44 डिग्री तापमान – छात्रो के लिए तत्काल छुट्टी घोषित हो – एसोसिएशन….. ग्रीष्मावकाश में शिक्षकों को अन्य सेवा मंजूर नही

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रायपुर। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा है कि रायपुर, बिलासपुर सहित मैदानी क्षेत्रों में 43 – 44 डिग्री तापमान में छात्रो को स्कूल बुलाने की कोई मजबूरी नही है, लेकिन अवकाश घोषित नही होने के कारण निजी व शासकीय शाला में छात्रो की भीषण गर्मी में लगातार उपस्थिति चिंताजनक है, छात्रों का ध्यान रखते हुए शासकीय और निजी शालाएं तत्काल छात्रों को अवकाश दें, प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा है कि शिक्षा विभाग को संवेदनशीलता दिखाते हुए प्रदेश के समस्त शासकीय और निजी शालाओं में अवकाश घोषित करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार से नवाचार या प्रयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि मैदानी क्षेत्रों में 44 डिग्री तापमान होने के कारण से छात्र 10 बजे भी वापस आते हैं तो त्वचा झुलसने लगती है, डॉक्टरों की अलग से सलाह है कि अधिक पानी पिए, धूप में ना निकले, लू लग सकता है, इससे सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है, इन सभी स्थितियों के मद्देनजर प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा, प्रदेश संयोजक सुधीर प्रधान, वाजिद खान, प्रदेश उपाध्यक्ष हरेन्द्र सिंह, देवनाथ साहु, बसंत चतुर्वेदी, प्रवीण श्रीवास्तव, शैलेंद्र यदु, डॉक्टर कमल वैष्णव, प्रदेश सचिव मनोज सनाढ्य, प्रदेश कोषाध्यक्ष शैलेंद्र पारीक ने कहा है कि गर्मी के अवकाश में शिक्षकों के लिए समर कैंप आयोजन, तेंदूपत्ता संग्रहण, सहित दूसरे कार्य में शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जाती है।

यह अत्यंत खेदजनक है कि प्रदेश में शिक्षकों को लगातार सेवा करते रहने के कारण प्रारंभिक समय में दो माह का अवकाश दिया गया था जिसे अब शिक्षा विभाग द्वारा आदेशित कर 45 दिन का अवकाश घोषित किया जाता है, इस अवकाश पर भी राजस्व विभाग व अन्य विभागों की नजर होती है जिसमें विभिन्न प्रकार के अन्य कार्यो में शिक्षकों की सेवाएं ली जाती है।

45 दिन ग्रीष्मावकाश का समय शिक्षकों के रिफ्रेशमेंट का होता है, ज्ञानार्जन का होता है, शिक्षकों को अपने परिवार में समय देने के लिए होता है, अपने सेहत को ध्यान में रखने के लिए एवं विभिन्न प्रकार के पारिवारिक व सामाजिक दायित्व को पूर्ण करने के लिए यह 45 दिन का ग्रीष्म अवकाश उपयोगी होता है।

एसोसिएशन के पदाधिकारियो ने सचिव स्कूल शिक्षा एवं संचालक लोक शिक्षण संचालनालय से मांग किया है की 45 दिनों का घोषित ग्रीष्म अवकाश शिक्षकों को निश्चित तौर पर अवकाश के रूप में ही प्राप्त हो इस अवधि में किसी भी प्रकार से अन्यत्र या अन्य कार्यों में शिक्षकों की सेवा नहीं लिया जाए। शिक्षकों के लिए सप्ताह में 6 दिन कार्यदिवस है, जबकि अन्य कर्मचारियों के लिए 5 दिन कार्यदिवस तय है।

ग्रीष्मावकाश के कारण ही शिक्षकों को कम अर्जित अवकाश की पात्रता है, और यही अवकाश अन्य सेवा में लिया जाना अत्यंत आपत्तिजनक है, ग्रीष्मावकाश की कटौती शिक्षकों को बिल्कुल मंजूर नही होगी। इस तथ्य को शिक्षा विभाग द्वारा रेखांकित किया जाना चाहिए।

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