जशपुर 12 जून: शिक्षाकर्मियों के संविलियन की घोषणा के क्रियान्वयन पर उठ रहे सवालों के बीच आज प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने बयान दिया कि हम जो करते हैं सोच समझ के करते।हैं हमने शिक्षाकर्मियों के समस्या के निराकरण के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी कमेटी को पर्याप्त समय दिया था कमेटी में वित्त,शिक्षा सामान्य प्रशासन,नगरीय प्रशासन,पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव भी शामिल थे।उन्होंने इस बीच कई राज्यों का दौरा भी किया है। पूरे अध्ययन करने के पश्चात वित्तीय प्रबंधन के विषय पर विचार करते हुए अपनी रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत किये हैं।उसका अध्ययन करने के पश्चात ही संविलियन की घोषणा की गई है। पत्रकारों के सवालों के जवाब में मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हम जो कहते हैं वह करते हैं बहुत सोच-विचारकर संविलियन का निर्णय लिया गया है इधर शिक्षाकर्मियों में तरह-तरह की चर्चाएं आपस में चलने लगी है क्या शिक्षाकर्मियों में इस बार भी वर्ष बंधन कर भेद पैदा करने की बात होगी| आने वाला समय ही पता चलेगा कि छत्तीसगढ़ में क्या वास्तव में संविलियन की प्रक्रिया मध्यप्रदेश और राजस्थान से बेहतर किया जाएगा या फिर फिर से शिक्षाकर्मी छले जाएंगे।