भडेरा का भविष्य सुधारने निकली भावी पीढ़ी:पॉलीथिन नुकसान से बचने बाल वैज्ञानिकों ने बताई रिसाइकल को सफलता की सीढ़ी
राज्य स्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस2019 में अपनी गाइड प्रभारी कैशरीन बेग के मार्गदर्शन में भाग लेंगी भँडेरा स्कूल की बाल वैज्ञानिक योगेश्वरी और पूजा
प्लास्टिक और पालीथिन का अंधाधुंध प्रयोग आज मानवजाति और सजीव जगत को भयंकर मुसीबत की ओर धकेल रही है। इस पर नियंत्रण के साथ-साथ इसका उचित तरीके से निपटान एक प्रमुख समस्या बनी हुई है, जिसमे पूरे विश्व के वैज्ञानिक और पर्यावरणविद लगे हुए हैं।
इस गम्भीर समस्या के सम्पूर्ण निदान का रास्ता तलाशने के लिए भँडेरा स्कूल की छात्र-छात्राएं अपने शिक्षकों के मार्गदर्शन में ग्राम भँडेरा के विभिन्न वार्डो,घरों,छोटे-बड़े दुकानों,अस्पताल,पोस्टआफिस,बाज़ार,मंदिर,सोसायटी अन्न भंडार आदि ऐसे जगहों का स्थल निरीक्षण किया जिन जगहों पर सर्वाधिक प्लास्टिक और पॉलीथिन का उपयोग होता है। इनके इस शोधकार्य में विद्यालय की गाइड प्रभारी कैशरीन बेग ने मार्गदर्शन प्रदान करते हुए ग्राम के सरपंच परदेशी राम गावरे व अन्य जिम्मेदार व्यक्तियों से इन छात्र-छात्राओं की मुलाकात कराकर इन बाल वैज्ञानिकों के शोधकार्य की जानकारी दी। विद्यालय की शिक्षक नंदा सोनी भी इस कार्य मे सहयोग प्रदान की।
गौरतलब है इसी भँडेरा शा उ मा वि की दो छात्राएं योगेश्वरी और पूजा का चयन राज्य स्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस 2019 के लिए चयन हुआ है।
इन बाल वैज्ञानिकों ने गांव से निकलने वाली समस्त प्रकार के कचरों के उचित निपटान की प्रक्रिया को देखा और गांवों में जैविक खाद बनाने की प्राचीन परंपरा को पर्यावरण का पोषक बताया, तथा प्लास्टिक और पालीथिन का रिसाइकल कर पुनः इसका स्वरूप परिवर्तन या पुनः उपयोग करना ही पर्यावरण के लिये हितकर है,इसे यूँ ही जमीन पर फेंकना या जला देने से अत्यंत ख़तरनाक परिणाम प्राप्त होते हैं। इन बाल वैज्ञानिकों की इस भूमिका की सर्वत्र सराहना की गई।