छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष संजय शर्मा, प्रदेश प्रदेश उपाध्यक्ष संभाग प्रभारी विनोद गुप्ता जिलाध्यक्ष गोपी वर्मा ने कहा है कि शिक्षा विभाग की सबसे बड़ी पदोन्नति हेतु विभाग ने ठीक ठीक कोई भी तैयारी नही की, 46 हजार पदोन्नति हेतु संयुक्त संचालक व जिला शिक्षा अधिकारियों को समय पर समुचित निर्देश देने कोई सक्षम एक नोडल अधिकारी तक नियुक्त नही किया गया, जिसके कारण जेडी व डीईओ ने अलग अलग नियम की व्याख्या की व मनमर्जी की वरिष्ठता सूची बनाई।
गोपी वर्मा जीवन वर्मा शैलेन्द्र यदु बाबूलाल लाड़े राकेश तिवारी चन्द्रिका यादव बृजेश वर्मा पंचशीला सहारे ललीता कन्नौजे राजकुमारी जैन हंसकुमार मेश्राम देवेन्द्र साहू मनोज वर्मा रति राम कन्नौजे संदीप साहू राजेश साहू ने कहा है कि वे प्रारम्भ से ही नियम में एकरूपता व समानता हेतु निर्देश देने की मांग प्रमुख सचिव, सचिव व डीपीआई से किये थे, किन्तु समय पर निर्देश जारी नही करने से संभाग व जिले में विभिन्नता परिलक्षित हुई और शिक्षा विभाग पूर्ण पदोन्नति नही कर सका।
आलम यह है कि शिक्षा विभाग के व्याख्याता, मिडिल प्रधान पाठक, शिक्षक व प्रायमरी प्रधान पाठक के पद पर पदोन्नति हेतु हाई कोर्ट ने रोक लगा दिया है,,,शिक्षा विभाग के कामकाज का तरीका बेहद अव्यवहारिक है जिसके कारण हजारो शिक्षको की पदोन्नति रुक गई है, और शिक्षक संवर्ग में विभाग के खिलाफ भारी रोष व्याप्त है।
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कहा है कि मुख्यमंत्री जी ने सहृदयता पूर्वक पदोन्नति की अवधि को वन टाइम रिलेक्सेशन देते हुए 5 वर्ष से घटाकर 3 वर्ष किया है, इसका लाभ शिक्षक संवर्ग को मिले यह जिम्मेदारी शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों की है, उच्च न्यायालय में लगे रोक को समय सीमा में समुचित जवाब देकर शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी हटवाएं।
ज्ञात हो व्याख्याता, शिक्षक, प्रधान पाठक पूर्व मा.व प्राथमिक शाला सभी पदों पर पदोन्नति कोर्ट से अवरुद्ध हो चुका है।