3 माह के लिए गठित कमेटी – 1 वर्ष बाद भी सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति दूर नही होने से नाराज शिक्षक बूढ़ा तालाब में जलाएंगे आदेश की प्रति…..मंत्रालय में जाकर सौपेंगे ज्ञापन…..

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रायपुर 15 सितंबर 2022। संजय शर्मा प्रदेश अध्यक्ष छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन, वीरेंद्र दुबे प्रदेश अध्यक्ष शालेय शिक्षक संघ, विकास राजपूत प्रदेश अध्यक्ष नवीन शिक्षक संघ ने कहा कि दिनांक 16/9/2021 को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सहायक शिक्षकों के वेतनमान में विसंगति के परीक्षण हेतु अंतर्विभागीय समिति का गठन किया गया था। कमेटी गठन के 1 वर्ष बाद भी अंतर्विभागीय समिति का रिपोर्ट सार्वजनिक नही किया गया है।

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन, शालेय शिक्षक संघ, नवीन शिक्षक संघ ने 3 माह के लिए गठित अंतर्विभागीय समिति द्वारा 1 वर्ष बाद भी सहायक शिक्षकों के वेतनमान में विसंगति दूर नही होने पर कड़ी आपत्ति व नाराजगी व्यक्त की है।

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन, शालेय शिक्षक संघ, नवीन शिक्षक संघ की मांग है कि अंतर्विभागीय गठित समिति तत्काल रिपोर्ट को सार्वजनिक करे तथा शिक्षा विभाग द्वारा सहायक शिक्षकों के वेतनमान की विसंगति को दूर किया जावे।

संजय शर्मा प्रदेश अध्यक्ष छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन, वीरेंद्र दुबे प्रदेश अध्यक्ष शालेय शिक्षक संघ, विकास राजपूत प्रदेश अध्यक्ष नवीन शिक्षक संघ के नेतृत्व में कमेटी गठन के 1 वर्ष बाद भी सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति दूर नही होने से नाराज शिक्षक बूढ़ा तालाब में कमेटी गठन के आदेश की प्रति जलाकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।

संजय शर्मा, वीरेंद्र दुबे, विकास राजपूत ने कहा कि 16 सितम्बर 2021 को सहायक शिक्षको के वेतन विसंगति के लिए प्रमुख सचिव शिक्षा की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन 3 माह में रिपोर्ट देने किया गया था, कमेटी की बैठक भी हुई किन्तु शासन ने सहायक शिक्षको के वेतन विसंगति को दरकिनार कर दिया है, यही कारण है कि लगभग 1 साल में भी अब तक रिपोर्ट को ही सार्वजनिक नही किया गया है और वेतन विसंगति की मांग भी नही माना गया है। शासन ने सहायक शिक्षको के वेतन विसंगति का क्या हश्र किया हुआ है, समिति के कार्यप्रणाली व शासन के रवैये से स्पष्ट है।

उन्होंने कहा कि अब शासन से पूछा जाएगा कि कमेटी 3 माह के लिए गठित की गई थी तो 1 साल में भी कमेटी ने निर्णय क्यो नही दिया और सहायक शिक्षको के लिए वेतन विसंगति दूर करने का आदेश क्यो जारी नही किया गया?

उन्होंने आगे कहा है कि प्रथम नियुक्ति तिथि की गणना कर 20 वर्ष में पूर्ण पेंशन, सहायक शिक्षको के वेतन विसंगति (समानुपातिक), प्रथम नियुक्ति तिथि से क्रमोन्नति, अवरुद्ध पदोन्नति शीघ्र करने, प्राचार्य पद को वन टाइम रिलेक्सेशन में शामिल करने के मुद्दे पर पहल करने की बात की है।

अब पुरानी पेंशन लागू हो गई है, किन्तु पूर्ण पेंशन 1 लाख 65 हजार शिक्षको का मामला है जिसमे एल बी संवर्ग के 82 हजार सहायक शिक्षक एवं 83 हजार शिक्षक, व्याख्याता है, पुरानी पेंशन में अभी बड़ी पेंच है, सहायक शिक्षक स्वतंत्र रूप से वेतन विसंगति के लिए लड़े पर अब तक कुछ नही मिला है, प्रथम नियुक्ति तिथि से सहायक शिक्षक को क्रमोन्नति में व व्याख्याता, शिक्षक को समयमान में वित्तीय लाभ मिलेगा, न्यायालय में पदोन्नति अवरुद्ध है, प्राचार्य के पद को वन टाइम रिलेक्सेशन में शामिल नही किया गया, इन सबसे शासन को ही लाभ मिल रहा है।

पूर्व सेवा अवधि की गणना कर प्रथम नियुक्ति तिथि से 20 वर्ष की सेवा को पूर्ण पेंशन हेतु मान्य कर पुरानी पेंशन लागू करने, सहायक शिक्षको के वेतन विसंगति को दूर करने हेतु प्राथमिक शिक्षा को विशेष शिक्षा का दर्जा देकर व्याख्याता – शिक्षक के समानुपातिक सहायक शिक्षक का वेतनमान सुधार करने, 2013 में लागू शिक्षक समतुल्य वेतनमान को 1.86 गुणांक के आधार पर वेतनमान निर्धारण कर संशोधित एल पी सी जारी करने, पूर्व सेवा अवधि को जोड़ते हुए सहायक शिक्षको को प्रचलित नियम अनुसार सीधे उच्च वर्ग शिक्षक का 4200 ग्रेड पे का उच्चतर वेतनमान देते हुए क्रमोन्नति का आदेश करने तथा शिक्षक व व्याख्याता के लिए समयमान वेतनमान का आदेश जारी करने व न्यायालय में अवरुद्ध पदोन्नति पर शासन द्वारा ठोस पहल हो, इस हेतु प्रयास किया जाएगा।

 

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