जटिल खगोलीय घटनाओं तथा विज्ञान के सिद्धांतों को समझाने के लिए हो रहा तकनीक का ईस्तेमाल… बच्चों को पढ़ाने में हो रहा आग्मेंटेड रियलिटी तकनीक का उपयोग

0
266

रायपुर 27 नवम्बर 2020।भूगोल की पढ़ाई में बच्चों को चंद्रग्रहण, सूर्य ग्रहण जैसे जटिल प्रक्रिया को कम्प्यूटर एनिमेशन के माध्यम से वास्तविक अनुभव कराने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आधुनिक तकनीकों का सहारा लिया जा रहा है। स्कूली बच्चों को विज्ञान विषयों की सही समझ विकसित करने में भी इन तकनीकों का सहारा लिया जा रहा है। कोरोना काल में स्कूल बंद होने के कारण शुरू किए गए पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम के अंतर्गत ऑनलाइन और ऑफलाइन कक्षाएं संचालित की जा रहीं हैं।

पढ़ई तुंहर द्वार कार्यक्रम के तहत संचालित की जा रही इन कक्षाओं मेें बच्चों की पढ़ाई के लिए शिक्षा सारथी आधुनिक तकनीक का उपयोग कठिन विषयों की पढ़ाई के लिए कर रहे हैं। जिससे बच्चों को विज्ञान सहित सभी विषयों की पाठ्य सामग्री आसानी से समझ सकें। बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के विकासखण्ड भाटापारा की कन्या उच्चतर प्राथमिक शाला पंचम दिवान मोहल्ला क्लास में बच्चों को पढ़ा रहीं शिक्षा सारथी सुश्री श्वेता मिश्रा आग्मेंटेड रियलिटि तकनीक का उपयोग कर रहीं हैं। वे ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से अध्यापन के माध्यम से बच्चों की पढ़ाई जारी रखने में सहयोग कर रही हैं। लॉकडाउन में बच्चों को मौखिक और लिखित अभ्यास कराया जाता है।

अध्ययन-अध्यापन की प्रक्रिया में पीपीटी, वीडियो प्रेजेंटेशन्स, ई-लर्निंग, ऑनलाइन शिक्षण और अन्य डिजिटल तरीको के इस्तेमाल को महत्व दिया जा रहा है। सुश्री श्वेता मिश्रा बच्चों की पढ़ाई को रूचिकर बनाने के लिए ARLOOPA APP के द्वारा आग्मेंटेड रियलिटि तकनीक का प्रयोग कर रहीं हैं। इसमें सौर मण्डल, पृथ्वी का घूर्णन, विज्ञान आदि विषयों पर वीडियो बनाकर विद्यार्थियों को साझा करती हैं। ऑनलाइन वर्चुअल कक्षाओं में भी वह आग्मेंटेड रियलिटि तकनीक का उपयोग कर रहीं हैं।

ARLOOPA APP : – मोबाइल फोन एप्लीकेशन है जो संवर्धित वास्तिविकता भी प्रदान करते हैं। यह शहर के उन अनूप प्रयोगों से लेकर हो सकते है, जो फोन को सड़क से शहर से नीचे जाने की अनुमति देते हैं और स्क्रीन पर संकेत विभिनन इमारतों का विवरण दर्शाते हैं। थ्री-डी की दुनिया में कार्य कर रहे विषयवस्तु जो पाठ्यपुस्तक से जुड़ी है, उसको अपने स्थान पर चलायमान स्थिति में देखते हुए स्पष्ट कर सकते हैं कि निम्न क्रियाकलाप वास्तिक रूप से किस प्रकार होता है। उदारहरण स्वरूप यदि हम विद्यार्थियों को चन्द्रमा और पृथ्वी की परिक्रिमा के संबंध में समझाएं तो यह एक कोरी कल्पना के समान लगती है, लेकिन डिजिटल तरीके से दिखाते हुए इसे सिखाया जाए तब सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए चन्द्रमा हमें दिखाई देता है।

इस प्रकार की तकनीक बच्चों के मनोवैज्ञानिक विकास के लिए नए आयाम गढ़ सकती है। इस प्रकार के अनगिनत प्रयासों के द्वारा भविष्य में इन्हीं बच्चों के बीच से किन्ही वैज्ञानिक को विज्ञान के क्षेत्र में स्वयं को सिद्ध करने के लिए तैयार कर सकते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.