फेडरेशन की प्रमुख सचिव शिक्षा से वार्ता हुई विफल…सचिव ने कहा पदोन्नति के नियम को शिथिल करने पर करेगे विचार….प्रदेश अध्यक्ष मनीष मिश्रा ने कहा कि 23 साल की सेवा का सम्मान हो…..वेतन विसंगति का निदान हो विसंगति का निदान नही हुआ तो बड़ा आंदोलन खड़ा करेगा फेडरेशन

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रायपुर 9 फरवरी 2021।  छ ग सहायक शिक्षक फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष मनीष मिश्रा प्रदेश पदाधिकारियो की आज प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा डॉ आलोक शुक्ला के साथ वार्ता हुई जिसमें प्रमुख सचिव ने वेतन विसंगति के मुद्दे पर कहा कि काफी मंथन करने के बाद वर्तमान में सहायक शिक्षको की वेतन विसंगति के निदान के लिए शिक्षा विभाग के पास कोई हल नही है अन्य विभाग में की गई सेवा का शिक्षा विभाग में लाभ दिया जाना सम्भव नही है।इस सम्बंध में निर्णय लेना का अधिकार सरकार कर सकती है विभाग इसके निराकरण के लिए निर्णय नही ले सकता।
प्रदेश अध्यक्ष ने जब 23 साल की सेवा अवधि का सम्मान करने की बात करते हुए प्राथमिक प्रधान पाठक व मिडिल प्रधान पाठक के रिक्त पदों पर सहायक शिक्षको को पदोन्नति के लिए नियमो में शिथिलीकरण करते हुए सहायक शिक्षको को पदोन्नति देने की बात वार्ता के दौरान कही तो प्रमुख सचिव ने पदोन्नति के लिए नियमो में संसोधन कर सहायक शिक्षको पदोन्नति हेतु विभागीय पहल का अस्वासन जरूर दिया।
वेतन विसंगति व पूर्व सेवा की गणना पर वार्ता के दौरान सहमति नही बन पाई।
सहायक शिक्षक फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष मनीष मिश्रा ने जारी बयान में बताया कि फेडरेशन ने अपनी बात मजबूती के साथ प्रमुख सचिव के समक्ष रखी विभाग ने इस पर मंथन भी किया आज वार्ता के दौरान यह बात स्पस्ट हो गई कि शिक्षा विभाग पंचायत विभाग में किये गए कार्य का लाभ सहायक शिक्षको देना नही चाहता ।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आज हमारे साथी रिटायर्ड होने की स्थिति में खड़े है ऐसे में हमारी 23 साल की सेवा की अनदेखी को फेडरेशन बर्दास्त नही करेगा।
वार्ता की विफलता के बाद जल्द प्रदेश कार्यकरणी व जिला अध्यक्षगणों की बैठक आहूत की जाएगी बैठक के बाद एक मजबूत रणनीति के साथ फेडरेशन पुनः आंदोलन में उतरेगा।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि वर्तमान में सबसे ज्यादा कार्य करने वाला सहायक शिक्षक सबसे कम वेतन प्राप्त कर रहा है 23 साल से न पदोन्नति मिली न क्रमोन्नति का लाभ दिया गया लंम्बे समय से सहायक शिक्षको की समस्याओं की अनदेखी की गई और आज भी वार्ता मेंआला अधिकारियों ने हमारी पीड़ा को नही समझा।
अजीब विडम्बना है एक नियुक्ति आदेश में नियुक्त सहायक शिक्षक के साथ दोहरा मापदंड अपनाया गया।
कुछ को दो दो पदोन्नति का लाभ मिला और हजारो को एक पद पर कार्य करने के लिए विवस होना पड़ा।
पंचायत विभाग ने पदोन्नति से वंचित सहायक शिक्षको को क्रमोन्नति से वंचित कर सहायक शिक्षको की 20 साल की सेवा की अनदेखी की और आज भी सहायक शिक्षको के दर्द को समझने का प्रयास न तो सरकार कर रही है न ही विभाग ।
सहायक शिक्षको के अंदर जो आक्रोश अंदर दबा है वो अब बाहर निकलेगा और आने वाले समय मे एक बड़ा आंदोलन खड़ा होगा ये तय है।
मनीष मिश्रा ने प्रदेश भर के सहायक शिक्षको को अधिकार की लड़ाई लड़ने की अपील करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि हम सब एकजुट होकर एकबार फिर संघर्ष के लिए जुट जाए ।इस बार का मिशन 23 साल की सेवा का सम्मान हो वेतन विसंगति का निदान हो
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि वार्ता की विफलता के बाद अब फेडरेशन का अगला कदम तय करने के लिए जल्द बड़ा निर्णय लिया जाएगा।
आज की वार्ता में प्रदेश अध्यक्ष के साथ प्रदेश महामंत्री छोटे लाल साहू भी मौजूद थे।

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