*।।श्री रामचंद्राय नमः।।*
*।।श्री राम नवमी पर्व।।*
*मान्यवर बंधुओ*
*सादर प्रणाम।🙏*
*🌈कोरोना वायरस डिसीज -19 (COVID-19)के चलते देश में 21 दिन तक लाकडाउन चल रहा है। भगवान इस वैश्विक विपदा से विश्व जन समुदाय की रक्षा करे।*
*🌈2 अप्रैल 2020 दिन गुरुवार को श्री रामनवमीं पर्व है। हम अपने घर में परिवार सहित इस तरह श्री राम जन्मोत्सव (श्री राम नवमी पर्व ) मना सकते हैं।*
*👉प्रातः 11:30 बजे अपने घर के पूजा स्थल पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री रामचंद्र जी के मूर्ति/ चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर भाव के साथ श्री राम , सीता , भरत , लक्ष्मण , शत्रुघ्न , हनुमान जी का आह्वान करें। (गौरी- गणपति , कलश स्थापना कर षोडशोपचार पूजन करें )*
*👉11:45 बजे श्रीरामचरितमानस के बालकांड दोहा क्र. 185 से 192 तक परिवार सहित एक स्वर में पाठ /स्तुति /गायन करें।*
*दोहा* – सुनि बिरंचि मन हरष तन पुलक नयन बह नीर।
अस्तुति करत जोरि कर सावधान मतिधीर ।।
*छंद* – जय जय सुरनायक जन सुखदायक प्रनतपाल भगवंता ।
गो द्विज हितकारी जय असुरारी सिंधुसुता प्रिय कंता।।
पालन सुर धरनी अद्भुत करनी मरम न जानइ कोई।
जो सहज कृपाला दीन दयाला करउ अनुग्रह सोई।।
जय जय अविनासी सब घट बासी व्यापक परमानंदा।
अविगत गोतितं चरित पुनितं माया रहित मुकुंदा।।
जेहि लागि बिरागी अति अनुरागी बिगत मोह मुनिबृंदा।
निसि बासर ध्यावहिं गुनगन गावहिं जयति सच्चिदानंदा।।
जेहि सृष्टि उपाई त्रिविध बनाई संग सहाय न दूजा।
सो करउ अघारी चिंत हमारी जानिअ भगति न पूजा।।
जो भव भय भंजन मुनि मन रंजन गंजन बिपति बरूथा ।
मन बच क्रम बानी छाड़ि सयानी शरण सकल सुरजूथा।।
सारद श्रुति सेषा रिषय असेषा जा कहूँ कोउ नहिं जाना।
जेहि दीन पिआरे बेद पुकारे द्रवउ सो श्रीभगवाना।।
भव बारिधि मंदर सब विधि सुंदर गुन मंदिर सुख पुंजा।
मुनि सिद्ध सकल सूर परम भयातुर नमत नाथ पद कंजा।।
*दोहा*-जानि सभय सुर भूमि सुनि बचन समेत सनेह।
गगनगिरा गंभीर भइ हरनि सोक संदेह।।
(क्रमशः रामचरितमानस पढ़ें)……………
*दोहा* -जोग लगन ग्रह बार तिथि सकल भए अनुकूल।
चर अरु अचर हर्षजुत राम जनम सुख मूल ।।
*चौ.* – नौमी तिथि मधु मास पुनीता , सुकल पक्ष अभिजित हरिप्रीता।
मध्यदिवस अति सीत न घामा , पावन काल लोक विश्रामा।
………….
*दोहा* – सुर समूह बिनती करि पहुंचे निज निज धाम।
जगनिवास प्रभु प्रगटे अखिल लोक विश्राम।।
*छंद* भए प्रगट कृपाला दीन दयाला कौशल्या हितकारी ।
हर्षित महतारी मुनि मन हारी अद्भुत रूप बिचारी ।।
लोचन अभिरामा तनु घनश्यामा निज आयुध भुज चारी।
भूषन बनमाला नयन बिसाला शोभासिंधु खरारी ।।
कह दुइ कर जोरी अस्तुति तोरी केहि बिधि करौं अनंता ।
माया गुन ज्ञानातीत अमाना बेद पुराण भनंता ।।
करुणा सुख सागर सब गुन आगर जेहि गावहिं श्रुति संता ।
सो मम हित लागी जन अनुरागी भए प्रगट श्रीकंता।।
ब्रह्मांड निकाया निर्मित माया रोम रोम प्रति वेद कहै।
मम उर सो बासी यह उपहासी सुनत धीर मति थिर न रहै ।।
उपजा जब ज्ञाना प्रभु मुस्काना चरित बहुत बिधि कीन्ह चहै।
कहिं कथा सुहाई मातु बुझाई जेही प्रकार सुत प्रेम लहै ।।
माता पुनि बोली सो मति डोली तजहु तात यह रूपा ।
कीजै शिशुलीला अति प्रियशीला यह सुख परम अनुपा ।।
सुनि बचन सुजाना रोदन ठाना होइ बालक सुर भूपा ।
यह चरित जे गावहिं हरिपद पावहिं ते न परहिं भवकूपा।।
*दोहा*- बिप्र धेनु सुर संत हित लीन्ह मनुज अवतार।
निज इच्छा निर्मित तनु माया गुन गो पार।।
*जय घोष*
*।।सियावर रामचंद्र की जय।।*
*।।उमापति महादेव की जय।।*
*।।बोलिए चारों भाइयों की जय।।*
*।।पवन सुत हनुमान की जय।।*
*।।गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज की जय।।*
12:00 बजे
*श्री राम जन्म की बधाई हो।*
*श्री राम जन्म की बधाई हो।*
*श्री राम जन्म की बधाई हो।*
(श्री राम आरती घंटी, घंटा, शंख बजाकर)
*हे राजा राम तेरी आरती उतारुँ।।*
*आरती उतारुँ तन मन वारुँ।। हे राजा राम…।।*
*कनक सिंहासन राजत जोरी ,*
*दशरथ नंदन जनक किशोरी ।*
*युगल छवि को सदा निहारुँ।। हे राजा राम… ।।*
*वाम भाग शोभित जग जननी ,*
*चरण विराजत है सुत अंजनी।*
*इन चरणों में जीवन वारुँ।। हे राजा राम…।।*
*चरणों से निकली गंगा प्यारी ,*
*पावन करती है दुनिया सारी।*
*इन चरणों को सदा पखारुँ।।हे राजा राम…।।*
*आरती हनुमत के मन भावे,* *रामकथा नित शिवजी गावैं।*
*मैं सुन सुन में जनम सँवारुँ।। हे राजा राम…।।*
*।।बोलिए श्री रामचंद्र भगवान की जय।।*
(बड़ों का प्रणाम कर आशीर्वाद लेवें।)
खीर , पुरी , ऋतु फल , मिठाई , नारियल प्रसाद वितरण करें।
मुख्य द्वार या घर के छत पर हनुमान जी का ध्वज चढ़ावे ।
शाम को आंगन में रंगोली बनाकर 9 दीप प्रज्वलित करें ।
*।।जय सियाराम।।*
(साभार)
नेतराम साहू व्याख्याता (रसायन)
खजरी , रायगढ़ छत्तीसगढ़