स्कूली बच्चों पर प्रचंड गर्मी का प्रहार…मानसून की आँख मिचौली ने पालको को जुलाई से स्कूल लगाने की मांग के लिए मजबूर किया…जुलाई से हो स्कूलों का संचालन…छत्तीसगढ़ पालक एसोसिएशन ने की मांग

0
589

भारत वर्ष और भारतवर्ष के समस्त राज्यों में पुरानी शैक्षणिक व्यवस्था माह जुलाई से माह मार्च तक के शैक्षणिक सत्र के रूप में हुआ करती थी जिसे बाद में बदलाव कर माह जून से संचालित किया जाने लगा और समय समय पर इसमें काफी फेरबदल होते रहे।मानसून की आंख मिचौली ने जून माह में भी गर्मी का पारा 37 डिग्री पर कायम रखा है।इस बीच पलकों ने जुलाई माह से स्कूल लगाने की मांग को लेकर मोर्चा खोल दिया है।अब वर्तमान व्यवस्था से असंतुष्ट छत्तीसगढ़ पालक एसोसिएशन ने मांग की है कि पुरानी व्यवस्था जिसमें शैक्षणिक सत्र जुलाई से प्रारंभ की जाती थी उस व्यवस्था को बहाल किया जाए और स्कूलों का संचालन माह जुलाई से ही प्रारंभ किया जाए।
उक्त मांग संबंधी ज्ञापन एसोसिएशन के अध्यक्ष ओम दीवान एवं सचिव स्वाति तिवारी ने माननीय मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह जी को सौंपते हुए कहा है कि मानसून के भटकने और वर्षा के समय पर नहीं आने से उमस तथा रोगों को बढ़ावा देने वाले वायरसों के हावी होने से बच्चों के संक्रमित होने का खतरा बढ़ गया है और ऐसी स्थिति में वे भरी दोपहरी में उमस भरी गर्मी में स्कूल आने को बाध्य हैं इसलिए नौनिहाल बच्चों के भविष्य और सेहत को देखते हुए यह उचित होगा कि राज्य शासन शैक्षणिक सत्र एक जुलाई से प्रारंभ करने का आदेश जारी करें।
इसी प्रकार का एक और ज्ञापन छत्तीसगढ़ के माननीय शिक्षामंत्री केदार कश्यप जी को सौंपते हुए पालक एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेन्द्र छाबड़ा और सचिव भावना पांडेय ने भी मांग की है कि समस्त शासकीय अशासकीय स्कूलों का संचालन एक जुलाई से ही शालाएं प्रारंभ करने के संबंध में दिशा निर्देश जारी किया जाना छात्रों के हित में होगा जिससे छत्तीसगढ़ के समस्त पालक सहमत है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.