Home Uncategorized आगामी शिक्षा सत्र से राज्य के सभी बड़े शहरों में अंग्रेजी माध्यम...

आगामी शिक्षा सत्र से राज्य के सभी बड़े शहरों में अंग्रेजी माध्यम के उत्कृष्ट स्कूल प्रारंभ किए जाएंगे : जिला कलेक्टरों को एक सप्ताह के भीतर स्कूल चयन कर प्रत्येक स्कूल की सुधार योजना बनाकर भेजने के निर्देश

0
723

रायपुर, 17 फरवरी 2020।स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने सभी जिला कलेक्टरों को पत्र लिखकर अवगत कराया है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा राज्य की सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में से एक है। मुख्यमंत्री का सपना है कि राज्य के सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो। मुख्यमंत्री द्वारा पिछले कुछ दिनों में शिक्षा से संबंधित अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए है। राज्य शासन ने निर्णय लिया है कि सभी बड़े शहरों में अंग्रेजी माध्यम के उत्कृष्ट स्कूल आगामी शिक्षा सत्र से प्रारंभ की जाए। उन स्कूलों के लिए कोई न्यूनतम संख्या निर्धारित नहीं की गई है, परंतु अपेक्षा यह है कि ऐसे स्कूल अधिक से अधिक संख्या में हो और प्रत्येक जिले में कम से कम एक ऐसा स्कूल हो।

कलेक्टरों से कहा गया है कि इन स्कूलों के लिए नवीन भवन का निर्माण नहीं किया जाना है, बल्कि वर्तमान में संचालित स्कूलों के भवनों में ही यह स्कूल संचालित किए जाने है। इन स्कूलों में कक्षा एक से 12वीं तक की कक्षाएं एक साथ प्रारंभ की जाएगी। डॉ. शुक्ला ने कलेक्टरों को इस संबंध में स्कूलों का चयन कर प्रत्येक स्कूल के सुधार के लिए पूरी योजना बनाकर एक सप्ताह में शासन को अवगत कराने के निर्देश दिए है। कलेक्टरों से योजना को बेहतर बनाने के लिए सुझाव भी मांगे गए है।

प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा द्वारा जिला कलेक्टरों को जारी पत्र में कहा गया है कि इस संबंध में तत्काल कार्य प्रारंभ किया जाना आवश्यक है, जिससे 15 जून के पहले सभी तैयारियां पूरी हो सके। कलेक्टरों से यह ध्यान रखने कहा गया है कि जिले के बड़े शहरों के स्कूलों का भ्रमण कर, ऐसे स्कूलों का चयन करें जहां पर योजना तुरंत प्रारंभ की जा सकती है। डॉ. शुक्ला ने कहा है कि ऐसे स्कूलों का चयन करें जो शहर के बीच में हो जहां पर वर्तमान दर्ज संख्या कम हो। इसके अतिरिक्त इस बात का ध्यान रखा जाए कि स्कूल के भ्रमण में कक्षा पहली से 12वीं तक की पढ़ाई के लिए पर्याप्त स्थान के साथ ही पुस्तकालय और प्रयोगशालाओं के लिए भी पर्याप्त स्थान हो। अच्छा होगा कि स्कूल में पर्याप्त खेल का मैदान भी हो।

प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा ने कहा है कि स्कूल का चयन करने के बाद स्कूल के भवन में सुधार के लिए छोटे-छोटे सिविल कार्य कराए जा सकते है। विशेषरूप से शौचालयों को साफ-सुथरा रखने,  प्रयोगशालाओं, पुस्तकालयों को अच्छा करने के लिए भी सिविल कार्यों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। स्कूल का रंग-रोगन भी कराया जा सकता है। कलेक्टरों से कहा गया है कि अनावश्यक सिविल कार्य नहीं कराया जाए, ऐसा कार्य कराया जाए जो मई माह तक पूरे हो जाए। कक्षाओं में अच्छी क्वालिटी का फर्नीचर, प्रयोगशालाओं के लिए आवश्यक उपकरण स्कूल में उपलब्ध कराए जाए। पुस्तकालय में अच्छी क्वालिटी के सेल्फ फर्नीचर तथा सभी विषयों की अंग्रेजी माध्यम की पुस्तकें उपलब्ध हो। पुस्तकालय के साथ एक रीडिंग रूम भी हो और उसमें अंग्रेजी के अखबार तथा मैग्जीन भी रखे जाए। खेल मैदान होने पर उसे अच्छा बनाया जाए।
कलेक्टरों से कहा गया है कि स्कूलों की कार्ययोजना में होने वाले व्यय को कनवर्जेंस से पूरा करने का प्रयास करें। इसमें डी.एम.एफ.एफ., सी.एस.आर. आदि की राशि का उपयोग किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त नगर पालिक निगम, जन-सहयोग से कुछ कार्य किए जा सकते है।

