वेतन विसंगति है ही नही…..प्रमुख सचिव ने बताया….संजय शर्मा, वीरेंद्र दुबे एवं विकास राजपूत ने कहा…पूर्व सेवा अवधि की गणना से शिक्षको की सभी मांगो का होगा निराकरण….कमेटी ने अपना काम कर दिया है, सम्बंधित पक्ष को बताया गया है….जनघोषणा पत्र में क्रमोन्नति है मुख्य बिंदु, शीघ्र हो निराकरण

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 रायपुर 16 सितंबर 2022। संजय शर्मा प्रदेश अध्यक्ष छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन, वीरेंद्र दुबे प्रदेश अध्यक्ष शालेय शिक्षक संघ, विकास राजपूत प्रदेश अध्यक्ष नवीन शिक्षक संघ के अगुवाई में वेतन विसंगति हेतु 3 माह के लिए गठित समिति के 1 साल पूरा होने पर सहायक शिक्षको की वेतन विसंगति दूर नही करने के कारण बुढातालाब, रायपुर में कमेटी आदेश को जलाकर विरोध प्रदर्शन किया गया, जिसके बाद सीधे मंत्रालय में शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव शिक्षा डॉ आलोक शुक्ला से चर्चा कर पूछा गया कि कमेटी ने अब तक अपना काम पूरा क्यो नही किया, रिपोर्ट सार्वजनिक क्यो नही किया गया? प्रमुख सचिव शिक्षा ने कहा कि कमेटी ने अपना काम पूरा कर लिया है, भारसाधक सचिव को प्रतिवेदन दे दिया गया है, रिपोर्ट को सार्वजनिक नही किया जाता है, कोई वेतन विसंगति नही है, सम्बंधित पक्ष को बताया गया है।

संजय शर्मा, वीरेंद्र दुबे, विकास राजपूत के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने माननीय मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग, सचिव सामान्य प्रशासन विभाग, सचिव वित्त विभाग, सचिव स्कूल शिक्षा विभाग को पूर्व सेवा अवधि की गणना कर जनघोषणा पत्र के उल्लेख अनुसार शिक्षक (एल बी ) संवर्ग के मांगो का निराकरण करने ज्ञापन सौंपकर तथ्यात्मक दस्तावेजों के साथ पक्ष रखा है, चर्चा करते हुए बताया गया है कि पूर्व सेवा अवधि की गणना से ही शिक्षको की सभी मांगो का निराकरण होगा।

उन्होंने प्रमुख सचिव शिक्षा से प्रबलता पूर्वक यह पक्ष रखा है कि जिस प्रकार पदोन्नति के लिए वन टाइम रिलेक्शन के तहत अवधि 3 वर्ष किया गया है, तो पदोन्नति से वंचित शिक्षक संवर्गो के लिए क्रमोन्नति हेतु भी अवधि एक बार के लिए घटाकर 3 वर्ष करते हुए सभी को लाभ दिया जावे।

न्यायालय में अवरुद्ध पदोन्नति पर चर्चा में प्रमुख सचिव ने कहा कि पदोन्नति करने शासन ने नियम शिथिल कर 3 वर्ष किया है, शिक्षक ही बाधा बन रहे है, शासन ने जवाब दे दिया है, अब न्यायालय के निर्णय को मान्य कर पदोन्नति होगी।

पूर्ण पेंशन की मांग के तहत प्रथम नियुक्ति तिथि से अहर्तादायी सेवा की गणना कर पेंशन निर्धारण किया जावे, तथा केंद्र सरकार के समान 20 वर्ष की अर्हकारी सेवा पर पूर्ण (50%) पेंशन का प्रावधान किया जावे।

