उत्तरप्रदेश में एकमुश्त 50 लाख का अनुग्रह राशि का किया प्रावधान…..छत्तीसगढ़ में भी 50 लाख बीमा कवर का शीघ्र आदेश जारी करें सरकार…छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने कहा….कोविड डयूटी में लगे कर्मचारियो को मिले सामाजिक व पारिवारिक सुरक्षा

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रायपुर।राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी पी सिंह रावत, प्रदेश संयोजक संजय शर्मा, वीरेंद्र दुबे, लैलूंन भारद्वाज, रोहित तिवारी, तुलसी साहू, राष्ट्रीय आईटी सेल प्रभारी बसंत चतुर्वेदी, राजेश शर्मा, प्रदेश सह संयोजक संयोजक सुधीर प्रधान, वाजिद खान,उपाध्यक्ष हरेंद्र सिंह, देवनाथ साहू, प्रवीण श्रीवास्तव, विनोद गुप्ता, डॉ कोमल वैष्णव, प्रदेश सचिव मनोज सनाढय, प्रदेश कोषाध्यक्ष शैलेन्द्र पारीक ने मांग करते हुए कहा है कि उत्तरप्रदेश सरकार 5 मई 2021 को पत्र क्रमांक 754 के तहत जारी आदेश में कोविड के रोकथाम ड्यूटीरत किसी भी विभाग के कर्मचारियों के कोरोना पॉजिटिव होने के कारण के मृत्यु होने पर उसके आश्रित को 50 लाख का बीमा राशि स्वीकृत करने का आदेश जारी किया गया है।

ज्ञात हो कि उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि की महामारी के रोकथाम, उपचार व उसके बचाव के लिए चिकित्सा विभाग के अलावा भारी संख्या में अन्य विभाग के कार्मिक दिन रात ड्यूटी में लगे हुए है। उन्हें संक्रमण की संभावना बनी रहती है, कोविड -19 के संक्रमण से मृत्यु की दशा में उनके आश्रितों को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा मृतक के आश्रित को एकमुश्त 50 लाख की अनुग्रह धन राशि स्वीकृत करने का निर्णय लिया गया है।

बिहार सरकार ने कोरोना से दिवंगत शासकीय कर्मचारियों के आश्रित को विशेष पेंशन देने बिहार मंत्रिपरिषद ने 30 अप्रैल 2021को निर्णय लिया है।

इसी तरह छत्तीसगढ़ में भी कोरोना में ड्यूटी कर रहे शिक्षकों को भी कोरोना वारियर्स की दर्जा देते हुए दिवंगत के परिजन को 50 लाख का बीमा कवर दिया जावे, तथा तृतीय श्रेणी पद पर अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान किया जावे।

सर्व विदित है कि विषम परिस्थिति में भी शिक्षक जिम्मेदारी पूर्वक ड्यूटी कर रहे है, जब जब आवश्यकता होती है कि अन्य विभाग के भी काम को शिक्षक ही सहर्ष स्वीकार करके अपने इति कर्तव्यो का कुशल निर्वहन करते आ रहे है। पर जब भी शिक्षकों के हितों की बात होती है तो शासन, प्रशासन में बैठे जिम्मेदार लोग मुंह फेर लेते है फिर भी शिक्षक कभी अपनी जिम्मेदारी से पीछे नही हटे वे निरन्तर शासन, प्रशासन के निर्देश का पालन कर ही रहे है,,प्रदेश में कोरोना डयूटी से 300 से अधिक शिक्षको को मृत्यु हो गई पर उन्हें 50 लाख के बीमा कवर में नही लाया गया, अब तक कोरोना वारियर्स का दर्जा नही दिया गया है, इससे शिक्षको में भारी आक्रोश है।

शिक्षक कर रहे है जोखिम भरा ड्यूटी – जैसे अस्पताल में ड्यूटी, शमशान घाट में ड्यूटी, वैक्सीनेशन में ड्यूटी, सेम्पल लेने में ड्यूटी, रेल्वे स्टेशन व बस स्टैंड में ड्यूटी,चेक पोस्ट में ड्यूटी, कांट्रेक्ट ट्रेसिंग में ड्यूटी, कोविड सेंटर में ड्यूटी, कोरेंटाईन सेंटर में ड्यूटी, टेस्टिंग में ड्यूटी, इसके बावजूद शासन ने शिक्षको को नही माना फ्रंटलाइन वर्कर्स।

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