अध्यापन व्यवस्था के नाम पर 100-150 किलोमीटर भेजना समझ से परे, छ.ग.टीचर्स एसोसिएशन ने बताया अव्यवहारिक

0
368

राजनांदगांव-छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन राजनांदगांव जिलाध्यक्ष गोपी वर्मा और सचिव जीवन वर्मा ने बताया कि राजनांदगावं जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी आदेश क्र.7692 प्राथ.में 79 व आदेश क्र.7694 माध्य. में 49 शिक्षको का अध्यापन ब्यवस्था के तहत् मूल शाला से सौ डेढ़ सौ किलो मीटर दूर किया गया है जो कि शिक्षको के साथ अन्याय है, शिक्षा विभाग में बैठे अधिकारियो के द्वारा आये दिन अध्यापन ब्यवस्था के नाम अब्यवहारिक आदेश जारी कर शिक्षा ब्यवस्था में स्वयं खलल डालने का काम कर रहें हैं…व शिक्षकों के मनोबल को कमजोर किया जा रहा है यहां देखने की बात यह है कि जिले में बर्षाे से युक्तिकरण के बहाने भी शिक्षको को परेशान किया,लगातार उस समय लेन देन की शिकायत आती रही ,,,,,
*हाल ही में अगस्त19 मेंअतिशेष शिक्षको की स्थानान्तरण के तरह की गई थी स्थायी*-संघ पदा.ने कहा कि अगस्त 2019 में दूसरी सूची में जिला शिक्षा अधि.राज.नें सैकडो अतिशेष शिक्षको रिक्त शालाओ में पदाकिंत कर अध्यापन कार्य को ब्यवस्थित का सहरानीय कार्य किया और बार बार शिक्षको इधर उधर न हटाने सम्रग समाधान किया गया था,,,,परन्तु दुर्भाग्य.की बात है कि एक माह भी ब्यतित नही हुआ है लगभग 130 प्राथ. व माध्यमिक शालाओ को शिक्षको का अध्यापन ब्यवस्था कर दिया गया है ,,जिसके कारण इन स्कूलों की अध्यापन कार्य प्रभावित होने की प्रबल संभावना है,,,व कई स्कूल एक शिक्षकीय.हो सकता है,,,,,संघ ने अंदेशा जताया है संविलियन पूर्व कि कई शिक्षको की नियुक्ति मानपुर मोहला व चौकी विकास खण्डो के स्कूलो में की गई थी,राजनीतिक एप्रोच या मोटी रकम की लेन देन कर तात्कालिक समय में जिला मुख्यालय के आसपास पद नही पर भी या तो स्थानांन्तरण कर दिया गया या नियमो को ताक में रखकर वर्षाे तक अध्यापन ब्यवस्था के नाम पर खेल खेला गया और उन्हे वही पर संविलियन कर दिया गया है,मानपुर मोहला चौकी के स्कूलो मे़ पदस्थ ऐसे शिक्षको की पड़ताल किया जावे और उन्हे उनके मूल शालाओ मे भेजा,
जिलाध्यक्ष गोपी वर्मा ने बताया कि जल्द ही संघ की बैठक कर इस विषय को लेकर अधिकारियो से मुलाकात किया जावेगा,,,,व वर्तमान में जारी अध्यापन व्यवस्था की सूची को रद्द करने की मांग करेगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.