कोरोना ड्यूटीरत शिक्षक के परिजन दहशत में…

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बिर्रा:-कोरोना के इस मुश्किल समय में हालात बेकाबू है कोरोना मरीजो के लिए वेंटिलेटर, ऑक्सीजन बेड खाली नहीं मिल रहे हैं, ऐसे मुश्किल हालात में भी शिक्षक अपना और अपने परिवार का भविष्य दांव में लगाकर कर्तव्य निष्ठा से ड्यूटी कर रहे हैं। इस विकट परिस्थिति में छत्तीसगढ़ सरकार शिक्षकों के साथ टीकाकरण में भी मजाक उड़ा रही है, कोरोना वारियर्स मानना तो दूर कोरोना की भेंट चढ़े शिक्षकों के परिवार जनों को बीमा का भी लाभ/ अनुकंपा नियुक्ति/ मासिक संवेदना राशि तक के लिए सरकार कोई स्पष्ट नहीं है। जबकि छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा, उपाध्यक्ष बसंत चतुर्वेदी व उनकी पूरी टीम ने सरकार के समक्ष शुरू से ही मांग रखी है कि शिक्षकों को कोरोना वारियर्स मानते हुए टीका में प्राथमिकता के साथ 50लाख बीमा की सुविधा व साधन दिया जाए, फिर भी सरकारों के कानों में शिक्षकों की मांग व पीड़ा दिखाई नहीं दे रही है।
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के जिला महासचिव उमेश कुमार दुबे ने कहा कि जब दुनिया का भविष्य दांव पर लगा है ऐसे समय में छत्तीसगढ़ सरकार असंवेदनशील होकर राजनीतिक लाभ ले रही है?(अंत्योदय, बीपीएल व एपीएल कार्ड धारी को प्राथमिकता) समय की जरूरत है सहयोग की! भावना के साथ इस संकट का सामना करने का। ऐसे समय में छत्तीसगढ़ सरकार 18 प्लस के लिए महामारी टीका में आरक्षण की व्यवस्था घोषित कर कोरोना ड्यूटीरत शिक्षकों व परिवार जनों के साथ एक बार फिर धोखा हो रहा है। कोरोना की दूसरी लहर पहले से ज्यादा भयावह स्थिति में है संपूर्ण देश इसकी चपेट में है जिसमें छत्तीसगढ़ की स्थिति भी शामिल है।वर्तमान समय में देश के सबसे कठिनतम समय में आज शिक्षक कोरोना वारियर्स बनकर देश/ प्रदेश/गांव/मोहल्ला/सीमा की और अन्य की ढाल बनकर खड़े हैं। छत्तीसगढ़ सरकार शिक्षकों व उनके परिजनों के प्रति सहानुभूति, संवेदनशीलता के साथ भविष्य की चिंता पुरानी पेंशन बहाली कर शहीद हुए ड्यूटी रत शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता जताएं।

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