बिग ब्रेकिंग:प्राचार्य पदोन्नति प्रक्रिया को न्यायालय स्थगन आदेश के बाद भी जारी रखने पर न्यायालय की अवमानना का कानूनी नोटिस

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बिलासपुर। प्राचार्य पदोन्नति प्रक्रिया को न्यायालय स्थगन आदेश के बाद भी जारी रखने पर न्यायालय की अवमानना का कानूनी नोटिस जारी किया गया है। अधिवक्ता साकेत पांडे के माध्यम से राम गोपाल साहू व्याख्याता संवर्ग एलबी ने न्यायालय की अवमानना का नोटिस डॉ आलोक शुक्ला सचिव स्कूल शिक्षा विभाग एवं लोक शिक्षण संचालनालय तथा जिला शिक्षा अधिकारी बिलासपुर को प्रेषित किया।

यह नोटिस छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की रिट याचिका क्रमांक 1472 / 2021 के पारित आदेश दिनांक 3:03 2021 के उल्लंघन में अवमानना नोटिस है, जिसमें यह कहा गया है कि उनका मुवक्किल, राम गोपाल साहू जो कि व्याख्याता एलबी के पद पर पदोन्नति व सेवा श्रेष्ठता अभिलेख के अनुसार प्राचार्य पदोन्नति हेतु योग्य है और उसी के समान कई एल बी संवर्ग के व्याख्याता लोग प्राचार्य पदोन्नति के लिए योग्य होने के बाद भी बार-बार वरिष्ठता क्रम से सक्षम प्राधिकारी द्वारा उन्हें प्राचार्य पदोन्नति के लिए नहीं लिया जा रहा है, सिर्फ व्याख्याता ई को ही इस प्रक्रिया में शामिल किया जा रहा है, व्याख्याता एलबी को छोड़कर यह प्रक्रिया जारी है यह कार्य ना सिर्फ विवादास्पद व पक्षपातपूर्ण है अपितु विधि विरुद्ध भी है।

आगे नोटिस में वकील ने लिखा है कि माननीय उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ की रिट याचिका क्रमांक 1472/2021 द्वारा कोर्ट में प्राथमिकता देने हेतु मुवक्किल द्वारा अभ्यावेदन के माध्यम से राहत की मांग किया था और यह बहुत बड़ा अपवाद है कि व्याख्याता एल बी संवर्ग को छोड़कर पक्षपात पूर्ण तरीके से प्राचार्य पद पर पदोन्नति किया जा रहा है जिस पर माननीय उच्च न्यायालय ने विचारण करते हुए 3 मार्च 2021 को एक आदेश जारी कर प्राचार्य पद पर पदोन्नति पर स्थगन आदेश देते हुए किसी भी प्रकार की अगली प्रक्रिया को हाईकोर्ट के संज्ञान कि बिना आरंभ नहीं करने को कहा, किन्तु 2021 में फिर से पदोन्नति प्रक्रिया सिर्फ व्याख्याता ई को विचारण के लिए साथ लेते हुए तेज गति से यह पदोन्नति प्रक्रिया अंतिम चरण की ओर लगभग पहुंच गया।

इस संबंध में शिक्षा विभाग प्रमुख द्वारा 11-5 2021 और 17 -5 – 2021 को प्राचार्य पदोन्नति में सिर्फ ई संवर्ग वालों के लिए निर्देश भी प्रसारित किया गया है, यह उपरोक्त जो कृत्य है वह माननीय विधि न्यायालय के आदेश का खुला अवमानना है यह कि प्राचार्य पदोन्नति हेतु प्रक्रिया आरंभ करने का आदेश पारित किया जाना इन व्याख्याता एलबी संवर्व के साथ पक्षपात पूर्ण एवं माननीय न्यायालय के आदेश की अवमानना है और ऐसे व्यवहार माननीय न्यायालय के क्षेत्राधिकार अंतर्गत न्यायालय की अवमानना के तहत संबंधित प्राधिकारी दंड के भागी है।

इसलिए वर्तमान में इस नोटिस की प्राप्ति के 7 दिवस के भीतर पूर्ववत व्यवस्था माननीय न्यायालय के आदेश दिनांक 3 मार्च 2021 के स्थगन आदेश की स्थिति को बनाए रखें यदि रिट आदेश क्रमांक 1472 / 2021 दिनांक 3 मार्च 2021 को 7 दिवस के भीतर अनुसरण नहीं करते हैं, तो याचिकाकर्ता माननीय न्यायालय के समक्ष अवमानना की प्रक्रिया लाने के लिए विवश होगा, साथ ही इस नोटिस का व्यव ₹10000 भी संबंधित विभाग प्रमुखों को देना होगा।

उक्त नोटिस अधिवक्ता साकेत पांडे ने अपने प्रभावित मुवक्किल राम गोपाल साहू व्याख्याता एल बी संवर्ग की ओर से अधिकृत हो करके यह तथ्यात्मक और कानूनी नोटिस संबंधित विभाग प्रमुखों को को दिया है।

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