रायपुर।कोरोना काल मे पारा क्लास लगाने वाले सहायक शिक्षको का सम्मान नही कर सकते तो जिले के अधिकारी ऐसे सहायक शिक्षको का अपमान भी न करे।एक तरफ
स्कूल शिक्षा मंत्री पारा क्लास संचालित करने वाले शिक्षकों को पुरस्कार देने की बात करते है और दूसरी तरफ अधिकारी हरामखोर बोलकर काम करने वाले सहायक शिक्षको का अपमान कर रहे है।
इस प्रकार का मनोबल गिराने का काम करने वाले अधिकारी कदापि अधिकारी बनने के योग्य नही है उक्त अधिकारी को उनके मूल पद प्राचार्य के पद पर वापस कर दिया जाना चाहिए।
ताकि ऐसे अधिकारी स्कूल में जाकर उदाहरण प्रस्तुत कर सके कि कोरोना काल मे किस प्रकार से कार्य किया जा सके।
छ ग सहायक शिक्षक फेडरेशन सहायक शिक्षको का अपमान बर्दास्त नही करेगा।
छ ग सहायक शिक्षक फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष मनीष मिश्रा ने कहा कि बच्चो को स्कूल के बजाए पारा मोहल्लों में जाकर पढ़ाई से जोड़े रखने वाले सहायक शिक्षक के साथ महासमुंद जिले के सोरिद संकुल में डीएमसी सतीश नायर ने निरीक्षण के दौरान कर्तव्य पर उपस्थित महिला सहायक शिक्षको के साथ जो अपमान जनक बयान बाजी कर उनका मनोबल को कमजोर किया है यह एक निंदनीय कृत्य है जिसकी फेडरेशन कड़े शब्दों में निंदा करता है।
प्रदेश अध्यक्ष मनीष मिश्रा ने कहा कि एक जवाबदार अधिकारी के द्वारा हरामखोर शब्दो का चयन शिक्षको के साथ करना कदापि उचित नही है।
श्री मिश्रा ने कहा कि वे फेडरेशन जिला अध्यक्ष से सम्पूर्ण मामले की रिपोर्ट प्राप्त कर अति शीघ्र इस मामले को लेकर शिक्षा मंत्री व डीपीआई से मुलाकात कर दोषी अधिकारी पर तत्काल कार्यवाही की मांग करेगे।