काली पट्टी लगाकर क्रमोन्नति की मांग लगातार तीसरे दिन भी जारी…… संघ-संगठन की बेड़ियों को तोड़कर हक व अधिकार की लड़ाई में निःसंकोच शामिल होंने की अपील…… जाकेश साहू ने कहा… प्राथमिक शिक्षकों का शोषण अब और बर्दाश्त नहीं…. क्रमोन्नति हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है, इसे हम लेकर रहेंगे…

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रायपुर। प्रथम नियुक्ति तिथि से वरिष्ठता की गणना करते हुए क्रमोन्नति वेतनमान की एक सूत्रीय मांग को लेकर “छत्तीसगढ़ प्राथमिक शिक्षक संघ” का प्रदर्शन आज तीसरे दिन भी लगातार जारी है।
संघ के प्रांताध्यक्ष जाकेश साहू ने बताया कि चाहे शिक्षक संगठनों के मुखिया हो या राजनीतिक दलों के नेता… सभी ने प्राथमिक शालाओं के शिक्षकों को 1995-98 से लेकर आज तक अर्थात विगत 20-25 सालों से सिर्फ और सिर्फ अपने निजी स्वार्थों के लिए ही इस्तेमाल किया, उन्हें शिक्षकों की समस्याओं से कभी कोई सरोकार नहीं रहा।
प्राथमिक शालाओं में कार्यरत वर्ग 03 के लगभग 1,09,000 शिक्षाकर्मी साथीगण विगत 1995-98, 1999, 2005, 2006, 2007, 2008, 2009 एवँ 2010 अर्थात लगातार 10 साल, 11 साल, 12 साल, 14 साल, 18 साल एवँ 20-22 सालों से सेवारत है लेकिन आज तक एक भी बार न तो उनको पदोन्नति दी गई और न ही प्रथम नियुक्ति तिथि से वरिष्ठता का निर्धारण कर क्रमोन्नति दिया गया।
राज्य की शिक्षा व्यवस्था में रीढ़ की हड्डी कहे जाने वाले प्राथमिक शिक्षक अर्थात वर्ग 03 के गुरुजी जिनकी संख्या शिक्षकों की पूरी जमात के 70 % है। ये साथीगण शुरू से लेकर आज तक सिर्फ और सिर्फ छले गए, ठगे गए और लुटे गए। हर बार आंदोलन और मांगे पूरी कराने तथा संघ-संगठन बनाने के नाम पर इन्हें झूठ परोसा गया।
प्रांताध्यक्ष जाकेश साहू ने कहा कि जब-जब राज्य में विधानसभा चुनाव हुए तब-तब प्रदेश के दोनों राजनीतिक दलों ने प्राथमिक शिक्षकों का चुनाव में बखूबी इस्तेमाल किया है। चूंकि राज्य का ऐसा कोई गांव नहीं है जंहा प्राथमिक स्कूल न हो अर्थात हरेक गांवों में प्राइमरी स्कूल है जंहा शिक्षाकर्मी वर्ग 03 पदस्थ है तथा इन शिक्षकों का सम्पर्क सीधे तौर पर स्कूली बच्चों के पालकों व आम मतदाताओं से रहता है। ऐसे में प्रत्येक चुनाव से पहले हरेक बड़े राजनीतिक दलों ने शिक्षकों की मांगें पूरी करने के बड़े-बड़े वादे किए। किए गए वादों को अपने घोषणा व संकल्प पत्रों में सम्मिलित भी किए और इनके वोट भी बटोरे। साथ ही साथ पार्टी के सरकार भी बनाए। लेकिन सरकार बनते ही इन शिक्षकों एवँ शिक्षकों से किए गए वादों को भूल गए।
विभिन्न शिक्षक एवँ कर्मचारी संगठनों ने भी हम प्राथमिक शिक्षकों को हमारी मांगे पूरी करने का बड़ा आश्वाशन दिया और विभिन्न हड़तालों में हमारा बखूबी इस्तेमाल किया लेकिन जब हमारी मांगे पूरी करने की बारी आई तब ये नेतागण सिर्फ अपनी मांगों को पूरा करा लिए और हमे मिला सिर्फ धोखा धोखा और धोखा…..।

प्रदेशाध्यक्ष जाकेश साहू ने राज्य के आम शिक्षकों से अपील की है कि वे अपनी अंतरात्मा की आवाज सुने …. अपने हक व अधिकार की लड़ाई में संघ संगठन के दायरे से बाहर आकर उक्त काली पट्टी लगाकर क्रमोन्नति पाने के अभियान से जुड़े तथा मांगे पूरी होने तक प्रत्येक दिन काली पट्टी लगाकर अपना फोटो सोशल मीडिया में सेयर करें।
अतः आए … उठे… जागे… व अपनी खुद की क्रमोन्नति की लड़ाई से जुड़े और काली पट्टी लगाकर रोज फोटो सोशल मीडिया में सेयर करते रहे। ताकि हमारे मांगे राज्य सरकार तक पहुंचे जिससे हमारी मांगे पूरी हो।
चूंकि राष्ट्रपिता महात्मा ने भी ऐसे ही छोटे-छोटे अहिंसात्मक आंदोलन चलाकर तथा अनशन व उपवास आदि कर-करके इतने बड़े देश को आजादी दिलाई व इस भारत भूमि को अंग्रेजो से मुक्त कराया था इसलिए हमें भी ऐसे ही छोटे-छोटे आंदोलन चलाकर अपनी मांगों को पूरी करानी है। अतः अपने जायज मांग क्रमोन्नति की लड़ाई में अपने खुद के हिस्से की लड़ाई लड़ने आंदोलन से जरूर जुड़े।

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