रायपुर 30 जुलाई 2018। शिक्षाकर्मियों के सरकार द्वारा संविलियन करने के बाद भी कुछ मुद्दों को लेकर के शिक्षाकर्मियों में खासी नाराजगी अभी भी व्याप्त है। 23 वर्षों के बाद अथक परिश्रम करने के बाद शिक्षाकर्मियों के संविलियन का लाभ सरकार द्वारा दे तो दिया गया किंतु उसमें व्याप्त विसंगतियों से संविलियन पाने की खुशी शिक्षाकर्मी जाहिर नहीं कर पा रहे हैं। शिक्षाकर्मियों की माने तो संविलियन बिना शक्कर की खीर जैसा है। जिसमें लाभ तो मिला लेकिन विसंगति के कारण उसका सही मायने में लाभ शिक्षाकर्मियों को नहीं मिल पाया।शिक्षाकर्मियों ने आज Facebook लाइव के माध्यम से प्रदेश के मुखिया डॉ रमन सिंह से एक बार फिर संविलियन में व्याप्त विसंगतियों को दूर करने की मांग करेंगे ।प्रमुख विसंगतियों में संविलियन के लिए 8 वर्ष बंधन को समाप्त करना, क्रमोन्नति प्रदान करना, और वेतन विसंगति को दूर करना प्रमुख है। शिक्षाकर्मियों ने बताया कि इस विसंगति का उदय 2013 के पुनरीक्षित वेतनमान से ही हुआ है कि जब वर्तमान वेतन को अनुसूची 2 के अनुसार छठवें वेतनमान में निर्धारण न करते हुए छठवें वेतन के प्रारंभिक पर निर्धारण कर दिया गया।और अब जब सातवें वेतनमान का लाभ शिक्षाकर्मियों को संविलियन पश्चात मिल रहा है।उसमें पूर्व के वेतन को ही आधार मानकर वेतन निर्धारण किया जा रहा है जिससे वेतन विसंगति बहुत अधिक हो गया है।