संघर्ष मोर्चा Exclusive:आज हरितालिका व्रत है जिसे हमारे यहां तीजा भी कहते हैं।तीजा छत्तीसगढ़ सहित देश के कई राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है। हरितालिका भाद्रप्रद माह के शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। इस वक्त को विवाहित महिलाएं अपने अखंड सौभाग्य की कामना के लिए रखते हैं वही अविवाहित लड़कियां भी सुयोग्य वर प्राप्ति के कामना के लिए भी करते हैं।
हरितालिका व्रत के विषय में शिव पुराण मैं वर्णन किया गया है कि भगवान शिव को प्राप्त करने के लिए माता पार्वती जी के द्वारा हरितालिका व्रत रखा गया था इसलिए इस व्रत का विशेष महत्व है पार्वती जी के तपस्या एवं आराधना से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने माता पार्वती को पत्नी रूप में स्वीकार किया था।
व्रत करने की विधि
🔴तीजा व्रत में महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और व्रत के अगले दिन जल ग्रहण करती है।
🔵हरितालिका व्रत में महिलाएं रात को जागरण कर भजन कीर्तन करती है।
🔴तीजा व्रत में भगवान शंकर और माता पार्वती की मूर्ति बनाकर उनकी पूजा की जाती है।
🔵इस व्रत में माता पार्वती को सुहाग की सभी चीजों को अर्पित करना चाहिए वही शिव जी को वस्त्र रूप में धोती गमछा आदि चढ़ाना चाहिए।
हरितालिका व्रत में उपवास रखने वाली महिलाएं ये काम न करें तो बेहतर रहेगा।ऐसी मान्यता है।
🔹व्रत करने वाली महिलाओं को क्रोध करने से बचना चाहिए।
🔹तीज व्रत रखने वाली महिलाओं को रात को सोना नही चाहिए।
🔹तीज व्रत रखने वाली महिलाओं को बुजुर्गों का अपमान नहीं करना चाहिए।
🔹तीज व्रत रखने वाली महिलाओं को अपने पति से भूलकर भी विवाद नहीं करना चाहिए क्योंकि व्रत ही पति के सुख समृद्धि एवं दीर्घायु होने के लिए किया जाता है।