शिक्षाकर्मियों के संविलियन की मांग का निराकरण जैसे ही आने वाले समय में होने के संकेत मिल रहे हैं प्रदेश के शिक्षा कर्मियों ने उसके क्रियान्वयन एवं उसके पश्चात वेतन निर्धारण को लेकर अपनी आशंकाएं प्रकट करने लगे हैं 2013 मैं भी जब छठवें वेतन कल आप शिक्षाकर्मियों को दिया गया था तो वहां भी सही मैट्रिक्स के आधार पर वेतन का निर्धारण नही किया गया था।अब सातवें वेतनमान के लाभ मिलने की संभावना पर अब शिक्षा कर्मियों ने क्रमोन्नति एवं समानुपातिक वेतन के लाभ के आधार पर वेतन निर्धारित करने की मांग कर रहे है न।मध्यप्रदेश में है क्रमोन्नति का प्रावधान मध्यप्रदेश में 12 वर्ष पूर्ण होते ही मिलता है शिक्षा कर्मियों को उच्च प्रवर्ग का वेतनमान MP में 22जुलाई 2010 से हो रहा है क्रमोन्नत का निर्धारण क्रमोन्नति के आधार पर मिल रहे सातवे वेतनमान में मध्यप्रदेश के शिक्षाकर्मियो को होगा अधिक फायदा शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय के प्रांतीय संचालक संजय शर्मा ने छत्तीसगढ़ में भी क्रमोन्नति, समानुपातिक के आधार पर सातवें वेतनमान का निर्धारण करने का मांग किया है।ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ में भूतलक्षी प्रभाव से क्रमोन्नत वेतनमान निरस्त हो चुका है।
शिक्षक मोर्चा के प्रदेश संचालक संजय शर्मा ने मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ के वेतन का तुलनात्मक चार्ट प्रस्तुत कर बताया कि छत्तीसगढ़ में शिक्षाकर्मियो को आर्थिक नुकसान हो रहा है।
मध्यप्रदेश में 1998 में नियुक्त
वर्ग 01को प्राप्त वेतन – 48876
वर्ग 02 को प्राप्त वेतन – 41406
वर्ग 03 को प्राप्त वेतन – 37404
छत्तीसगढ़ में कार्यरत1998 के
वर्ग 01 को प्राप्त वेतन –39760
वर्ग 02 को प्राप्त वेतन – 36912
वर्ग 03 को प्राप्त वेतन – 26973
मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में अंतर
वर्ग 01– 9116
वर्ग 02– 4494
वर्ग 03– 10431
इसी तरह 2005 व उसके बाद नियुक्त शिक्षाकर्मियो के वेतन में भी अंतर है
शिक्षक मोर्चा के प्रदेश संचालक संजय शर्मा, प्रदेश उप संचालक हरेंद्र सिंह, देवनाथ साहू, बसंत चतुर्वेदी, प्रवीण श्रीवास्तव, विनोद गुप्ता, मनोज सनाढ्य, शैलेन्द्र पारीक, सुधीर प्रधान, विवेक दुबे ने कमेटी को भी सुझाव दिया था,,और अब भी आगाह करते हुए कहा है कि मध्यप्रदेश का वेतन, सातवा वेतन मान के पूर्व छत्तीसगढ़ से बहुत ज्यादा है, अतः समतुल्य (पुनरीक्षित) वेतनमान के विसंगति को दूर करते हुए भूतलक्षी प्रभाव से क्रमोन्नति, समानुपातिक के आधार पर वेतन निर्धारण पश्चात छत्तीसगढ़ वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 के वेतन मैट्रिक्स के आधार पर सातवे वेतनमान का निर्धारण करते हुए व्याख्याता, शिक्षक, सहायक शिक्षक के पद पर संविलियन किया जावे।
Mp me 3year ki sewa k baad punrikshit vetanman milta h air yha 8 year k baad.is hisb se yha ke shikshk ko lakhon ka nuksan ho RHA h.. Sbhi ko svilliyan milna chahiye..
koshish ho rahi rahi