दिल्ली 12 मई 2018 साल 2018 के शुरूआत में पेश किए गए शैक्षणिक बजट 2018-19 में सरकार की तरफ से ये संकेत दिए गए थे कि देश में करवाए जाने वाले टीचर एजुकेशन प्रोग्राम में बदलाव किए जा सकते हैं। अब मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी), भारत सरकार की ओर से एक बार फिर बीएड कोर्स में बड़ा बदलाव किया गया है। बदलावों के साथ-साथ बीएड कोर्स को पूरे देश में चार साल का बनाया जाने का आदेश जारी किया गया है।
टीचर्स एजुकेशन के लिए 4 साल का कोर्स करने को लेकर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है। अधिकांश टीचरों का कहना है कि चार साल की बी.एड होना शिक्षक तैयारी के लिए सबसे आदर्श है।
कुछ टीचरों का ये मानना है कि नए कोर्स के आ जाने के बाद भी बीएड कोर्स की खामियों को दूर नहीं किया जा सकता है। इस प्रकार, पिछले दो साल के बीएड कोर्स की कमियों को छुपाया जा रहा है। 4 साल का हो जाने के बाद भी यह पहले की कमियों को दूर नहीं कर सकता है।
वहीं दूसरी ओर कोर्स में किए गए बदलावों के फायदे गिनवाते कुछ टीचरों का कहना है कि नए कार्यक्रम के आने के बाद वर्तमान पीढ़ी के युवाओं को इससे काफी फायदा होगा। यह भी बताया गया कि उम्मीदवार चार साल के कोर्स के दौरान कोर्स की बारीकियों को आसानी से समझ सकते हैं और क्लास 12 के बाद ही वो एमबीबीएस, इंजीनियरिंग और बी टेक आदि जैसे कोर्स की तरह इसमें भी आवेदन कर सकते हैं।
अब कोर्स में चाहे कितना भी बदलाव किया जाए पर अगर शिक्षकों के प्रशिक्षण में संस्थानों की उपलब्धता में कमी और कोर्स की डिजाइन कमजोर होगी तो इस बार ये नया कोर्स भी सफलता तक पहुंचने से पहले ही घुटने टेक देगा। अब देखना यह होगा कि सरकार इस कोर्स को किस तरह से दुबारा डिजाइन करती है।