छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन ने अपने मांग पूर्ति हेतु सफलतापूर्वक बढ़ाया एक और कदम, कमेटी गठित, पढ़िए क्या कहा मनीष मिश्रा प्रांत अध्यक्ष ने

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रायपुर– छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक प्रोडक्शन ने, 5 सितंबर शिक्षक दिवस के दिन पदयात्रा महारैली, मुख्यमंत्री निवास घेराव का आह्वान किया था। छत्तीसगढ़ के समस्त कोनो से शिक्षकों की भरमार आने वाली थी। उक्त भीड़ को देखते हुए, एक बहुत बड़ा दबाव मुख्यमंत्री शासन प्रशासन पर बना। इस हेतु शासन प्रशासन ने छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के प्रांतीय टीम को वार्ता हेतु बुलाया। डेलिगेशन टीम प्रांत अध्यक्ष मनीष मिश्रा जी के नेतृत्व में उपाध्यक्ष शिव मिश्रा, सचिव सुखनंदन यादव, रंजीत बनर्जी, बसंत कौशिक कौशल अवस्थी, अश्वनी कुर्रे, छोटे लाल साहू, राजु टंडन, हेम कुमार साहू, ढोला लाल पटेल, कृष्णा कौशिक इत्यादि शामिल थे। डेलिगेशन टीम को, सचिव स्तर की वार्ता के पश्चात शिक्षा मंत्री से वार्ता कराया गया। इसके पश्चात मुख्यमंत्री महोदय के पास ले जाया गया। जहां पर डेलिगेशन टीम ने मुख्यमंत्री को अपनी शर्तें बताएं। मुख्यमंत्री महोदय ने प्रांतीय टीम की शर्तों को स्वीकार किया।साथ ही उन्होंने भी मंच में ना जाने और तत्काल आंदोलन स्थगित करने की शर्त रखी। जिसे डेलिगेशन टीम ने स्वीकार किया । इस समस्त क्रियाकलाप की जानकारी, कुछ विरोधी तत्वों को भी लगी। उन्होंने वार्ता को विफल करने का पूरा प्रयास किया। इस बात की जानकारी उन्हें थी की प्रांतीय टीम वार्ता के कारण मंच पर नहीं आएगी, इसका फायदा उठाते हुए वे लोग मंच पर आ गए और सहायक शिक्षक फेडरेशन के साथियों को बरगला कर, प्रांतीय टीम के बारे में गलत खबर फैलाकर आंदोलन करने का प्रयास किया ताकि वार्ता विफल हो जाए ।परंतु प्रांतीय टीम ने इन सारी बातों की जानकारी सचिवालय और सीएमओ तक समय रहते पहुंचा दी थी । उन्होंने यह जानकारी पहुंचा दी थी की, लोग जरूर हमारे हैं किंतु उन्हें भड़का कर उनका नेतृत्व करने वाले लोग हमारे विरोधी हैं।हमारे मंच में ना जाने के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है अतः हमारी वार्ता यथावत रहनी चाहिए।*
*आक्रोशित शिक्षक प्रांतीय टीम को कोसते रहे,नाराज होते रहे किंतु प्रांतीय टीम ने अपनी वार्ता के कारण और संगठन हित और अपने मांग के कारण, यह आक्रोश झेलना स्वीकार किया और मंच पर नहीं गए। यह केवल इसलिए किया गया कि वार्ता विफल ना हो जाए। आज कमेटी गठित हो चुकी है। हालांकि कुछ परेशानियां हुई उक्त आंदोलन और रैली के कारण। लेकिन प्रांत अध्यक्ष मनीष मिश्रा एवं उनकी टीम के अथक प्रयास के कारण सारी उलझने दूर कर दी गई। कमेटी का निर्माण हो गया है अब 3 महीनों का इंतजार है और छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन को पूरा भरोसा है कि 3 महीने में वेतन विसंगति अवश्य दूर होगी।*
*मनीष मिश्रा सहित छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के सभी पदाधिकारी शिव मिश्रा सुखनंदन यादव सी.डी. भट् सिराज बक्स बलराम यादव बसंत कौशिक, विकाश मानिकपुरी श्रीमती उमा पांडे कौशल अवस्थी रवि प्रकाश लोह सिंह श्रीमती प्रेमलता शर्मा छोटे लाल साहू रंजीत बनर्जी आदित्य गौरव साहू राजकुमार यादव श्रीमती खिलेश्वरी शांडिल्य शेषनाथ पांडे मिलेश्वर देशमुख बसंत कुमार यादव संजय प्रधान मनोज अंबष्ट शैलेश गुप्ता बीपी मेश्राम एलन साहू राजू लाल टंडन यादवेंद्र गजेंद्र श्रीमती दुर्गा वर्मा श्रीमती राजकुमारी भगत श्रीमती गायत्री साहू श्रीमती शांति उके श्रीमती जयंती उसेंडी श्रीमती शकुंतला साहू अश्वनी कुर्रे राजू यादव नोहर चंद्रा राजेश प्रधान श्रीमती बनमोती भोई तरुण वैष्णव श्रीमती सुमन प्रधान जलज थवाईत संतराम साहू श्रीमती आशा कोरी श्रीमती इंदु यादव श्रीमती आशा पांडे प्रदेश संगठन मंत्री चंद्र प्रकाश तिवारी उत्तम बघेल गोवर्धन शारके छवि पटेल संजय प्रधान श्रीमती अनीता दुबे श्रीमती लक्ष्मी बघेल बसंत कुमार यादव योगेंद्र ठाकुर केसरी पैकरा सत्यनारायण यादव श्रीमती नीलिमा कन्नौजे भूपेश पाणीग्रही, अजय साहू, श्रीमती प्रभा साहू,श्रीमती दीप्ति बिसेन, श्रीमती सरोज वर्मा, श्रीमती गरिमा शर्मा, श्रीमती चमेली ध्रुव संकीर्तन नंद, हेमेंद्र चंद्रहास, राजवीर किरार, संत कुमार साहू, श्रीमती विनीता साहू, श्रीमती जयंती उसेंडी, श्रीमती पूर्णिमा पांडे ने कमेटी का स्वागत किया है और संयुक्त रूप से बयान जारी कर यह कहा है कि, यह वेतन विसंगति दूर करने हेतु हमारा एक अथक प्रयास का नतीजा है। किंतु हमें इसे ही पूर्ण नहीं मानना है । जब तक वेतन विसंगति पूरी तरीके से दूर ना हो जाए, तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा। “भुपेश है तो भरोसा है” इस स्लोगन पर हमें विश्वास है।हमें पूरा विश्वास है कि हमारी माँग अवश्य पूर्ण होगी।हम 3 महीने इंतजार करेंगें और उस समय की परिस्थिति के अनुसार उसी समय निर्णय लिया जाएगा।

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