*✍️✍️✍️मनीष मिश्रा की कलम से*
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आज देश मे नई शिक्षा नीति का आगाज हो गया बड़े पैमाने पर शिक्षा नीति पर परिवर्तन किया गया जो समय की आवश्यकता के अनुरूप था परन्तु नई शिक्षा नीति में बुनियादी शिक्षा देने वाले प्राथमिक टीचरों के विषय पर कोई मजबूत पहल नही की गई न ही ऐसा कोई आधार बनाया गया कि शिक्षा के लिए सबसे अधिक कार्य करने वाले प्राथमिक टीचरों के लिए राहत प्रदान करने वाला हो*
*मेरा अपना विचार है कि अगर सही मायने में शिक्षा के लिए जो बुनियादी प्रयास होता है उसमे सबसे बड़ा योगदान प्राथमिक शिक्षको का होता है ये वही प्राथमिक टीचर है जो नवनिहालो को शब्द ज्ञान अंक ज्ञान और बोलने के कौशल का विकास करते है अगर सही अर्थ पर देखे तो प्राथमिक टीचर का कार्य सबसे महत्वपूर्ण कार्य होता है क्योंकि पारिवारिक परिवेश से आने वाले बच्चों को शिक्षा का जुड़ा पहला शब्द का का बीज बोने का कार्य प्राथमिक टीचर करता है परंतु वेतन के मामलों में सबसे कमतर वेतन प्राथमिक स्तर के टीचरों को प्रदान किया जाता है*
*सही मायने में देखा जाए तो बुनियादी शिक्षक की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है बच्चो को अंक ज्ञान से लेकर शब्द की पहचान करा कर उनको पढ़ने लिखने के योग्य बनाने का प्रथम प्रयास प्राथमिक शिक्षक ही करते है*
*अगर हम अन्य देशों की शिक्षा नीति की तरफ ध्यान दे तो सबसे अधिक महत्व प्राथमिक शिक्षा और प्राथमिक टीचरों को दिया जाता है परंतु हमारे यह तो 23 साल की सेवा का वजीब हक भी नही मिलता प्राथमिक टीचरों को
न पेंशन का लाभ न किसी प्रकार का अन्य लाभ सिर्फ अल्प वेतन से गुजारा करना पड़ता है*
वर्तमान में नई शिक्षा नीति में भी सरकार ने बुनियादी शिक्षा और शिक्षकों पर किसी भी प्रकार का अमूलचुक परिवर्तन नही किया जो चिन्तनीय है सही मायने में अगर शिक्षा के स्तर को सुधारना है तो बुनियादी शिक्षा पर विशेष प्रयास करने की नितांत आवश्यकता है क्योंकि बुनियादी शिक्षा जबतक दुरस्त नही होगी तब तक शिक्षा के स्तर पर सुधार सम्भव नही हो सकता सही अर्थ पर कहा जाए तो जब तक नीव मजबूत नही होगी तब तक मजबूत इमारत खड़ी करना असम्भव है प्राथमिक शिक्षा बुनियाद है शिक्षा की अतः सरकार को इसको सुधार करना बेहद जरूरी है जब तक प्राथमिक टीचरों के वेतन और भत्ते सुधारे न गए तब तक प्राथमिक टीचर अपने भविष्य के प्रति चिंतित रहेगा और आए दिन वो अपने हक और अधिकार के लिए आवाज उठाता रहेगा जिस दिन प्राथमिक टीचरों की समस्याओं का हल निकल जाएगा वास्तव में फिर बेहतर कल निकल आएगा।
बुनियादी शिक्षा देने वाले शिक्षकों को सम्मान दो।
उनको भी सम्मानजनक वेतनमान दिया जाए।