आज 8 जून को शिक्षाकर्मियों के लिए गठित हाई पावर कमेटी अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपने जा रही है।पहले से तय समयानुसार दोपहर में समिति के सदस्यों द्वारा सीधे मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह को कमेटी की रिपोर्ट सौंपा जाएगा।संभव है कि कमेटी के रिपोर्ट सौंपने के बाद मुख्यमंत्री के साथ समिति के सदस्यों की बैठक आयोजित कर किसी अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचा जाए और शिक्षाकर्मियों के लिए कुछ बड़ा निर्णय राज्य सरकार के द्वारा लिया जा सकता है। संविलियन के रिपोर्ट सार्वजनिक होने के पूर्व ही तरह-तरह के कयास संविलियन नीति पर लगाए जा रहे हैं।प्रदेश में केवल 8 वर्ष पूर्ण करने वाले ही शिक्षाकर्मियों को संविलियन का लाभ मिलने की चर्चा हो रही है।शिक्षाकर्मियों को मध्य प्रदेश की तरह शिक्षा विभाग में ही अलग कैडर बनाकर संविलियन करने के नियम से हटकर छत्तीसगढ़ में वर्तमान में कार्यरत विभाग में ही शासकीय शिक्षकों के समकक्ष वेतन भत्ते एवं सुविधा प्रदान करने की तैयारी की जा रही है।प्रदेश में सभी शिक्षाकर्मियों के संविलियन में वित्तीय भार को देखते हुए सरकार द्वारा इसमें 8 वर्ष सेवा अवधि का बंधन करने की जानकारी मिल रही है।ऐसे में रिपोर्ट सार्वजनिक होने के पूर्व से ही कई प्रकार की चर्चा शिक्षा कर्मियों एवं विभागीय स्तर पर जारी है।
शिक्षक मोर्चा के प्रदेश संचालक संजय शर्मा, प्रदेश उप संचालक हरेंद्र सिंह,देवनाथ साहू, बसंत चतुर्वेदी,प्रवीण श्रीवास्तव, विनोद गुप्ता, मनोज सनाढ्य, शैलेन्द्र पारीक, सुधीर प्रधान, विवेक दुबे,संजय उपाध्याय ने निवेदन किया है की शिक्षाकर्मियों के जल्द से जल्द इंतजार की घड़ियों को खत्म करते हुए समतुल्य वेतन निर्धारण की विसंगति दूर करते हुए समानुपातिक, कर्मोनन्ति के आधार पर छठवे ( समतुल्य/ पुनरीक्षित) वेतनमान का निर्धारण कर विद्यमान वेतन पर सातवे वेतनमान के निर्धारण का लाभ देते हुए ब्याख्याता, शिक्षक, सहायक शिक्षक के पद संविलियन का लाभ दें!साथ ही उनका यह भी कहना है की रिपोर्ट सौपने के तत्काल बाद प्रतिवेदन को सार्वजनिक किया जावे, उन्हें शासन प्रशासन द्वारा शिक्षाकर्मियों के हित में अनुकूल निर्णय लिए जाने की अपेक्षा है और रिपोर्ट का खुलासा होने के बाद मोर्चा द्वारा इसकी समीक्षा की जाएगी। उसके बाद ही आगे की रणनिति तय की जाएगी।