सहायक शिक्षकों के साथ धोखा ढाई साल बीत जाने के बाद भी वेतन विसंगति के लिए तरस रहे 109000 सहायक शिक्षक बार-बार आखिर सड़क पर उतरने की जरूरत क्यों पड़ती है

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रायपुर – प्रदेश में सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति का मुद्दा शांत ही नहीं हो रहा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 2018 में संविलियन के बाद कहा था। संविलियन से केवल वर्ग 01 एवं वर्ग 02 के शिक्षकों को लाभ हुआ है, वर्ग 03 के शिक्षकों के साथ धोखा हुआ है। उक्त बयान का पेपर कटिंग सोसल मिडिया के माध्यम से वायरल हो रहा है। चुनाव के पहले घोषणा पत्र में भी सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति को दूर करने की बात कही गई थी। ढाई वर्ष पश्चात भी सहायक शिक्षकों को आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला।*

*ज्ञात हो कि प्रदेश में 01 जुलाई 2018 की स्थिति में 8 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले शिक्षा कर्मियों को स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन किया गया था। संविलियन होने के बाद भी सहायक शिक्षकों का वेतन विसंगति कायम रहा ,जो अब तक जारी है। व्याख्याता और शिक्षक के वेतनमान में बहुत मामूली अंतर है लेकिन सहायक शिक्षकों और शिक्षकों के वेतन में 10 से 12 हजार का अंतर है। इसी अंतर को वेतन विसंगति कहा जाता है*

*घोषणा पत्र में वेतन विसंगति दूर करने का उल्लेख* – प्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश कांग्रेस पार्टी ने अपनी घोषणा पत्र में प्रमुखता के साथ सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति के मुद्दे को दूर करने की घोषणा की थी। चुनाव के बात भारी बहुमत से कांग्रेस पार्टी ने सरकार बनाई लेकिन सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति के मुद्दे पर सरकार अभी तक कोई फैसला नहीं ले पाया है। सरकार बनने के बाद छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन एवं अन्य संगठनों के द्वारा इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री , शिक्षा मंत्री से चर्चा हुई है लेकिन चर्चा में आश्वासन के आलावा अब तक कुछ हासिल नहीं हुआ।

*12 मार्च 2021 को राजधानी रायपुर में हुई थी जोरदार धरना प्रदर्शन* – छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के बैनर तले 12 मार्च 2021 को राजधानी रायपुर में वेतन विसंगति के मुद्दे को लेकर जोरदार धरना प्रदर्शन एवं रैली की गई थी। उक्त धरना प्रदर्शन में कई हजार सहायक शिक्षकों ने भाग लिया था। भीड़ को देखते हुए शिक्षा मंत्री ने इस मुद्दे पर चर्चा हेतु प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया था। चर्चा के दौरान शिक्षा मंत्री ने आगामी माह में मांग पूर्ण होने की जानकारी दी थी। फिर अप्रैल माह में कोरोना महामारी के दूसरे लहर के चलते इस मुद्दे पर चर्चा नहीं हो पाई।

*शिक्षा मंत्री ने मांग को माना जायज* – सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति के मुद्दे को प्रदेश के शिक्षा मंत्री सहित अन्य वरिष्ठ मंत्रियों ने जायज माना है। और बहुत जल्द पूरा करने की बात भी कहे है। लेकिन सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति के मुद्दे पर अभी तक कोई आदेश जारी नहीं हो रहे। पिछले दो दौर के चर्चा के दौरान बहुत जल्द मांग पूरा होने की जानकारी मिलती है। लेकिन कई माह बीतने के बाद भी इस पर सकारात्मक निर्णय नहीं हो पाया।

*मांग पूरा होने की उम्मीद* – प्रदेश में जिस प्रकार से मंत्रियों के बयान आते है और प्रतिनिधि मंडल से चर्चा होती है उससे आगामी कुछ महीनो में मांग पूरा होने की उम्मीद बन रही है। लेकिन प्रदेश सरकार कोरोना महामारी के चलते मामले पर विशेष ध्यान नहीं दे रही। सहायक शिक्षकों के मांग को सरकार जायज मानती है तो यथा शीघ्र वेतन विसंगति दूर कर देनी चाहिए। कल ही फेडरेशन के पदाधिकारियों ने वरिष्ठ मंत्री श्री रविंद्र चौबे से इस मुद्दे पर बात की मंत्री महोदय ने उक्त मुद्दे पर शिक्षा मंत्री से चर्चा करने और जल्द मांग पूरा करने का भरोषा दिलाये। विगत दिनों छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन का प्रतिनिधिमंडल माननीय शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम जी से मुलाकात किया गया था जिसमें माननीय मंत्री महोदय जी द्वारा मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन को सहायक शिक्षकों के मांगों के संबंध में पत्र प्रेषित किया गया था जिसकी आज तक जानकारी नहीं हो पाई है सरकार वर्ग 3 की मांगों को हमेशा अनदेखा करते आ रही है जिससे 109000 सहायक शिक्षक साथियों में नाराजगी है जो आने वाले समय में 109000 सहायक शिक्षक साथियों की नाराजगी सरकार के लिए समस्या पैदा कर सकती है।

छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन छत्तीसगढ़ का एकमात्र सबसे बड़ा संग है जो 109000 सहायक शिक्षक साथियों से बना हुआ है इसकी नाराजगी सरकार के लिए भारी पड़ सकती है इसलिए सरकार को सहायक शिक्षकों के संबंध में विचार करते हुए तत्काल उनकी 1 सूत्री मांग वेतन विसंगति का निदान कर देना चाहिए

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