कनिष्ठ शिक्षक पंचायत संवर्ग को संविलियन के बाद वरिष्ठ से मिलेगा अधिक वेतन संविलियन की विसंगति को दूर करने CM के नाम लिख रहे हैं पत्र…निम्न से उच्च पद के लिए फर्जी अनापत्ति प्रमाण पत्र लगाने की भी हो रही है कोशिश!

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shiksha karmi news GROUP

रायपुर 21 जुलाई 2018।शिक्षाकर्मियों के संविलियन की घोषणा माननीय मुख्यमंत्री जी के अब तक के सबसे बड़े घोषणा में से एक है उनकी मंशा अनुसार समाज में शिक्षकों की स्थिति को सम्मानजनक बनाने के लिए संविलियन का निर्णय लिया गया है। किंतु अधिकारियों के द्वारा अलग अलग तरीके से नियमों को परिभाषित करने का प्रयास किया जा रहा है। कुछ जगहों पर निम्न से उच्च पद के लाभ लेने के लिए फर्जी अनापत्ति प्रमाण पत्र भी लगाने का मामला सामने आ रहा है। नियोक्ता (जिला/जनपद पंचायत) के द्वारा अनापत्ति प्रमाणपत्र की जांच कराने की मांग भी उठने लगी है।कनिष्ठ शिक्षक पंचायत संवर्ग को वरिष्ठ शिक्षक पंचायत से अधिक वेतन मिलेगा जिससे वरिष्ठ शिक्षक पंचायत संवर्ग खासे नाराज हैं की वरिष्ठता के बाद भी कम वेतन मिलना मूलभूत अधिकारों का हनन एवं प्राकृतिक न्याय के विपरीत है।
शिक्षाकर्मियों ने मुख्यमंत्री को अनुरोध पत्र लिखा है।
माननीय मुख्यमंत्री जी के नाम पत्र-
माननीय मुख्यमंत्री जी,
सादर नमस्कार🙏
महोदय
आपके द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष मा. अमित शाह जी के अंबिकापुर के सभा में घोषणा किया गया कि-“शिक्षा कर्मियों का शिक्षा विभाग में 1/7/2018 से संविलियन किया जाएगा। जैसे -जैसे 8 वर्ष पूर्ण होता जाएगा शिक्षा विभाग में संविलियन होता जाएगा।
उपरोक्त घोषणा के पश्चात संविलियन की प्रक्रिया तेजी से प्रारंभ हो गई और दिशा-निर्देश जारी होने लगे। परन्तु दिशा-निर्देशों में अधिकारियों द्वारा भारी चूक की गई है जो विसंगति पूर्ण है। ठीक से चिन्तन विचार किए बिना ये सारे दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं जिनमें निम्नानुसार विसंगतियाँ हैं–
1- कनिष्ठ (जूनियर) का संविलियन होकर वह वरिष्ठ (सीनियर) हो रहा है।
2- वरिष्ठ से कनिष्ठ को अधिक वेतन प्राप्त हो रहा है।
3.क्रमोन्नति के लाभ नही मिलने से वरिष्ठ का वेतन कम और कनिष्ठ का वेतन अधिक होगा जो प्राकृतिक न्याय के विपरीत है।क्रमोन्नति प्रदान कर इस विसंगति को दूर किया जा सकता है।
4- निम्न से उच्च पद पर दोहरा लाभ दिया जा रहा है जो नियमतः उचित नहीं है।
5- जुलाई 2010 से दिसम्बर 2010 के बीच नियुक्त शिक्षा कर्मियों का संविलियन घोषणा के विपरीत 8 वर्ष की बजाय 9 वर्ष पश्चात किया जाएगा।
6- शेष शिक्षकों का संविलियन 8-8 वर्ष में किया जाएगा।
7- जुलाई 2010 से दिसम्बर 2010 के बीच नियुक्त शिक्षा कर्मियों का क्या दोष है जिसके कारण उन्हें एक वर्ष विलम्ब से संविलियन का लाभ दिया जाएगा।
8- मा. मुख्यमंत्री महोदय के घोषणानुसार 8 वर्ष पूर्ण होता जाएगा संविलियन होता जाएगा का पालन नहीं किया जाकर एक वर्ष और छः-छः महीने का अन्तराल करके मा. मुख्यमंत्री महोदय जी आपके भावनाओं को अधिकारियों द्वारा कुचल कर शिक्षकों और शासन के साथ धोखा किया जा रहा है।
अधिकारियों के इस प्रकार के आदेश और दिशा-निर्देश के कारण बहुत से पात्र शिक्षक समय से संविलियन से वंचित ही नहीं अपितु कनिष्ठ (जूनियर) भी हो गए हैं और आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है।
मा. मुख्यमंत्री जी आपकी अच्छी सोच , सबका साथ-सबका विकास के तहत शिक्षकों को दिए जा रहे सम्मान में उपरोक्तानुसार अधिकारियों द्वारा रोड़ा अटकाने के कारण से मा. मुख्यमंत्री महोदय जी आपकी मंशा और शिक्षकों के भावनाओं को चोट पहुंची है। जिससे शिक्षकों में असन्तोष व रोष की भावना का जन्म हुआ है। जो अधिकारियों की मंशा को स्पष्ट करता है कि सरकार के प्रति इनकी सोच कैसी है। अतः इस प्रकार के कृत्यों से षडयन्त्र की बू – आ रही है जिसके कारण आगामी चुनाव में सरकार को विरोध का सामना करना पड़ सकता है।
अतः मा. मुख्यमंत्री महोदय जी से निवेदन है कि ऐसे षडयन्त्र कारी अधिकारियों की तत्काल पहचान करें व इस प्रकार के षडयन्त्र को रोकें व सही दिशा-निर्देश जारी करवाकर उपरोक्त विसंगतियों को दूर करवाने की महती कृपा कीजियेगा ताकि सभी को उचित लाभ द प्राप्त हो सके।
आपका
                                              शुभचिन्तक

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