BEO कार्यालय के लेखापाल को 10 हजार की रिश्वत लेते ACB ने रंगे हाथों किया गिरफ्तार

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अंबिकापुर BEO ऑफिस में पदस्थ एक लेखापाल को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते ACB ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। इसकी शिकायत 4 साल पहले मृत शिक्षक की पुत्री ने एसीबी दफ्तर अंबिकापुर में की थी। पिछले 4 साल से जीपीएफ, गेच्यूटी समेत अन्य देयकों के भुगतान के लिए वह कर्मचारी के परिजन को दौड़ा रहा था।

वहीं 10 हजार रुपए की रिश्वत के बदले अवकाश नकदीकरण की राशि का भुगतान कराने के लिए वह तैयार हुआ था। इसी बीच बुधवार को योजना बनाकर एसीबी के ऑफिसरों ने उसे गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ आगे की कार्रवाई की जा रही है।

ये मामला सरगुजा जिले के लुंड्रा बीईओ दफ्तर में पटेल राम राजवाड़े लेखापाल से सम्बंधित है। लुंड्रा क्षेत्र देवरी प्राइमरी स्कूल में सूरजपुर जिले के डेडरी, सलका निवासी परमेश्वर राम राजवाड़े हेडमास्टर के पद पर पदस्थ थे। 26 अप्रैल 2016 में उपकी आकस्मिक मृत्यु हो गई थी।

दिवंगत हो चुके हेडमास्टर के जीपीएफ, गेच्यूटी समेत अन्य बकाया राशि के लिए 4 साल से उनके परिजनों को दौड़ाया जा रहा था। इसी बीच वह 10 हजार रुपए की रिश्वत के बदले देयकों का भुगतान करने के लिए तैयार हो गया। इसी बीच दिवंगत हेडमास्टर की बेटी निर्मला राजवाड़े 29 वर्ष ने इसकी शिकायत 1 जून 2020 को एसीबी कार्यालय अंबिकापुर में की।

उसने बताया कि जीपीएफ, गेच्यूटी एवं समूह बीमा के भुगतान के बदले पहले ही लेखापाल उनसे 5 हजार रुपए ले चुका है। अब अवकाश नकदीकरण का भुगतान करने के बदले वह 50 हजार रुपए रिश्वत की मांग कर रहा है।

1 जून को जब वह लेखापाल के अंबिकापुर स्थित घर पर मिलने गई तो उसने कहा कि इस काम के बदले वह दूसरों से 20 हजार से 30 हजार रुपए तक लेता है। बाद में वह 10 हजार रुपए में काम करने को तैयार हो गया। इसके बाद एसीबी की टीम द्वारा रंगे हाथों उसे गिरफ्तार करने की योजना बनाई गई।

रिश्वत लेते ही किया गिरफ्तार
प्लान के अनुसार बुधवार की सुबह करीब 11.30 बजे दिवंगत हेडमास्टर की बेटी केमिकल लगे रिश्वत की रकम लेकर लेखापाल से मिलने अंबिकापुर महामाया पेट्रोल पंप के पास पहुंची।

इस दौरान एसीबी की टीम यह सब नजारा देख रही थी। युवती ने जैसे ही 10 हजार रुपए उसके हाथ में दिए, वहां पहुंची एसीबी की टीम ने उसे रुपयों के साथ गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 एवं संशोधन अधिनियम 2018 के तहत कार्रवाई की गई।

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