भावी शिक्षकों पर की गई कार्यवाही शून्य हो शिक्षक भर्ती जल्द से जल्द पूर्ण किया जाए….शालेय शिक्षक संघ ने भावी शिक्षको के प्रदर्शन का किया समर्थन

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रायपुर। 7 सितम्बर को राजधानी के बूढ़ातालाब में नई भर्ती में हो रही देरी को लेकर प्रदेश भर के भावी शिक्षकों के शांति पूर्ण धरना प्रदर्शन में पुलिस प्रशासन द्वारा लाठीचार्ज , दमनात्मक,एवं अभ्यर्थियों के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग जैसी कार्यवाही की गई, साथ ही विभिन्न आपराधिक धारा लगा कर धरना कर रहे भावी शिक्षकों पर कार्यवाही की है जो कि निंदनीय है। शालेय शिक्षक संघ शासन के इस दमनकारी कृत्य की घोर निंदा करता है ।
शालेय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने बताया कि हमारा संगठन भावी शिक्षको के साथ है उनकी मांगे जायज है. हमारा संगठन मांग करता है कि शासन भर्ती प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूर्ण करें।

ज्ञातव्य है कि पिछले वर्ष शासन ने व्याख्यायता, शिक्षक सहायक शिक्षक एवं विज्ञान सहायक के पदों के लिए 14580 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया आरंभ किया गया था । परीक्षा एवं वेरिफिकेशन के पश्चात भी भर्ती प्रक्रिया को जानबूझ का विलंब किया साथ करोना महामारी के चलते भर्ती प्रक्रिया को एक वर्ष और टालने की तैयारी में दिख रही है।
बीएड डीएड प्रशिक्षित संघ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने बताया कि भावी शिक्षक अपनी मांगों को लेकर लगातार सरकार के सामने ज्ञापन दिया साथ ही पूर्व में धरना प्रदर्शन भी किया और शासन को अपने 22 अगस्त को दिए गए अंतिम ज्ञापन के माध्यम से अल्टीमेटम भी दिया था कि 6 सितम्बर तक शासन द्वारा यदि ठोस निर्णय नहीं लिए जाते हैं तो पूरे प्रदेश से भावी शिक्षक रायपुर आ कर मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी मांग रखेंगे। शासन ने इनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया। सरकार यदि गंभीर होती तो पहले ही उनके प्रतिनिधिमंडल से बुलाकर चर्चा कर सकती थी और जो आश्वासन आंदोलन के बाद शाम को उन्हें दिया गया वह आश्वासन प्रतिनिधिमंडल से चर्चा कर भी दिया जा सकता था। बेरोजगार छात्रों की मांग पर मुख्यमंत्री ने एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट मांगी वह आंदोलन से पहले भी मांग सकते थे और इस कोरोना संकटकाल में यह भी बताया जा सकता था की यदि बिना अनुमति प्रदर्शन किया जावेगा तो गिरफ्तारी भी हो सकती है एवं आपराधिक प्रकरण भी दर्ज होंगे ऐसी कोई जानकारी नही दी गई ।
धरना प्रदर्शन की जानकारी होते हुए भी किसी भी प्रकार से भावी शिक्षको से बात करना उचित नही समझा गया बाद में उन पर गंभीर धाराओं के साथ मामले दर्ज कर दिया गया। *प्रदेश के मुखिया ने कई बार अपने बयान में कहा था किसी भी अभ्यर्थियों का अहित नहीं होने दिया जाएगा*, *छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ शासन से मांग करता है कि भावी शिक्षकों पर की गई कार्यवाहियों को तत्काल शून्य घोषित किया जाए और उनकी जायज मांगों को अविलंब पूर्ण किया जाए।*

 

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