एकाग्रता बढ़ाने की कोशिश करे हैं तो इसमें डेडलाइन की अहम भूमिका होती है। डेडलाइन तय हो जाने से गैर-ज़रुरी चीज़ों को भूलना आसान हो जाता है और काम में तेज़ी भी आती है। इसीलिए आप प्रति सप्ताह, प्रति महीने के अपनी पढ़ाई के टॉपिक के डेडलाइन अवश्य बनाएं और उन्हें नियत समय पर पूरा करने की कोशिश करें। नियत समय पर समाप्त होने पर अपने आप को पुरस्कारित भी करें, इससे आपमें सकारात्मक उर्जा बनी रहेगी और आप अधिक एकाग्रता से काम कर पाएंगे।
14. अच्छी नींद लें: अपने सोने का समय सुनिश्चित करें। अगर आप अच्छी नींद नहीं ले रहे हैं तो आप पर थकावट और आलस्य हावी रहेगा। ऐसे में आप पढ़ाई पर ध्यान नहीं लगा पाएंगे और पढ़ाई के दौरान झपकी लेते रहेंगे जो आपकी एकाग्रता को प्रभावित करेगा।
15. पढ़ाई करते वक्त हमेशा नोट्स बनाएं और अपनी प्रगति पर रखें नज़र: जब भी आप पढ़ने बैठो आप जो भी पढ़ रहे हो साथ-ही-साथ उस टॉपिक का नोट्स भी बनाते चले। इससे आप को रीविजन करने में भी आसानी होगी और आपको पूरा पाठ पढ़ने की भी जरुरत नहीं होगी। जब भी आप नोट्स को पढ़ोगे तो भी आपको बोरियत नहीं होगी और आपको सम्पूर्ण सार एक जगह ही मिल जाएगा। अगर आपकी एकाग्रता बहुत ही खराब है तो हर हफ्ते थोड़ा-थोड़ा सुधार करने की कोशिश करें। अगर आपका ध्यान आधे समय के लिए भटक रहा है तो अगले हफ्ते इस समय को कम करने की कोशिश करें। हर हप्ते-महीने अपने पढ़ें हुए पाठ्य की समझ का टेस्ट लेते रहे और उसे दोहराते रहें।

दिमाग़ के जिन क्षेत्रों को अधिक इस्तेमाल किया जाता है, वो ज़्यादा बड़े हो जाते हैं और जिन्हें उपयोग में नहीं लाया जाता, वो सिकुड़ जाते हैं। तो आप जान लें कि काम टालने से रचनात्मकता बढ़ती नहीं, केवल आपका तनाव बढ़ता है। हमारा दिमाग़ तत्काल इनाम या फल मिलने वाली चीजों का चयन करता है। यदि एकाग्रता की ज़रूरत वाले काम करते समय रचनात्मकता या सपने देखने का दिमाग़ी हिस्सा अतिसक्रिय हो तो एकाग्रता घट जाती है। जब आप पूर्ण फोकस होकर कार्य में लगते हैं तो दिमाग़ का रचनात्मक हिस्सा सुस्त रहता है और एकाग्रता के लिए ज़िम्मेदार हिस्सा अतिसक्रिय रहता है। इस तरफ सभी छात्र एकाग्रता के हिस्से को अतिसक्रिय कर अपने मन को पढ़ाई में लगा सकते हैं। यदि एक बार आपकी रूचि पढाई में जागृत हो गई तो आप वह सब हासिल कर लेंगे जो आप चाहते हैं।
हमें आशा है आप ‘पढ़ाई में मन कैसे लगाएं’ के तहत प्राप्त आवश्यक जानकारियों से परिचित हुए होंगे और यह तथ्य आपकी सफलता में भी सहायक होंगे। तो एकाग्रचित्त होकर पढ़ाई में जुट जाइए और तब तक न रुकें जब तक मुक़ाम हासिल न हो जाए। अगर आपको यह लेख पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों में शेयर करना न भूले।

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