झाड़ू की बात पर अधिकारी तानाशाह कैसे हो गए….संजय शर्मा ने पूछा-स्कूल व कार्यालय में झाड़ू कौन लगाएगा, अधिकारी ही स्पष्ट कर दें….शिक्षा विभाग के अधिकारियों की कार्यप्रणाली से शैक्षिक वातावरण बिगड़ रहा

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रायपुर। इन दिनों शिक्षा विभाग में गलत बयानबाजी करने और तानाशाही आदेश जारी करने की बाढ़ सी आ गई है। एक-के बाद एक लगातार शिक्षा विभाग के अधिकारियों के द्वारा गैर जिम्मेदाराना व अपमानित करने वाला बयान व कार्य सामने आ रहा है।

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने एक बयान जारी कर कहा है कि गत दिनों शिक्षा सचिव के द्वारा एक वेबिनार में शिक्षकों को अपमानित करने का मामला अभी थमा ही नही था कि सरगुजा संभाग के संयुक्त संचालक (शिक्षा) ने तानाशाही आदेश जारी करते हुए शा पूर्व माध्यमिक शाला के प्रधान पाठक मनोहर सिंह सुधाकर को निलंबित कर दिया। प्रधान पाठक मनोहर सिंह सुधाकर जी का अपराध बस इतना ही था कि उन्होंने स्कूली छात्राओं से कक्षा में झाड़ू लगवाया था।

विदित हो कि शिक्षा विभाग एससीईआरटी द्वारा जारी सतत एवं व्यापक मूल्यांकन के अंतर्गत संज्ञानात्मक क्षेत्र के मूल्यांकन के अंतर्गत यह कार्य शामिल है, सहसंज्ञानात्मक क्षेत्र के मूल्यांकन के बिंदु क्रमांक 5 के अंतर्गत सह शैक्षिक क्षेत्र कार्यानुभव के मूल्यांकन बिंदु के अंतर्गत गतिविधियां विद्यालय कक्षा व परिसर में स्वच्छता का आँकलन किया जाना जारी विवरणिका में शामिल है। अब शिक्षक करें तो करे क्या..? काम करें तो भी परेशानी और ना करें तो भी परेशानी।

छ ग टीचर्स एसोसिएशन सरगुजा संभाग के संयुक्त संचालक की इस कार्रवाई की कड़ी निंदा करता है, कोरिया डीईओ को शायद एससीईआरटी के निर्देश का ज्ञान ही नही, उन्होंने जांच प्रतिवेदन में कार्यवाही की अनुशंसा की है, दरअसल विभाग में तालमेल व समय समय पर जारी निर्देश को समझने का अभाव है। एसोसिएशन मांग करता है कि प्रधान पाठक के निलंबन की बहाली आदेश तत्काल जारी किया जावे।

स्कूलों में अंशकालीन स्वच्छता कर्मचारी इन दिनों अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर है, ऐसे में शाला की साफ-सफाई कौन करेगा? इस पर अधिकारियों को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किया जाना चाहिए। प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक शाला में प्यून तो है नही, पर कक्षा व परिसर की स्वच्छता जरूरी है, स्कूल में स्वच्छता होगी कैसे,? अधिकारियों को समझना ही होगा, जीरो बजट के PS/MS में शिक्षक व छात्र मिलकर ही स्वच्छता बनाये रखते है।

जिस देश मे स्वच्छता के लिए PM व CM ने झाड़ू पकड़कर स्वच्छता का संदेश दिया है वहाँ झाड़ू के नाम पर अधिकारी धौंस व मनमर्जी पूर्वक बयान भी दे रहे है और कार्यवाही भी कर रहे है।

इसी मुद्दे पर कोटा बीइओ का बयान औऱ घोर मानसिक दिवालियापन का परिचायक है उन्होंने सफाई कर्मचारी की छुट्टी में रहने पर झाड़ू लगाने और पानी भरने का काम हेड मास्टर को करने को बात कही है। कोटा बीईओ को अपने इस शर्मनाक बयान पर समस्त शिक्षक समुदाय से माफी मांगनी चाहिए साथ ही विभागीय अधिकारियों को बीइओ के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही किया जाना चाहिए।

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा कि ऐसे ही बयानवीर व गलत कार्यवाही करने वाले अधिकारियों की वजह से शैक्षिक वातावरण खराब हो रहा है और लोगो में गलत संदेश पहुंच रहा है, शासन के ओहदेदार अधिकारियों व शिक्षा प्रशासन तंत्र को ऐसी अधिकारियों के हरकतों को संज्ञान में लेकर कार्यवाही करना चाहिए।

 

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