रायपुर। पिछले 15 वर्षो में उच्च वर्ग शिक्षक, प्रधान पाठक व ब्याख्याता बीईओ बनते आये है, शासन ने यह जरूर नियम बनाया था कि बीईओ के लिए 05 वर्ष का अनुभव होना चाहिए, पर लगातार उच्च वर्ग शिक्षक, प्रधान पाठक व ब्याख्याता को शासन द्वारा बीईओ बनाया गया है।
जो लोग आज एल बी संवर्ग के ब्याख्याता के बीईओ बनने का विरोध कर रहे है, वे लोग तब कहा थे जब उच्च वर्ग शिक्षक, प्रधान पाठक व ब्याख्याता बीईओ बन रहे थे।
इस सत्र में भी अनेक ब्याख्याता बीईओ बनाये गए है, साथ ही एल बी संवर्ग के ब्याख्याता भी बीईओ बने है, छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने ई व ई एल बी संवर्ग के ब्याख्याता के बीईओ बनने का स्वागत किया है।
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा, हरेंद्र सिंह, देवनाथ साहू, बसंत चतुर्वेदी, प्रवीण श्रीवास्तव, विनोद गुप्ता, मनोज सनाढ्य, शैलेन्द्र पारीक, सुधीर प्रधान ने कहा है कि एल बी संवर्ग के ब्याख्याता के बीईओ बनने का विरोध करना अव्यहारिक है, क़्योंकि शिक्षा विभाग में नियम के साथ साथ व्यवस्था परम्परा पूर्व में भी लागू हुआ है, और वर्तमान में उसका दुहराव ही हुआ है।
शिक्षा विभाग के जिम्मेदार व शिक्षकों को यह ध्यान रखना चाहिए की ऐसा विरोध न हो, जिससे शिक्षकों के बीच विभाग में ही भेदभाव दिखाई देवे,,राजपत्र जारी होने के बाद सभी व्याख्याता (ई/टी/एल बी-ई/टी) सभी सामान है।