शिक्षको से बाबू का कार्य कराया जाना कदापि उचित नहीप्राथमिक शाला में हो कम्प्यूटर और ऑपरेटर की नियुक्ति…..मध्यान्ह भोजन से लेकर बच्चो के आंकलन मूल्यांकन की ऑनलाइन जानकारी अपलोड करना शिक्षको के साथ के साथ साथ हजारो नवनिहालो के साथ अन्याय है-मनीष मिश्रा

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रायपुर छत्तीशगढ सहायक शिक्षक फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष मनीष मिश्रा ने कहा कि शिक्षक का मूल कार्य बच्चो को गुणवक्ता युक्त शिक्षा प्रदान करना है 45 मिनट के कालखंड में शिक्षक बच्चो को बुनियादी शिक्षा प्रदान करे या सरकार के निर्देशों का पालन करे समझ से परे लगता है।*
*मनीष मिश्रा ने कहा कि एक तरफ सरकार बच्चो की गुणवक्ता की बात करती है वही दूसरी तरफ सरकार की अनेको योजनाओं का ऑनलाइन प्रविष्टि की जवाबदारी भी देती है।*
*अगर शिक्षक अपने मूल कार्य को छोड़कर सिर्फ जानकारियों को मोबाइल में अपलोड करने में व्यस्त रहेगा तो बच्चो को पढ़ाएगा कब ?*
*सरकार अगर चाहती है कि बच्चो को गुणवत्ता युक्त शिक्षा दी जाए तो शिक्षको को मूल कार्य यानी पढ़ना लिखना तक सीमित रखे बाबू का कार्य कराना बन्द करे।*
*ऑनलाइन जानकारी यदि जरूरी है तो प्राथमिक शालाओं में भी कम्प्यूटर व शालाओं ऑपरेटर की तत्काल नियुक्ति करे।*
*आज के समय बेस लाइन आंकलन के बाद अंकों को ऑनलाइन करना स्कालरशिप को ऑनलाइन करना मध्यान्ह भोजन की जानकारी ऑनलाइन करना गणवेश वितरण पुस्तक वितरण के साथ साथ वेक्सिनेशन में ड्यूटी व लगातार अन्य कार्य मे शिक्षक व्यस्त है ऐसे में गुणवक्ता युक्त शिक्षा की कल्पना करना बैमानी है*।
*मनीष मिश्रा ने इस सम्बंध में एक पत्र प्रमुख स्कूल शिक्षा सचिव के नाम लिखा है जिसमे मांग करते हुए कहा गया है कि बुनियादी शिक्षको से बाबू का काम लेना बंद करे विभाग।*
*प्राथमिक स्तर की पढ़ाई सही मायने में बच्चो की बुनियाद होती है छोटे बच्चों को पढ़ाना कठिन कार्य होता है इसके लिए टीचरों को पूरा समय अपनी क्लास में बच्चो को देना पड़ता है।*
*45 मिनट के कालखंड में टीचर अगर सारी जानकारियों को ऑनलाइन जानकारी अपलोड करने में लगा देगा तो बच्चो को पढाने के लिए समय कहा से निकलेगा।*
*श्री मिश्रा ने कहा कि बेसलाइन आंकलन के बाद जितना समय कॉपी जांचने में नही लगा उससे ज्यादा समय अंकों को ऑनलाइन भरने में लग रहा है शाला के यू डाइस से लेकर समस्त जानकारी विभाग ऑनलाइन मांगता है ऐसे में गुरुजी बच्चो को कैसे पढा पाएगा विभाग को इस विषय मे चिंतन करना चाहिए।*
*अगर शिक्षा विभाग सही मायने में बच्चो की गुणवत्ता बढ़ाना चाहता है तो शिक्षको बच्चो को पढ़ाने तक सीमित रखे*।
*ऑनलाइन जानकारी के लिए हाई स्कूल की तर्ज पर प्राथमिक स्तर पर करे बाबुओं की नियुक्ति ।*
**मनीष मिश्रा सहित छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के सभी पदाधिकारी शिव मिश्रा सुखनंदन यादव सी.डी. भट् सिराज बक्स बलराम यादव बसंत कौशिक, कौशल अवस्थी रंजीत बनर्जी अस्वनी कुर्रे,चंद्रप्रकाश तिवारी,श्रीमती उमा पांडे,विकास मानिकपुरी,रवि प्रकाश लोह, सिंह श्रीमती प्रेमलता शर्मा, छोटे लाल साहू, आदित्य गौरव साहू, राजकुमार यादव, श्रीमती खिलेश्वरी शांडिल्य, शेषनाथ पांडे, मिलेश्वर देशमुख, बसंत कुमार यादव, संजय प्रधान, मनोज अंबष्ट, शैलेश गुप्ता, बीपी मेश्राम, एलन साहू ,राजू लाल टंडन, यादवेंद्र गजेंद्र, श्रीमती दुर्गा वर्मा, श्रीमती राजकुमारी भगत, श्रीमती गायत्री साहू, श्रीमती शांति उके, श्रीमती जयंती उसेंडी, श्रीमती शकुंतला साहू, राजू यादव, नोहर चंद्रा, राजेश प्रधान, श्रीमती बनमोती भोई, तरुण वैष्णव, श्रीमती सुमन प्रधान ,जलज थवाईत, संतराम साहू ,श्रीमती आशा कोरी, श्रीमती इंदु यादव, श्रीमती आशा पांडे , उत्तम बघेल, गोवर्धन शारके ,छवि पटेल, संजय प्रधान, श्रीमती अनीता दुबे ,श्रीमती लक्ष्मी बघेल, बसंत कुमार यादव, योगेंद्र ठाकुर ,केसरी पैकरा, सत्यनारायण यादव ,श्रीमती नीलिमा कन्नौजे, भूपेश पाणीग्रही, अजय साहू, श्रीमती प्रभा साहू,श्रीमती दीप्ति बिसेन, श्रीमती सरोज वर्मा, श्रीमती गरिमा शर्मा, श्रीमती चमेली ध्रुव संकीर्तन नंद, हेमेंद्र चंद्रहास, राजवीर किरार, संत कुमार साहू, श्रीमती विनीता साहू, श्रीमती जयंती उसेंडी, श्रीमती पूर्णिमा पांडे आदि सभी ने शिक्षकों से शिक्षा के अलावा अन्य कार्य का विरोध किया हैऔर माँग की है कि शिक्षकों को शिक्षक ही रहने दिया जाय।

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