“क्रमोन्नति अधिकार मंच ने पोस्टर वार के बाद वीडियो जारी कर मुख्यमंत्री से समयमान/क्रमोन्नति की मांग की”…देखें वीडियो क्रमोन्नति के लिये क्या तर्क दिया गया है

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रायपुर। ज्ञात हो कि राज्य शासन दुवारा शिक्षक (पं/ननि)सवर्ग को विगत 2013 में 8वर्ष की सेवा पूर्ण करने की तिथि से शासकीय शिक्षको के समान वेतन पुनरीक्षण नियम 2009 के अनुसूची 1 में अंकित शासकीय शिक्षको को दिए जा रहे वेतन बैंड एवम ग्रेड पे क्रमशः सहायक शिक्षक(पं/ननि)को ग्रेड एस- 5 विद्यमान वेतन 4000-100-6000 बैंड -1 वेतन बैंड 5200-20200ग्रेड पे 2400 का 4000×1.86=7440 दिया गया चाहे 8वर्ष में उसका मूल वेतन 4600 हो या 5150 उसी प्रकार शिक्षक,(पं/ननि)को पद ग्रेड एस-7 5000-150-8000 बैंड- 2 वेतन बैंड 9300 -34800 ग्रेड पे 4200 अर्थात 5000×2.86=9300 दिया गया जबकि 8 वर्ष में उनका मूल वेतन सामान्य वेतन वृद्धि के तहत 5500 समयमान में 6175 था इसी प्रकार व्यख्याता पं/ननि)को 8 वर्ष की पूर्ण तिथि में ग्रेड एस-8 5500-150-9000 मानकर 5500×1.86=10230 जबकि व्यख्याता का 8वर्ष की पूर्ण तिथि में मूल वेतन सामान्य रूप से वेतन वृद्धि के तहत 6700 और समयमान वेतन में 7200 था ।जबकि छ. ग.वेतन पुनरिक्षण नियम 2009 के नियम 7 के तहत किस भी कर्मचारी वेतन निर्धारण विद्यमान मूल वेतन का 1.86 से गुणा करके प्राप्त राशि को पुरनांकित करते हुए उस पद का ग्रेड पे जोड़कर किया जाना था । जबकि दिलचष्प बात ये है कि पदोन्नत वर्ग 2 को 8 वर्ष में जिनका मूल वेतन 4500 या 4625 था उनका वेतन निर्धारण 5000×1.86=9300+4200 में कर दिया गया वही पदोन्नत व्यख्याता का 8वर्ष में 5300 या 5450 था उनका वेतन निर्धारण 5500×1.86=10230 में कर दिया गया । इस तरह वेतन विसंगति उप संचालक स्थानीय निधि सपरिक्षक संघठनो दुवारा किया गया है ।
छत्तीशगढ़ वेतन पुनरीक्षण नियम 2009 के तहत वेतन निर्धारण हेतु वित्त विभाग दुवारा 24 मार्च 2009 के निर्देश क्रमांक 3 में स्पष्ट है कि वेतन निर्धारण नियम 7 के प्रावधान के अनुसार किया जाएगा ।नियम 07 देखने पर स्पष्ट है कि प्रारम्भिक वेतन का निर्धारण विद्यमान मूल वेतन का 1.86से गुण करके करना है ।वही 24 मार्च 2009 के निर्देश 5 में स्पष्ट है कि जिनका वेतन 1 जनवरी 2006 या बाद में स्तरोन्नयन (क्रमोन्नति,समयमान,वरिष्ठ वेतनमान ,प्रवर श्रेणी वेतनमान इत्यादि) में मूल नियम 22(ए)(i) के अनुसार पुनरीक्षित वेतन संरचना में वेतन बैंड में वेतन एवम इसके अतिरिक्त स्तरोन्नति के ग्रेड का ग्रेड वेतन भी दिया जाएगा । 24 मार्च 2009 के बिंदु 6 का भी गहराई से अवलोकन करने पर स्प्ष्ट है कि यदि पदोन्नति के आधार पर पुनरीक्षित वेतनमान का वेतन बैंड एवम ग्रेड पे दिया गया है तो समयमान /क्रमोन्नति के आधार पर भी पुनरीक्षित वेतनमान का वेतन बैंड एवम ग्रेड पे दिया जाना न्यायसंगत और विधि सम्मत होगा ।प्रारम्भ में राज्य शासन 4.12.2013 के आदेश को स्थानीय निधि सपरिक्षक कार्यालयों ने गलत ढंग से व्यख्याया करते हुए वेतन आहरण अधिकारी से लेकर संचालनालय के अधिकारियों को भी भ्रमित किया है ।


अतः” वर्तमान में समस्त शिक्षक (एल बी)सवर्ग की मुख्य और एक मात्र मांग पूर्व विभाग की सेवा अवधि को जोड़कर एक ही पद में 10 वर्ष पूर्ण तिथि से प्रथम 20 वर्ष में दुवितीय तथा 30 वर्ष की पूर्ण सेवा अबधि में तृतीय समयमान उच्चतर वेतनमान का वेतन बैड एवम ग्रेड पे देने का आदेश शीघ्र ही जारी करे ।अन्यथा 2 वर्ष पूर्ण तिथि में सविलयन करने के पश्चात भी वेतन विसंगति बनी रहेगी ।” क्रमोन्नति अधिकार मंच की मांग को अजय ठाकुर,कृष्ण कुमार नवरंग,शांति थवाईत, भावना बैरागी,लैलूंन भरदुव्ज ,राजनरायन दुवेदी मनीष मिश्रा छोटे लाल साहू,,शिव कुमार सारथी ,इदरीश खान, जकेश साहू ,शंकर गोयल,नवीन खरे ,दीपक राय, रामशरण,सुनील गुनी,मंजूषा तिवारी कमलेश पटेल सुरेंद्र परिहार,सन्तोष जयसवाल अनिल गुप्ता आदि पूर्ण समर्थन कर रहे है और इस अभियान से जुड़ रहे है ।
कमलेश्वर सिंह प्रदेशाध्यक्ष छ. ग.व्यख्याता(एल बी)संघ एवम सदस्य क्रमोन्नत अधिकार मंच

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