वेतन विसंगति की मांग के तहत व्याख्याता व शिक्षक की तुलना में सहायक शिक्षक का वेतन कम है, प्राथमिक शिक्षा को विशेष शिक्षकीय सेवा मानकर व्याख्याता व शिक्षक के वेतनमान के अंतर के अनुपात में शिक्षक व सहायक शिक्षक के वेतनमान में सुधार किया जावे तथा शिक्षक पं/ननि संवर्ग को 01/05/2013 से दिए गए पुनरीक्षित (समतुल्य) वेतनमान में भूतलक्षी प्रभाव से 1.86 के गुणांक पर निर्धारण करने का आदेश जारी किया जावे व 2 वर्ष में एक वेटेज का लाभ दिया गया है उसे 1 वर्ष में 1 वेटेज देने का आदेश देते हुए रिवाइज एलपीसी जारी किया जावे।

क्रमोन्नति की मांग के तहत – प्रथम नियुक्ति तिथि से पूर्व सेवा अवधि को जोड़ते हुए सहायक शिक्षको को प्रचलित नियम अनुसार सीधे उच्च वर्ग शिक्षक का 4200 ग्रेड पे का उच्चतर वेतनमान देते हुए क्रमोन्नति का आदेश किया जावे, तथा शिक्षक व व्याख्याता के लिए प्रचलित नियम अनुसार समयमान वेतनमान का आदेश जारी किया जावे।

क्रमोन्नति का बिंदु जनघोषणा में शामिल किया गया है तथा शिक्षा कर्मियों के निम्न वर्ग की सेवा को जोड़कर उच्च वर्ग में लाभ दिया गया है, अतः पूर्व सेवा अवधि को जोड़कर क्रमोन्नति हेतु लाभ प्रदान कर क्रमोन्नति आदेश जारी किया जावे, तथा छत्तीसगढ़ शासन वित्त एवं योजना विभाग मंत्रालय रायपुर के आदेश क्रमांक 233 / वित्त / नियम / चार / 09 रायपुर दिनांक 10 अगस्त 2009 के बिंदु क्रमांक 03 में उल्लेखित है कि राज्य शासन के एक विभाग से दूसरे विभाग में समान वेतनमान के सीधी भर्ती के पद पर संविलियन होने पर पूर्व पद की सेवा अवधि उक्त संविलियन के पद पर समयमान/ क्रमोन्नत वेतनमान की गणना हेतु शामिल करने का प्रावधान है।

प्राचार्य पदोन्नति हेतु वन टाइम रिलेक्सेशन की मांग के तहत सहायक शिक्षक से शिक्षक व प्रधान पाठक प्राथमिक शाला, शिक्षक से व्याख्यता व प्रधान पाठक पूर्व माध्यमिक शाला के पदों पर पदोन्नति में 5 वर्ष के अनुभव को शिथिल कर वन टाइम रिलेक्सेशन देते हुए 3 वर्ष किया गया है, उसी तरह व्याख्यता से प्राचार्य पदोन्नति के लिए वन टाइम रिलेक्सेशन का प्रावधान किया जावे।

मंत्रालय में श्री आलोक शुक्ला प्रमुख सचिव शिक्षा से सभी मांगो पर विस्तार से चर्चा हुई, प्रमुख सचिव ने कहा कि वेतन विसंगति की रिपोर्ट शासन को सौप दी गयी है, जिसकी जानकारी पत्र में उल्लेखित पक्ष को अवगत भी कराया जा चुका है। शासन की वित्तीय स्थिति अच्छी नही है अतः कोई भी वित्तीय भार सम्बन्धी निर्णय अभी प्रस्तावित नही है।

ज्ञापन सौपने वाले प्रतिनिधि मंडल में संजय शर्मा, विरेन्द्र दुबे, विकास राजपूत, सुधीर प्रधान, शैलेन्द्र पारीक, विनोद सिन्हा, केशव साहू, योगेश सिंह, मनोज चौबे, ओमप्रकाश पांडेय, ओमप्रकाश सोनकला, श्री हरि, लालजी साहू, संतोष साहू, रमेश यादव शामिल थे।

 

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