रायपुर। छ ग सहायक शिक्षक फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष मनीष मिश्रा ने कहा कोरोना में फ्रंट लाइन में कार्य करने वाले शिक्षकों का बीमा पहले कराए सरकार फिर ड्यूटी लगाई जाए*।
केंद्र की गाइड लाइन में जब शिक्षको को कोरोना वारियर्स नही माना तो फिर किस आधार पर बिना बीमा व अन्य सुविधाओं के दिये बिना लगाई जा रही है कोरोना ड्यूटी।
सरगुजा के मेंनपार्ट विकासखण्ड के सहायक शिक्षक अरविंद सिंह पैकरा की कोरोना के चलते निधन हो गया ।उक्त सहायक शिक्षक के परिवार को तत्काल बीमा का लाभ दिए जाने की मांग फेडरेशन ने की।
फेडरेशन प्रमुख मनीष मिश्रा ने कहा कि विगत एक वर्ष से शिक्षक कोरोना ड्यूटी पूरी ईमानदारी से करते आ रहे है इस दौरान अनेको शिक्षक कोरोना से प्रभावित हुए वही कुछ शिक्षको का कोरोना से निधन भी हुआ है परंतु प्रशासन ने अब तक कोरोना ड्यूटी करने वाले शिक्षकों के लिए न तो बीमा का प्रबन्ध किया है न ही टीकाकरण में प्राथमिकता दी है ।
सही मायने में शिक्षक समुदाय ही एक ऐसा समुदाय है जो लगातार बच्चो व पालको के बीच जाकर अपना कार्य करता है।
ऐसे बड़े कर्मचारी समुदाय को टीकाकरण से वंचित रखना समझ से परे है।
फेडरेशन के प्रदेश उपाध्यक्ष शिव मिश्रा प्रदेश सचिव सुखनंदन यादव प्रदेश कोषाध्यक्ष अजय गुप्ता प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष चतुर दास भट्ट बलराम यादव प्रदेश प्रवक्ता बसन्त कौशिक विकास मानिकपूरी हुलेश चन्द्राकर श्रीमती उमा पांडेय
प्रदेश महासचिव दिलीप पटेल कौशल अवस्थी श्रीमती प्रेमलता शर्मा रवि लोह सिह प्रदेश महामंत्री राजकुमार यादव छोटे लाल साहू आदित्य गौरव साहू प्रदेश सह सचिव चन्द्रप्रकाश तिवारी राजू यादव राजेश प्रधान श्रीमती बनमोती भोय श्रीमती दुर्गा वर्मा श्रीमती खिलेस्वरी शांडिल्य भूपेंद्र पाणिग्रही सहित समस्त प्रदेश पदाधिकारियो ने सरकार से अविलम्ब समस्त शिक्षको का टीकाकरण करने की मांग की है।
प्रदेश अध्यक्ष मनीष मिश्रा ने कहा कि जब शिक्षको को कोरोना वारियर्स की श्रेणी में नही रखा गया है तो किस आधार पर फ्रंट लाइन कार्य मे लगाई जा रही है ड्यूटी।
ड्यूटी लगाने से पूर्व सरकार करे शिक्षको का बीमा उपलब्ध कराए सारी सुविधाएं तत्काल उपलब्ध कराए।
मनीष मिश्रा ने कहा कि बहुत से जिला से जानकारी प्राप्त हुई है कि एक बार फिर से कांटेक्ट ट्रेसिंग के कार्य सर्वे कार्य व टीकाकरण केंद्रों में शिक्षको की ड्यूटी लगाई गई है।
क्या ये कार्य कोरोना वारियर्स की श्रेणी में नही आते जब सरकार की गाइड लाइन में शिक्षको को कोरोना वारियर्स की श्रेणी में नही रखा गया है न बीमा की प्राथमिकता दी गई और न ही शिक्षको को टीका करण में प्राथमिकता दी गई है तो फिर किस आधार लगाई जा रही है फ्रन्ट लाइन में ड्यूटी ।