कैबिनेट में हो शिक्षा कर्मियों के लिए 18 जून को बेहतर निर्णय- प्रांतीय संचालक संजय शर्मा

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Exclusive – प्रदेश संचालक संजय शर्मा ने अपेक्षा ब्यक्त की है समतुल्य वेतन निर्धारण की विसंगति दूर करते हुए समानुपातिक, कर्मोनन्ति के आधार पर छठवे ( समतुल्य/ पुनरीक्षित) वेतनमान का निर्धारण कर विद्यमान वेतन पर सातवे वेतनमान के निर्धारण का लाभ देते हुए 08 वर्ष का बंधन समाप्त कर ब्याख्याता, शिक्षक, सहायक शिक्षक के पद पर ही संविलियन का केबिनेट में प्रस्ताव किया जाएगा।

मुख्यमंत्री जी ने विकास यात्रा के मंच से अपने उद्बोधन में क है कि नियमित शिक्षको व शिक्षाकर्मियो के सेवा शर्तों व सुविधाओ में अंतर था व संविलियन से समाप्त हो जाएगा

संजय शर्मा ने अपेक्षा ब्यक्त की है कि मुख्यमंत्री जी का यह घोषणा का केबिनेट में निर्णय पश्चात दोषरहित संविलियन आदेश जारी होगा।

केबिनेट निर्णय पश्चात समीक्षा की जाएगी

शिक्षक मोर्चा के प्रदेश संचालक संजय शर्मा, प्रदेश उप संचालक हरेंद्र सिंह, देवनाथ साहू, बसंत चतुर्वेदी, प्रवीण श्रीवास्तव, विनोद गुप्ता, मनोज सनाढ्य, शैलेन्द्र पारीक, सुधीर प्रधान, विवेक दुबे ने मुख्यमंत्री जी से मांग करते हुए कहा है कि

सातवा वेतनमान व संविलियन के लिए 08 वर्ष का बंधन न रखा जावे।

नियुक्ति तिथि के 10 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर क्रमोन्नति वेतन दिया जावे।

क्रमोन्नति के आधार पर सातवाँ वेतन का निर्धारण किया जावे

संस्था प्रमुख (प्राचार्य व प्रधानपाठक ) के पद पर पदोन्नति का प्रावधान किया जावे।

सीपीएस– समग्र (मूल वेतन + मंहगाई भत्ता) में कटौती का प्रावधन किया जावे।

खुली स्थानांतरण नीति व शर्त विहीन अनुकंपा नियुक्ति

मध्यप्रदेश में कैबिनेट बैठक के बाद जारी संक्षेपिका में संविलियन तिथि से वरिष्ठता दिए जाने का प्रावधान किया गया है, जिसका M P में विरोध हो रहा है।
छत्तीसगढ़ में संविलियन पश्चात वरिष्ठता का लाभ नियुक्ति तिथि से दिया जावे तथा मूल पदों पर ही संविलियन किया जावे।

मध्यप्रदेश में कैबिनेट बैठक के बाद जारी संक्षेपिका में आवास भत्ता, चिकित्सा प्रतिपूर्ति ,यात्रा भत्ता का ही उल्लेख है।
ग्रेच्यूटी,अर्जित अवकाश के नगदीकरण, समूह बीमा, का भी उल्लेख नही किया गया है,

छत्तीसगढ़ में होने वाले संविलियन आदेश में आवास भत्ता, चिकित्सा प्रतिपूर्ति ,यात्रा भत्ता के अलावा ग्रेच्यूटी,अर्जित अवकास के नगदीकरण, समूह बीमा का भी प्रावधान किया जावे।

ग्रेच्यूटी व अर्जित अवकश नगदीकरण में वर्तमान 05 साल तक वित्तीय भार नही आएगा, सेवानिवृत के बाद ही भुगतान करना पड़ेगा।

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