रायपुर 30 सितंबर 2018। प्रदेशभर के शिक्षाकर्मियों एक बार फिर निराशा हाथ लगी है ।8 शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के दो संचालकों वीरेंद्र दुबे और केदार जैन के द्वारा शिक्षक महासम्मेलन का आयोजन किया गया था। जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह मुख्य अतिथि थे और कार्यक्रम की अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने किया। विशिष्ट अतिथि पंचायत मंत्री अजय चंद्राकर, कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल सहित कई मंत्रियों को बनाया गया था। शिक्षाकर्मियों ने इस सम्मेलन से बहुत अधिक उम्मीद लगा रखी थी। शिक्षा कर्मियों का कहना था कि मुख्यमंत्री जी अरसे बाद शिक्षक महासम्मेलन में मुख्य अतिथि के रुप में आ रहे तो निश्चित तौर से शिक्षाकर्मियों की संविलियन में व्याप्त विसंगतियों को दूर करते हुए वर्ष बंधन समाप्त करने क्रमोन्नति अनुकंपा नियुक्ति एवं वेतन विसंगति को दूर करने संबंधी प्रमुख घोषणा करने की उम्मीद हम सब लगाए बैठे थे। किंतु आज इस सम्मेलन से शिक्षाकर्मियों में निराशा हाथ लगी है वही आयोजकों को पंचायत मंत्री की फटकार का भी सामना करना पड़ा। कुछ शिक्षाकर्मियों की मानें तो उनका कहना था की मोर्चा के सभी संचालकों के बिना रायशुमारी से महासम्मेलन का फैसला करने से अतिथियों में यह संदेश गया है कि ये आपस में एकजुट नहीं है और इसी कारण से इस सम्मेलन में कोई बड़ा निर्णय नहीं हो सका।कुछ लोगों ने तो यहां तक कहा कि प्रांतीय संचालक संजय शर्मा को नजरअंदाज करना मोर्चा के दो संचालकों को महंगा पड़ गया।अब आने वाला वक्त ही बताएगा कि क्या शिक्षाकर्मियों की विसंगति को समाप्त करने के लिए सरकार द्वारा कोई बड़ा निर्णय लिया जाएगा या चुनाव अचार संहिता लागू होने के फल स्वरूप जस के तस विसंगतियों के सहारे शिक्षाकर्मियों को छोड़ दिया जाएगा।