भोपाल|अब वर्षों से संविलियन के सपने देख रहे मध्य प्रदेश के अध्यापकों(शिक्षा कर्मियों) को अब संविलियन का लाभ कल मिलने वाला है ।आपको बता दें की संविलियन की मांग को लेकर अध्यापक संवर्ग एवं छत्तीसगढ़ में शिक्षाकर्मी वर्षों से संघर्षरत हैं। मध्य प्रदेश के पौने तीन लाख से ज्यादा अध्यापकों को राज्य सरकार बड़ा तोहफा देने जा रही है । मंगलवार को शिवराज कैबिनेट की बैठक में इन अध्यापकों के शिक्षा विभाग में संविलियन को हरी झंडी देने की पूरी उम्मीद है। सरकार के इस कदम से अध्यापक और शिक्षक में लंबे समय से चला आ रहा वर्ग भेद खत्म हो जाएगा और अध्यापक भी नियमित शिक्षकों के समान नियमित हो जाएंगे और सारी सरकारी सुख सुविधाओं का लाभ पा पाएंगे । इनमें पेंशन, ग्रेच्युटी, बीमा, शासकीय आवास ,अनुकंपा नियुक्ति जैसे महत्वपूर्ण बिंदु शामिल है। इतना ही नहीं इन अध्यापकों को सरकार सातवां वेतनमान भी देगी जो 1 जनवरी 2016 से देय होगा ।
सातवें वेतनमान की 1 जनवरी 2016 से अब तक की राशि किस रूप में दी जाएगी , यह अभी तय नहीं हो पाया है। मध्यप्रदेश के 2.84 लाख अध्यापक इस सुविधा का लाभ उठा पाएंगे। सहायक अध्यापक ,अध्यापक और वरिष्ठ अध्यापक के रूप में काम कर रहे अध्यापकों को सातवा वेतनमान मिलने से 4000 रू से लेकर 8000 रूप्रतिमाह तक का फायदा भी होगा। चुनावी साल में सरकार का यह मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है और 15 साल बाद ही सही सरकार अपने उस वादे को पूरा करने में कामयाब हो रही है जिसमें उसने शिक्षा विभाग से संविदा कल्चर खत्म करने की बात कही थी। मध्यप्रदेश में संविलियन क्या निर्णय यदि कल कैबिनेट में पारित हो जाता है तो छत्तीसगढ़ में भी इसके लिए सरकार के ऊपर भारी दबाव पड़ेगा और निश्चित रूप से आने वाले कुछ दिनों में छत्तीसगढ़ में इसके सकारात्मक परिणाम दिखाई देंगे|