राज्य शासन के नियमों के तहत ही हुआ है, सभी शिक्षाकर्मियों का संविलियन……..” “किसी भी शिक्षक अथवा बीईओ स्टॉफ़ पर कोई कार्यवाही हुई तो जाएंगे हाईकोर्ट……” “पूरे मामले में बीईओ स्टॉफ़ अथवा किसी शिक्षक साथी से पुराने दुश्मनी भुनाने की हो रही साजिश…….”

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राजनांदगांव:जिले के छुरिया विकासखण्ड में 17 शिक्षाकर्मियों के संविलियन विवाद पर “छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन” पंजीयन क्रमांक – 122201859545 ने सभी शिक्षकों के संविलियन को जायज व सही बताते हुए कहा है कि इस प्रकरण में यदि, किसी भी शिक्षाकर्मी अथवा बीईओ स्टॉप को प्रताड़ित व परेशान किया गया तो फेडरेशन सड़क की लड़ाई लड़ेगा। साथ ही पीड़ित शिक्षकों व स्टॉप के पक्ष में माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर में अपील दायर कर पूरे केश में स्थगन लाएगा।
फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक जाकेश साहू ने सभी प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को जारी बयान में कहा है कि विगत दिनों, जिले के छुरिया विकासखण्ड में 17 शिक्षाकर्मियों के संविलियन को फर्जी बताकर किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा लोक शिक्षण संचालनालय रायपुर को पत्र लिखकर शिकायत की गई है जिसके आधार पर पूरे मामले की विभागीय जांच की गई है।
मामले में शासन द्वारा जांच टीम बनाकर जांच की कार्यवाही गई है, जिसमें सम्बंधित शिकायतकर्ता द्वारा, अब तक जांच टीम के समक्ष उपस्थित होकर अपना पक्ष नहीं रखा गया है। पूरे प्रकरण में प्रतिदिन स्थानीय अखबारों में एकतरफा खबरे प्रकाशित की जा रही है जिससे सम्बंधित शिक्षक व बीईओ स्टाफ साथ ही साथ पूरे शिक्षा महकमा की बदनामी हो रही है। जिसके कारण सम्बंधित शिक्षक व बीईओ स्टाफ मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे है।
प्रांतीय संयोजक जाकेश साहू ने पूरे घटनाक्रम पर विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि सभी शिक्षकों की नियुक्ति 30 जून 2010 को कार्यालय जनपद पंचायत छुरिया द्वारा हुई है। दो वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर, 30 जून 2012 को सभी शिक्षकों का नियमितीकरण भी शासन के नीयमो के तहत हुई है। इसी के आधार पर विभाग द्वारा सभी शिक्षकों का संविलियन 30 जून 2018 को 8 वर्ष पूर्ण होने के आधार पर की गई है।
माननीय उच्च न्यायालय ने भी कई ऐसे प्रकरणों में जनपद से जारी नियुक्ति आदेश को ही मान्य किया है। विगत दिनों कोरबा जिले के एक प्रकरण में भी ऐसे मामले में विभाग को आदेश दिया है कि याचिकाकर्ता को 3 माह के भीतर संविलियन का लाभ दिया जाय। कुछ लोग स्कूल में ज्वाइनिंग तिथि को 2-4 दिन आगे पीछे बताकर मामले में बखेड़ा खड़ा कर रहे है जो न्याय के प्राकृतिक सिद्धान्त के बिल्कुल विपरीत है।
प्रांतीय संयोजक जाकेश साहू ने, राज्य शासन से, संविलियन आदेश में संशोधन की मांग करते हुए कहा कि जिस दिन 8 साल की सेवा पूर्ण हो, उसी दिन की तारीख में सालभर तक शिक्षाकर्मियों के संविलियन का आदेश जारी होते रहना चाहिए। क्योंकि 8 साल होने के बाद भी वर्ष में एक बार संविलियन आदेश जारी करना उचित नहीं है, इससे लोग 8 साल होने के बाद भी, साल भर तक, संविलियन के लिए इंतजार कर रहे है, जो न्यायोचित नहीं है।
प्रांतीय संयोजक जाकेश साहू ने कहा कि मामले को जबर्दस्ती बात का बतंगड़ बनाया जा रहा है, यह किसी व्यक्ति की साजिश है जो बीईओ स्टॉप या किसी शिक्षक से पुरानी दुश्मनी भुना रहा है।
फेडरेशन ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि इस मामले में 17 शिक्षकों व बीईओ स्टॉप की किसी भी प्रकार की कोई गलती नहीं है। संविलियन की पूरी प्रक्रिया राज्य शासन के नियमों के मुताबिक ही हुआ है। इसमें कंही चूक नहीं हुई है। यदि किसी भी शिक्षक व बीईओ स्टॉप पर इस मामले में कार्यवाही होती है तो फेडरेशन शिक्षकों के हित मे सड़क की लड़ाई लड़ेगा। साथ ही पूरे प्रकरण में माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर में अपील दायर कर स्थगन लाएगा।

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