चयनित स्कूलों में उत्कृष्ट प्राचार्यों की पदस्थापना की जाएगी

डॉ. शुक्ला ने बताया कि चयनित स्कूलों में शासन द्वारा उत्कृष्ट प्राचार्यों की पदस्थापना की जाएगी। कलेक्टरों को इस संबंध में चिन्हित स्कूलों की सूची अविलंब भेजने कहा गया है। पत्र में कहा गया है कि स्कूल की योजना बनाने में प्राचार्य का भी सहयोग लिया जाए। उन्होंने बताया कि शासन द्वारा प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर अंग्रेजी माध्यम के शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया वर्तमान में प्रचलन में है। चयनित स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम के उत्कृष्ठ शिक्षकों की पदस्थापना शीघ्र की जाएगी। हाईस्कूल और हायर सेकण्डरी स्तर पर शिक्षकों की पदस्थापना के लिए सर्वप्रथम जिले में पहले से पदस्थ ऐसे शिक्षकों को खोजे जिन्होंने अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा प्राप्त की हो। इन शिक्षकों को बुलाकर उनका साक्षात्कार कर परीक्षण कर लें कि किन शिक्षकों का उपयोग इन स्कूलों में किया जा सकता है। इसके बाद भी पर्याप्त संख्या में अंग्रेजी माध्यम के शिक्षक नहीं मिलते है तो सूचित करें। शासन स्तर पर उनकी व्यवस्था के संबंध में निर्णय लिया जा सके।

शिक्षकों की चयन प्रक्रिया अप्रैल माह तक पूर्ण की जाएं

शिक्षकों के चयन की प्रक्रिया अप्रैल माह के अंत तक पूरी की जानी है। जिससे चयनित शिक्षकों के लिए एक इंडक्शन प्रशिक्षण आगामी क्षत्र के पहले आयोजित किया जा सके।

जिला कलेक्टरों से कहा गया है कि इन स्कूलों में वर्तमान में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए आस-पास के हिन्दी माध्यम के शासकीय स्कूलों में पढ़ने की व्यवस्था करनी होगी। इस बात का ध्यान रखा जाए कि हिन्दी माध्यम के शासकीय स्कूलों के गुणवत्ता सुधार की योजना में साथ में बनाई जाए, जिससे हिन्दी माध्यम में पढ़ने वाले बच्चें भी उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्राप्त कर सके। इसके लिए आवश्यकतानुसार हिन्दी माध्यम के स्कूलों में भी सिविल कार्य, अच्छी क्वालिटी के फर्नीचर, प्रयोगशालाओं और हिन्दी माध्यम के पुस्तकालयों की पूर्ण व्यवस्था की जाए। इनका सुधार भी जिले की योजना का अभिन्न अंग होना चाहिए।

कलेक्टरों से कहा गया है कि अंगेजी माध्यम में चयनित स्कूलों में विद्यार्थियों की भर्ती के लिए किसी प्रकार की परीक्षा का आयोजन नहीं किया जाए। कक्षा पहली से तीसरी तक के लिए किसी भी माध्यम से पढ़े हुए बच्चों को भर्ती किया जा सकता है, परंतु इसके बाद की कक्षाओं में उन्हीं बच्चों को भर्ती करना होगा, जिन्होंने अंग्रेजी माध्यम से इसके पूर्व की शिक्षा प्राप्त की है, जिससे वें कक्षा में पिछड़ न जाए। यदि उपलब्ध सीटों से अधिक संख्या में भर्ती का आवेदन प्राप्त होते है तो पहले आओ पहले पाओ के आधार पर भर्ती की जा सकती है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

error: Content is protected !!