रायपुर। छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी अब इस दुनिया में नहीं रहे। अजीत जोगी ने रायपुर के देवेन्द्र नगर स्थित नारायणा अस्पताल में 3:30 बजे आखिरी सांस ली। जोगी लंबे समय से तबीयत खराब होने की वजह से अस्पताल में भर्ती थे। आईपीएस और फिर आईएएस से लेकर मुख्यमंत्री पद तक का सफ़र तय करने वाले अजीत जोगी राजनीति के धुरंधरों में गिने जाते रहे हैं। नंगे पैर स्कूल जाने से लेकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई और ईसाई धर्म अपनाने से लेकर प्रशासनिक सेवा तक के सफ़र ने जोगी को परिपक्व बना दिया।
२० वर्षीय युवा छत्तीसगढ़ राज्य के सिर से आज उसके पिता का साया उठ गया।केवल मैंने ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ ने नेता नहीं,अपना पिता खोया है।माननीय अजीत जोगी जी ढाई करोड़ लोगों के अपने परिवार को छोड़ कर,ईश्वर के पास चले गए।गांव-गरीब का सहारा,छत्तीसगढ़ का दुलारा,हमसे बहुत दूर चला गया। pic.twitter.com/RPPqYuZ0YS
— Amit Jogi (@amitjogi) May 29, 2020
अजीत जोगी का जन्म 29 अप्रैल 1946 में बिलासपुर के पेंड्रा में हुआ था. उनका पूरा नाम अजीत प्रमोद कुमार जोगी है. उन्होंने भोपाल से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके कुछ दिन रायपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में अध्यापन का काम किया. जोगी 1968 में UPSC में सफल हुए और IPS बने थे. दो साल बाद ही वे IAS बन गए. वो रायपुर, शहडोल और इंदौर में 14 साल तक कलेक्टर रहे हैं.
मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के सुझाव पर राजनीति में आए. 1 नवंबर 2000 को जब छत्तीसगढ़ राज्य बना, तब जोगी छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री बने. मुख्यमंत्री के तौर पर उनका कार्यकाल 9 नवंबर 2000 से 6 दिसंबर 2003 तक था. महासमुंद लोकसभा सीट से वो पहली बार सांसद का चुनाव जीते थे, 2004 से 2009 तक वे सांसद रहे.रायपुर में कलेक्टर थे, उस समय राजीव गांधी के संपर्क में आ गए. जब राजीव गांधी रायपुर रुकते थे तो एयरपोर्ट पर जोगी खुद उनकी मुलाकात करने के लिए पहुंच जाते थे. बताया जाता है कि इस खातिरदारी ने उन्हीं राजनीतिक की टिकट दिला दी. उन्होंने काफी संघर्ष के बाद यह मुकाम हासिल किया था.