पेंशन पर रार….पेंशन की मांग किसी की बपौती नही…संजय शर्मा ने कहा पेंशन की मांग को जागीर नही बनने देंगे, खैरात में राकेश जी लें…पुरानी पेंशन बहाली की मांग हमारी है

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रायपुर। हम शिक्षक व कर्मचारी जो पुरानी पेंशन से वंचित है, लड़कर पेंशन प्राप्त कर ही लेंगे,,, लड़कर कैसे प्राप्त किये है, संविलियन,,,आपने देखा है।

राकेश जी,,,,तुम्हारे भुलावे में शिक्षक व कर्मचारी तो नही आएंगे,,,,क्योकि छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय बैठक कर, मात्र 42 लोग ही इकट्ठा कर पाए,,राष्ट्रीय नेतृत्व ने आपको नक्कारा तक कहा है,,देश की चर्चा तो की गई,,परन्तु छत्तीसगढ़ के पेंशन विहीन साथियो को ठग कर चले गए,,और आपके पास विजन नही है, इसीलिए छत्तीसगढ़ के लिए कोई नीति नही बनी,,,आपको यह बताना होगा या अपनी नाक बचाने एक कार्यक्रम बनाना होगा, आप अपना ढोंग जारी रखिए ?

*हमारा पेंशन,,हम लेकर रहेंगे,*

2 अक्टूबर के पेंशन सत्याग्रह की सफलता ने आपको विचलित कर दिया है,,,,इसीलिए उसके बाद बौखलाकर सार्वजनिक पत्र जारी किया गया है।

हां,,,अब तक छत्तीसगढ़ में कमजोर नेतृत्व के कारण पुरानी पेंशन की मांग आगे ही नही आया,,,पर अब एक दिन 2 अक्टूबर के पेंशन सत्याग्रह ने पुरानी पेंशन की मांग को ऊंचाई देते हुए शिक्षर पर पंहुचाया है।

आप छत्तीसगढ़ nmops/cgcpewu 96649 को आप साझा मंच बता रहे है, यह इस नाम का एक संघ ही है,,,साझा मंच का पंजीयन कैसे करा लिए है?? तो लगे ही यह बता दीजिए कि इस मंच का प्रदेश अध्यक्ष कौन है?? आप और केवल आप,,,,बाकी समर्थन देने वाले है,,सहभागी नही है,,उन्हें समान पद, समान महत्व व सामूहिक नेतृत्व नही मिला है।

*समर्थन देने वाले को आपके बराबर अधिकार नही है*

आप कर्मचारियो को बताओ कि हमने लड़कर संविलियन प्राप्त किया है,,और समझ लीजिए,,हमारे एक कार्यक्रम ने तुम्हे जमीन में दबा दिया,,तो आगे सब मिलकर समान महत्व, समान पद व सामूहिक नेतृत्व में काम करेंगे तो,,,क्या??

जनहित सूचना पत्र को अधिकारियो को कैसे पत्र लिखने है,,,ये भी आपको मालूम नही,,,धन्य है,,,इस पत्र की कायरतापूर्ण भाषा पर,,?

हमने कभी भी आलोचना करने के बजाए अपनी ऊर्जा संवर्ग हित मे व्यय की है, यह हमारी परंपरा रही है, आप श्रीमान राजेश जी के आक्रोशित होने उपरांत मुझे केवल इतना कहना है, की जिस ops (पुरानी पेंशन) की मांग समस्त पेंशन विहीन साथियो की है,,किसी की जागीर नही है।
ops की मांग के एक आह्वाहन में छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने प्रत्येक 146 विकासखण्डों में एक साथ अभियान को सफल कर दिखाया एवम उस सफलता का श्रेय न दे सही, पर पुरानी पेंशन की मांग को बेहतर मानते हुए स्वीकार करने की बजाए आपने विलाप पत्र जारी कर दिया।

राष्ट्रीय नेतृत्व भी सभी को जोड़ने के बजाय बंधु जी के प्रचार को बेहतर करने में लगा है, क़्योंकि वे अपनी टीम के विखंडन से भयभीत है, विजय बंधु यदि निःस्वार्थ हैं राकेश सिंह निःस्वार्थ हैं तो उन्हें स्वीकार करना होगा छत्तीसगढ़ में टीचर्स एसोसिएशन ने 146 विकासखण्डों में ops कार्यक्रम आयोजित कर सरकार व शासन से सबसे मजबूत ops दावेदारी प्रस्तुत की है, हां ops morcha में कोई भी काम कर सकता है, छत्तीसगढ़ में हमने काम किया है, विजय बन्धु या आपमें हमारा कोई रुचि नही,,हमे अपनी पुरानी पेंशन पर रुचि है,,जो हम ही लड़कर लेंगे।

पेंशन नाम पर केवल संघ बनाकर छत्तीसगढ़ में कुछ लोग प्रदेश अध्यक्ष पद का औपचारिकता निभा रहे है, जिन्हें केवल खैरात में पदाधिकारी लेने की जिम्मेदारी मिली है, उन्ही को प्रत्येक ब्लाक में पेंशन सत्याग्रह व क्रमोन्नति अधिकार के प्रदर्शन से तकलीफ हुआ है,, अब जनसूचना पत्र जारी कर विलाप करने लगे है।

*संजय शर्मा*
प्रदेश अध्यक्ष
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन

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