कल 8 जून को शिक्षाकर्मियों के लिए महत्वपूर्ण दिन साबित हो सकता है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर शिक्षाकर्मियों के मांगों के निराकरण के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित हाई पावर कमेटी अपनी रिपोर्ट CM को सौंपने जा रही है।मुख्य सचिव ने पहले ही अपने बयान में कहा है कि हमने अपना काम कर दिया है,और बेहतर रिपोर्ट देने का प्रयास हमारे द्वारा किया गया है।इस पर अंतिम निर्णय राज्य सरकार को ही करना है।ऐसे में कल का समय महत्वपूर्ण हो सकता है।
क्या कल समिति केवल रिपोर्ट मुख्यमंत्री जी को सौंपेगी या कल मुख्यमंत्री जी समिति की रिपोर्ट पर निर्णय लेते हुए उसे सार्वजनिक करेंगे?
इन विषयों को लेकर आज प्रदेश भर के शिक्षाकर्मियों में चर्चा-परिचर्चा का दौर जारी है।
क्या हो सकता है शिक्षाकर्मियों के संविलियन का फार्मूला?
क्या छत्तीसगढ़ में शिक्षाकर्मियों के संविलियन का फार्मूला मध्यप्रदेश की तरह ही होगा।वहां शिक्षा विभाग में एक अलग कैडर बनाकर शिक्षाकर्मियों के संविलियन किया जा रहा है क्या छत्तीसगढ़ में भी अलग केडर बनाया जाएगा या शिक्षा एवं आदिम जाति विभाग के मूल पदों में सहायक शिक्षक, शिक्षक, व्याख्याता के पद पर ही संविलियन किया जाएगा?
क्या मध्य प्रदेश की ही तरह समस्त 180000 शिक्षाकर्मियों के लिए संविलियन की नीति बनेगी या वर्ष बंधन कर कुछ ही शिक्षा कर्मियों का संविलियन किया जाएगा?
क्या सहायक शिक्षक पंचायत के वेतन में समानुपातिक अंतर को दूर कर क्रमोन्नति का लाभ देते हुए संविलियन किया जाएगा या केवल मूल पद में संविलियन ही किया जाएगा?
क्या शिक्षाकर्मियों की संविलियन के पश्चात वरिष्ठता की स्थिति बदल जाएगी,कनिष्ठ हो जाएंगे या पहले किये गए सेवा की गणना की जायेगी।
इस तरह के अलग अलग कयास संविलियन फार्मूले पर लगाये जा रहे हैं।
अब आने वाले सप्ताह में सभी चीज स्प्ष्ट हो जाने की संभावना है।
शिक्षक मोर्चा के प्रदेश संचालक संजय शर्मा, प्रदेश उप संचालक हरेंद्र सिंह,देवनाथ साहू, बसंत चतुर्वेदी,प्रवीण श्रीवास्तव, विनोद गुप्ता, मनोज सनाढ्य, शैलेन्द्र पारीक, सुधीर प्रधान, विवेक दुबे ने निवेदन किया है की शिक्षाकर्मियों के जल्द से जल्द इंतजार की घड़ियों को खत्म करते हुए समतुल्य वेतन निर्धारण की विसंगति दूर करते हुए समानुपातिक, कर्मोनन्ति के आधार पर छठवे ( समतुल्य/ पुनरीक्षित) वेतनमान का निर्धारण कर विद्यमान वेतन पर सातवे वेतनमान के निर्धारण का लाभ देते हुए ब्याख्याता, शिक्षक, सहायक शिक्षक के पद संविलियन का लाभ दें ।
साथ ही उनका यह भी कहना है की रिपोर्ट सौपने के तत्काल बाद प्रतिवेदन को सार्वजनिक किया जावे, उन्हें शासन प्रशासन द्वारा शिक्षाकर्मियों के हित में अनुकूल निर्णय लिए जाने की अपेक्षा है और रिपोर्ट का खुलासा होने के बाद मोर्चा द्वारा इसकी समीक्षा की जाएगी। उसके बाद ही आगे की रणनिति तय की जाएगी।