पुरानी पेंशन हमारा अधिकार…जाने हम 12 जुलाई को पौधारोपण क्यों करें? पेड़ क्यों लगाएं ? विशेष लेख

0
521

पुरानी पेंशन हमारा अधिकार…हम 12 जुलाई को पौधारोपण क्यों करें?
पेड़ क्यों लगाएं ?
मित्रों सोचने वाली बात है
पूरा विश्व वैश्विक उष्णता के दौर में उबल रहा है
हमारी पुरानी मान्यता , परंपराएं हमारे जीवन शैली
कितना सहज, कितना सुखद शांतिपूर्वक एवं तनाव मुक्त रहता था। उसके पीछे कारण था चारों तरफ हरियाली थी हम प्रकृति के साथ जुड़कर रहते थे , तनाव कम होता था मनुष्य जन्म से लेकर मृत्यु तक प्रकृति के सानिध्य में ही रहता है, प्रकृति से पृथक मनुष्य ही नहीं ,अपितु किसी भी जीव जंतुओं का अस्तित्व संभव नहीं है।
इसीलिए जरूरी है कि हम कर्मचारी होने के नाते पहले स्वयं एक पेड़ लगाएं ।
वृक्ष कटने से जो प्रदूषण धूल, धुआं ,गुबार व परेशानी के साथ अनेक बीमारियां फैलती जा रही है ,यह ठीक उसी तरह से है, जिस प्रकार से नई पेंशन योजना के आने से और पुरानी पेंशन को 2004 से हटा देने के बाद, जीवन में इतना उथल-पुथल हो गया है कि कर्मचारी उर्जायुक्त युवावस्था में अपने कर्तव्य का पालन सही ढंग से कर तो रहा है, किंतु तनाव में रह रहा है
असमय उच्च रक्तचाप अनिद्रा मधुमेह मानसिक व शारिरिक पीड़ा से ग्रसित होते जा रहा है और यह तनाव उनके भविष्य की अनिश्चिता के प्रति चिंता का परिणाम है
भविष्य के प्रति इतना चिंतित हो गया है कि उनके पैसों का शेयर मार्केट में किस ढंग से बड़े-बड़े उद्यमी और अर्थशास्त्री कागजों में उतार चढ़ाव करेंगे और परिणाम क्या होगा ??????
यह कर्मचारी जब सेवानिवृत होगा तो उनके पास जीने के लिए दो वक्त की रोटी जितना भी पेंशन की व्यवस्था संभव नहीं होगा। वृद्धावस्था अपने साथ शारीरिक अक्षमता ही नहीं लाता ,अपितु मेडिकल बिल को भी बढ़ाता है उस अवस्था में घर परिवार के लोग किस परिस्थिति में होंगे? हमारी आर्थिक सामाजिक पारिवारिक व मानवीय जिम्मेदारियों के प्रति संसाधन क्या होंगे?
इसलिए जो हमारी पुरानी पेंशन पद्धति है , उसे ही लागू किया जावे
पुराना पेंशन ठीक एक घने वृक्ष के समान है जिसके नीचे हमें शांति , शीतलता और छाया के साथ ही साथ शुद्ध प्राणवायु मिलती हैं, इसीलिए जरूरी है कि हम पुरानी पेंशन योजना के लिए प्रतीक स्वरूप एक एक पौधा लगाएं व उसे संरक्षित भी करें, ताकि प्रकृति सुखद हो और हम शुद्ध प्राणवायु प्राप्त करें साथ ही हम कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना की मांग बलवती हो, कर्मचारी का वृद्धावस्था सुख व शांतिमय तरीके से जीवन की अंतिम सांस ले सकें ।
आखिर कल्याणकारी राज्य की स्थापना में नागरिकों के सुखद जीवन की कल्पना को साकार करने के लिए संविधान में व्यवस्था दी गई है
इसलिए जरूरी है, हम पुरानी पेंशन योजना की मांग को समर्थ बनाने के लिए एक पौधा जरूर लगाएं इससे हरियाली बढ़ेगी और हमारी पुरानी पेंशन की मांग पुष्ट होगी
शासन और सरकार से बस इतनी ही तो मांग है
*दूर करें टेंशन दे हमें पुरानी पेंशन*
*हमारा मिशन पुरानी पेंशन*
*मनोज सनाड्य*
प्रांतीय सचिव
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन
*NOPRUF*

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.